मनोहर पर्रिकर ने गोवा में ढहाया था कांग्रेस का गढ़

Webdunia
रविवार, 17 मार्च 2019 (21:51 IST)
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक से देश के रक्षा मंत्री और गोवा के मुख्यमंत्री पद तक पहुंचे मनोहर पर्रिकर की उनके तटीय गृह राज्य गोवा में छवि एक सीधे सादे, सामान्य व्यक्ति की रही। पर्रिकर ने लंबे समय तक कांग्रेस का गढ़ रहे गोवा में भाजपा का प्रभाव बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
 
63 वर्षीय पर्रिकर ने चार बार गोवा के मुख्यमंत्री के रूप में काम किया और नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल में रक्षा मंत्री के तौर पर तीन वर्ष सेवाएं दीं। भाजपा के सभी वर्गों के साथ ही विभिन्न पक्षों के बीच लोकप्रिय पर्रिकर ने लंबे समय तक कांग्रेस का गढ़ रहे गोवा में भाजपा का प्रभाव बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
 
एक मध्यमवर्गीय परिवार में 13 दिसंबर 1955 को जन्मे पर्रिकर ने संघ के प्रचारक के रूप में अपना राजनीतिक करियर आरंभ किया था। पर्रिकर ने आईआईटी-बंबई से इंजीनियरिंग में स्नातक करने के बाद भी संघ के लिए काम जारी रखा।
 
पर्रिकर ने बहुत छोटी उम्र से आरएसएस से रिश्ता जोड़ लिया था। वे स्कूल के अंतिम दिनों में आरएसएस के ‘मुख्य शिक्षक’ बन गए थे। पर्रिकर ने संघ के साथ अपने जुड़ाव को लेकर कभी भी किसी तरह की परेशानी महसूस नहीं की। उनका संघ द्वारा आयोजित 'संचालन' में लिया गया एक फोटोग्राफ इसकी पुष्टि करता है, जिसमें वे संघ के गणवेश और हाथ में लाठी लिए नजर आते हैं।  आईआईटी से पढ़ाई पूरी करने के बाद वे 26 साल की उम्र में मापुसा में संघचालक बन गए।
 
मनोहर पर्रिकर ने रक्षा मंत्री के तौर पर अपने कार्यकाल में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में भारतीय सेना के सर्जिकल हमले का श्रेय भी संघ की शिक्षा को दिया था। ऐसा माना जाता है कि राज्य के सबसे पुराने क्षेत्रीय राजनीतिक दल ‘महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी’ की बढ़त रोकने के लिए भाजपा ने पर्रिकर को राजनीति में खींचा।
 
पर्रिकर ने चुनावी राजनीति में 1994 में प्रवेश किया, जब उन्होंने पणजी विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा के टिकट पर चुनाव जीता। वे जून से नवंबर 1999 तक गोवा विधानसभा में विपक्ष के नेता रहे और उन्हें तत्कालीन कांग्रेस नीत सरकार के खिलाफ उनके भाषणों के लिए जाना जाता था।
 
पर्रिकर पहली बार 24 अक्टूबर 2000 में गोवा के मुख्यमंत्री बने, लेकिन उनका कार्यकाल केवल 27 फरवरी 2002 तक ही चला। इसके बाद पांच जून, 2002 को उन्हें फिर से चुना गया और उन्होंने मुख्यमंत्री के रूप में सेवाएं दीं। चार भाजपा विधायकों के 29 जनवरी, 2005 को सदन से इस्तीफा देने के बाद उनकी सरकार अल्पमत में आ गई। 
 
इसके बाद कांग्रेस के प्रतापसिंह राणे, पर्रिकर की जगह गोवा के मुख्यमंत्री बने। पर्रिकर के नेतृत्व वाली भाजपा को 2007 में दिगम्बर कामत के नेतृत्व वाली कांग्रेस के हाथों हार का सामना करना पड़ा। 
 
बहरहाल, वर्ष 2012 राज्य में पर्रिकर की लोकप्रियता की लहर लेकर आया और उन्होंने अपनी पार्टी को विधानसभा में 40 में से 21 सीटों पर जीत दिलाई।
 
वे फिर से राज्य के मुख्यमंत्री बने। भाजपा की जीत की लय वर्ष 2014 में भी बनी रही जब पार्टी को आम चुनाव में दोनों लोकसभा सीटों पर विजय प्राप्त हुई।
 
केंद्र में मोदी के नेतृत्व में मंत्रिमंडल के शपथ ग्रहण करने के बाद पर्रिकर को नवंबर 2014 में रक्षा मंत्री का पद दिया गया। वे 2017 तक केंद्रीय मंत्रिमंडल में रहे। गोवा विधानसभा चुनाव में पार्टी के बहुमत हासिल नहीं कर पाने पर वे मार्च 2017 में राज्य लौटे और गोवा फॉरवर्ड पार्टी एवं एमजीपी जैसे दलों को गठबंधन सहयोगी बनाने में कामयाब रहे। राज्य में एक बार फिर उनकी सरकार बनी।
 
फरवरी, 2018 के बाद से उनकी तबीयत खराब रहने लगी। उन्हें तब अग्नाशय संबंधी बीमारी के उपचार के लिए मुंबई के लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया। वे मार्च के पहले सप्ताह में इलाज के लिए अमेरिका गए जहां वे जून तक अस्पताल में रहे।
 
राज्य लौटने के बाद पर्रिकर ने फिर से काम करना आरंभ कर दिया और वे 12 दिवसीय विधानसभा सत्र में भी शामिल हुए। अगस्त के दूसरे सप्ताह में वे फिर से उपचार के लिए अमेरिका गए और कुछ दिनों बाद लौटे। वे फिर से अमेरिका गए और इस बार वहां से लौटने पर उन्हें दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया। पिछले कुछ समय से वे अपने डाउना पौला के अपने निजी आवास तक ही सीमित थे और यहीं पर उन्होंने आज अंतिम सांस ली।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

stampede : बेंगलुरु में भगदड़ की घटना में 11 की मौत, PM मोदी ने जताया दुख, खरगे बोले- हादसा दुर्भाग्यपूर्ण

क्या आपका 500 रुपए का नोट नकली तो नहीं? इस तरह पहचानें Fake currency

Stampede : चिन्नास्वामी स्टेडियम में अंदर RCB का जश्न, बाहर लोगों की भगदड़, फोटो खिंचवाने में लगे थे कांग्रेस नेता, BJP ने लगाया आरोप

यादव के बेटे तेज प्रताप के 'जयचंद' जिक्र का क्या है मतलब, जानें क्यों गद्दारों को कहा जाता है 'जयचंद'

राहुल गांधी का लंगड़े घोड़े वाला बयान कमलनाथ, दिग्विजय की सियासत से रिटायरमेंट का संकेत?

सभी देखें

नवीनतम

बेंगलुरु हादसे पर विराट कोहली बोले- मैं टूट गया हूं, मेरे पास कहने को शब्द नहीं हैं...

Dollar Vs Rupee : डॉलर के मुकाबले रुपया टूटा, जानिए कितनी हुई गिरावट...

पंजाब में मादक पदार्थ के खिलाफ अभियान, अब तक 15500 तस्कर गिरफ्तार, 9087 FIR दर्ज

Bengaluru Stampede : 11 लोगों की मौत का जिम्मेदार कौन? CM सिद्धारमैया ने कहा- 35000 की क्षमता, इकट्ठा हो गए 2-3 लाख लोग, चश्मदीद ने बताया कैसे मची भगदड़

Weather Update : असम में बाढ़ की स्थिति गंभीर, 6 लाख से ज्‍यादा लोग प्रभावित, मृतकों की संख्या पहुंची 19

अगला लेख