मोदी सरकार को सताई गन्ना किसानों की चिंता, आज हो सकता है 7,000 करोड़ के राहत पैकेज का ऐलान

Webdunia
मंगलवार, 5 जून 2018 (07:48 IST)
नई दिल्ली। किसानों का गन्ना बकाया 22,000 करोड़ रुपए से अधिक हो जाने से चिंतित सरकार नकदी की तंगी से जूझ रही चीनी मिलों के लिए 7,000 करोड़ रुपए से अधिक का राहत पैकेज घोषित कर सकती है ताकि किसानों का भुगतान जल्द से जल्द किया जा सके।
 
सूत्रों ने बताया कि मंगलवार को इस संबंध में आर्थिक मामलों पर मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) की बैठक में कोई निर्णय लिए जाने की संभावना है।
 
पिछले महीने सरकार ने गन्ना किसानों के लिए 1500 करोड़ रुपए की उत्पादन से संबद्ध सब्सिडी की घोषणा की थी ताकि गन्ना बकाए के भुगतान के लिए चीनी मिलों की मदद की जा सके।
 
चीनी मिलें गन्ना उत्पादकों का भुगतान करने में असमर्थ हैं क्योंकि चीनी उत्पादन वर्ष 2017-18 (अक्टूबर - सितंबर) में अब तक 3.16 करोड़ टन के रिकॉर्ड उत्पादन के बाद चीनी कीमतों में तेज गिरावट आने से उनकी वित्तीय हालत कमजोर बनी हुई है।
 
देश के सबसे बड़े गन्ना उत्पादक राज्य, उत्तर प्रदेश में ही किसानों का अकेले 12,000 करोड़ रुपए से अधिक का गन्ना बकाया है। सूत्रों के मुताबिक, चीनी मिलों द्वारा किसानों की बकाया राशि के भुगतान सुनिश्चित हो सके इसके लिए सरकार ने कई उपाय किए हैं। इनमें 7,000 करोड़ रुपये का एक राहत पैकेज प्रस्तावित है।
 
खाद्य मंत्रालय ने 30 लाख टन चीनी के बफर स्टॉक बनाने का प्रस्ताव दिया है। उन्होंने कहा कि चीनी स्टॉक को बनाये रखने की लागत सरकार द्वारा वहन की जाएगी, जिसके कारण राजकोष पर करीब 1,300 करोड़ रुपए का बोझ आने का अनुमान है।
 
बफर स्टॉक बनाने के अलावा, खाद्य मंत्रालय ने 30 रुपए प्रति किलो का न्यूनतम एक्स - मिल बिक्री मूल्य तय करने, मासिक चीनी को जारी करने की व्यव्स्था को पुन : लागू करने और प्रत्येक मिल के लिए कोटा तय करके मिलों पर स्टॉक रखने की सीमा तय करने का प्रस्ताव किया है।
 
संकटग्रस्त चीनी उद्योग की मदद के लिए, पेट्रोलियम मंत्रालय ने इथेनॉल की नई क्षमता के विस्तार और निर्माण के लिए चीनी मिलों को 4,500 करोड़ रुपए पर छह फीसदी ब्याज सब्सिडी का प्रस्ताव दिया है। यह योजना चीनी मिलों को ऋण चुकाने के लिए पांच साल का समय प्रदान करता है।
 
सूत्रों ने बताया कि केवल ब्याज सब्सिडी के कारण सरकार को 1,200 करोड़ रुपए का बोझ वहन करना होगा।
 
पेट्रोलियम मंत्रालय इथेनॉल मूल्य बढ़ाने के बारे में भी सोच रहा है ताकि चीनी मिल जल्द से जल्द किसानों को भुगतान कर सकें। वर्तमान में , चीनी की औसत एक्स- मिल कीमत 25.60 से 26.22 रुपये प्रति किलो की सीमा में है, जो उनकी उत्पादन लागत से कम है।
 
केंद्र ने चीनी आयात शुल्क को दोगुना कर 100 फीसदी तक बढ़ा दिया है तथा घरेलू कीमतों में गिरावट को रोकने के लिए निर्यात शुल्क को खत्म कर दिया है। उसने चीनी मिलों से 20 लाख टन चीनी निर्यात करने को भी कहा है। (भाषा) 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

ऑटो ड्राइवर ने निकाला कमाई का नायाब तरीका, सुनकर उड़ जाएंगे होश, जानिए कितनी होती है इंकम

अब आसानी से मिलेगा तत्काल टिकट, 10 मिनट सिर्फ आधार OTP से कर सकेंगे बुकिंग

Mahua Moitra marries : कौन हैं पिनाकी मिश्र, जिनसे TMC की तेजतर्रार सांसद महुआ मोइत्रा ने की शादी

Russia-Ukraine war : रूस छुपकर हमला करने वाले ड्रोन पर कर रहा काम, जानें कैसे मचाते हैं दुश्मन देश में तबाही

श्रीकांत शिंदे का बड़ा बयान, पाकिस्तान भारत के खिलाफ करता है राहुल के बयानों का इस्तेमाल

सभी देखें

नवीनतम

जनगणना कार्यक्रम को लेकर BJP ने विपक्ष पर किया पलटवार, झूठ की राजनीति करने का लगाया आरोप

RSS प्रमुख भागवत बोले- राजनीतिक वर्ग के बीच आपसी समझ बनी रहनी चाहिए

मेरे बिना नहीं जीत पाते राष्ट्रपति का चुनाव, एलन मस्क का डोनाल्ड ट्रंप पर पलटवार

क्‍या व्लादिमीर पुतिन की सख्ती के सामने हार गए डोनाल्ड ट्रंप, बोले- यूक्रेन और रूस को कुछ समय तक लड़ने देना बेहतर होगा

Bengaluru Stampede : CM सिद्धारमैया ने पुलिस को माना बेंगलुरु भगदड़ का जिम्मेदार, इंस्पेक्टर से लेकर कमिश्नर तक के अधिकारी सस्पेंड

अगला लेख