सकारात्मक माहौल को दर्शाती मोदी, शी की मुलाकात

Webdunia
शनिवार, 12 अक्टूबर 2019 (00:22 IST)
मामल्लापुरम (तमिलनाडु)। बंगाल की खाड़ी को निहार रहे चट्टानों पर उकेरे गए सातवीं सदी के पंच रथ स्मारक की पृष्ठभूमि में शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) ने नारियल पानी का आनंद लिया और इस खूबसूरत परिदृश्य में अनौपचारिक बातचीत करके कश्मीर मामले के कारण तनावपूर्ण हुए द्विपक्षीय संबंधों के सहज और सकारात्मक दिशा में बढ़ने का संकेत दिया।

तमिलनाडु की पारपंरिक वेशभूषा ‘वेष्टि’ (धोती), सफेद कमीज और अंगवस्त्रम पहने मोदी ने अच्छे मेजबान की भूमिका निभाते हुए शी को इस प्राचीन शहर की विश्व प्रसिद्ध धरोहरों ‘अर्जुन तपस्या स्मारक’, ‘नवनीत पिंड’ (कृष्णाज बटरबॉल), ‘पंच रथ’ और ‘शोर मंदिर’ के दर्शन कराए।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट किया, यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल पर अनौपचारिक शिखर वार्ता की यह सहज प्रकृति आगे भी जारी रहेगी और यह उच्चतम स्तर पर संपर्कों को गहरा करेगी और भारत-चीन संबध के भविष्य के मार्ग को निर्देशित करेगी।

शी की भारत यात्रा से 2 दिन पहले ही चीनी राष्ट्रपति ने बीजिंग में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से बातचीत की थी। वार्ता के बाद बुधवार को जारी संयुक्त बयान में कहा गया था कि चीन कश्मीर में हालात पर करीब से नजर रख रहा है और इसका संयुक्त राष्ट्र चार्टर के आधार पर उचित तरीके से एवं शांति से समाधान निकाला जाना चाहिए। इस टिप्पणी पर नई दिल्ली ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी।

शी के चेन्नई हवाईअड्डे पर उतरने के कुछ ही देर बात सरकारी सूत्रों ने कहा कि दोनों नेता शनिवार को शिखर वार्ता के समापन के बाद कुछ निर्देश जारी कर सकते हैं। उन्होंने पिछले साल चीन के वुहान में भी पहली शिखर वार्ता के बाद ऐसा ही किया था। दोनों पक्षों के अधिकारियों ने कहा कि मोदी-शी शिखर वार्ता में कई विवादास्पद मुद्दों पर दोनों देशों के बीच मतभेदों के बावजूद आगे बढ़ने और विकास के नए मार्ग तैयार करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

मोदी सफेद कमीज और काली पतलून पहने शी चीन के फुजियांग प्रांत के साथ ऐतिहासिक रूप से जुड़े इस तटीय शहर के विरासत स्थल में प्रसिद्ध गुफाओं एवं पत्थर की मूर्तियों में काफी रुचि दिखाते दिखे।मोदी और शी की मदद के लिए उनके साथ एक-एक अनुवादक भी थे। दोनों ‘पंच रथ’ परिसर में करीब 15 मिनट बैठे और उन्होंने नारियल पानी पीते हुए गहन वार्ता की। इस बैठक की तस्वीरों में 2 उभरती अर्थव्यवस्थाओं के नेताओं के बीच गर्मजोशी और तालमेल दिखा।

दोनों नेता ‘पंच रथ’ से पल्लव वंश की सांस्कृतिक विरासत के प्रतीक ‘शोर मंदिर’ गए जिसमें की गई रोशनी देखते ही बन रही थी। वहां कुछ समय बिताने के बाद मोदी और शी के साथ दोनों पक्षों के शीर्ष प्रतिनिधिमंडल भी वहां आ गए। इसके बाद सभी ने कला क्षेत्र सोसाइटी की सांस्कृतिक प्रस्तुति का आनंद लिया।

इस समारोह के बाद मोदी ने ‘शोर मंदिर’ परिसर में एक निजी रात्रिभोज में शी की मेजबानी की। मंदिर को रोशनी और फूलों से सजाया गया था। दोनों पक्षों से आठ-आठ प्रतिनिधियों को भी इस भोज के लिए आमंत्रित किया गया था। रात्रिभोज में तमिलनाडु के चुनिंदा पारंपरिक व्यंजनों समेत शाकाहारी एवं मांसाहारी व्यंजन परोसे गए।

‘नवनीत पिंड’ (कृष्णाज बटरबॉल) स्थल पर मोदी ने शी के साथ निजी तालमेल को दर्शाते हुए उनका हाथ पकड़कर ऊपर उठाया। कुमार ने एक ट्वीट किया, साथ मिलकर, सीना ताने खड़े। इससे पहले मोदी के साथ दूसरी अनौपचारिक शिखर वार्ता के लिए यहां पहुंचे शी का चेन्नई में भव्य स्वागत किया गया। शी के यहां हवाईअड्डे पर पहुंचने पर तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित, मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी, उप मुख्यमंत्री ओ, पनीरसेल्वम और चीन में भारत के राजदूत विक्रम मिस्री ने उनका स्वागत किया।

शी के ‘एयर चाइना बोइंग 747’ विमान से भारत पहुंचने के कुछ ही देर बाद मोदी ने ट्वीट किया, राष्ट्रपति शी जिनपिंग, आपका भारत में स्वागत है। शी के साथ चीनी विदेश मंत्री वांग ई, चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी की केंद्रीय समिति के पोलित ब्यूरो सदस्य डिंग शुएशियांग और स्टेट काउंसलर यांग जिएची समेत 90 सदस्‍यीय प्रतिनिधिमंडल भी भारत पहुंचा।

शी के स्वागत में हवाईअड्डे पर एक छोटे से सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें तमिलनाडु की सांस्कृतिक विरासत को दिखाया गया। मोदी और शी शनिवार सुबह आमने-सामने की बातचीत करेंगे, जिसके बाद प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता होगी। इसके बाद दोनों पक्ष शिखर वार्ता के परिणाम पर अलग-अलग बयान जारी करेंगे।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने अपनी पहचान गोपनीय रखने की शर्त पर कहा, दोनों पक्ष जानते हैं कि इन संबंधों पर काफी कुछ टिका है और यह इस बात से पता चलता है कि शिखर वार्ता के स्थगित होने को लेकर हालिया सप्ताह में लगाई गई अटकलों के बावजूद यह वार्ता पूर्व निर्धारित समय पर ही हुई।

भारत में चीनी राजदूत सुन वीदोंग ने कहा कि अनौपचारिक शिखर वार्ता से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों के विकास की दिशा पर दिशानिर्देशक सिद्धांत समेत नई आम-सहमतियां उभर सकती हैं। दोनों पक्षों के अधिकारियों ने कहा कि दोनों नेता व्यापार संबंधों के विस्तार के तरीकों पर चर्चा कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि करीब 3500 किलोमीटर लंबी चीन-भारत सीमा पर अमन-चैन बनाए रखने, दोनों देशों की सेनाओं के बीच सहयोग बढ़ाने, आतंकवाद के खिलाफ सहयोग एवं व्यापार को बढ़ावा देने के तरीकों पर ध्यान दिया जा सकता है। दोनों नेताओं की पहली अनौपचारिक शिखर वार्ता अप्रैल 2018 में चीन के शहर वुहान में हुई थी। इससे कुछ महीने पहले ही दोनों देशों की सेनाओं के बीच डोकलाम में गतिरोध की स्थिति रही थी।

सामरिक मामलों के विशेषज्ञ अशोक कंठ के अनुसार, शुक्रवार और शनिवार को शिखर वार्ता में विवादास्पद मुद्दों से आगे बढ़ने तथा कश्मीर मामले से दोनों देशों के संबंधों पर प्रतिकूल असर नहीं पड़ने देने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। चीन के फुजियान प्रांत से मजबूत कारोबारी संबंध रखने वाले मामल्लापुरम शहर को इस आयोजन के लिए सजाया-संवारा गया है तथा सुरक्षा व्यवस्था भी पूरी तरह चाक-चौबंद रखी गई है। हालांकि इससे स्थानीय लोगों तथा पर्यटकों को थोड़ी असुविधा जरूर हो रही है।

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