लालू यादव के बाद पीयूष गोयल को भी आई कुल्हड़ों की याद, 15 साल फिर रेलवे स्टेशनों पर वापसी

Webdunia
रविवार, 20 जनवरी 2019 (12:03 IST)
नई दिल्ली। रेलवे स्टेशनों पर कुल्हड़ों की जल्द वापसी होने वाली है। पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद ने 15 साल पहले रेलवे स्टेशनों पर ‘कुल्हड़’ की शुरुआत की थी, लेकिन प्लास्टिक और पेपर के कपों ने चुपके से कुल्हड़ की जगह हथिया ली।
 
उत्तर रेलवे एवं उत्तर पूर्व रेलवे के मुख्य वाणिज्यिक प्रबंधक बोर्ड की ओर से जारी परिपत्र के अनुसार रेल मंत्री पीयूष गोयल ने वाराणसी और रायबरेली स्टेशनों पर खान-पान का प्रबंध करने वालों को टेराकोटा या मिट्टी से बने ‘कुल्हड़ों’, ग्लास और प्लेट के इस्तेमाल का निर्देश दिया है।
 
अधिकारियों ने बताया कि इस कदम से यात्रियों को न सिर्फ ताजगी का अनुभव होगा बल्कि अपने अस्तित्व को बचाने के लिये संघर्ष कर रहे स्थानीय कुम्हारों को इससे बड़ा बाजार मिलेगा।
 
सर्कुलर के अनुसार, 'जोनल रेलवे और आईआरसीटीसी को सलाह दी गई है कि वे तत्काल प्रभाव से वाराणसी और रायबरेली रेलवे स्टेशनों की सभी ईकाइयों में यात्रियों को भोजन या पेय पदार्थ परोसने के लिए स्थानीय तौर पर निर्मित उत्पादों, पर्यावरण के अनुकूल टेराकोटा या पक्की मिट्टी के कुल्हड़ों, ग्लास और प्लेटों का इस्तेमाल सुनिश्चित करें ताकि स्थानीय कुम्हार आसानी से अपने उत्पाद बेच सकें।'
 
खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के अध्यक्ष पिछले साल दिसंबर में यह प्रस्ताव लेकर आये थे। उन्होंने गोयल को पत्र लिखकर यह सुझाव दिया था कि इन दोनों स्टेशनों का इस्तेमाल इलाके के आस पास के कुम्हारों को रोजगार देने के लिए किया जाना चाहिए।
 
केवीआईसी अध्यक्ष वी के सक्सेना ने बताया, 'हमें बिजली से चलने वाले चाक दिए गए हैं जिससे हमारी उत्पादकता बढ़ गई है। इसकी मदद से हम दिन में 100 से लेकर करीब 600 कप बना लेते हैं। ऐसे में यह अहम हो जाता है कि हमें अपना उत्पाद बेचने और आय के लिए एक बाजार मिले। हमारे प्रस्ताव पर रेलवे के सहमत होने से लाखों कुम्हारों को अब तैयार बाजार मिल गया है।'
 
उन्होंने कहा कि हमारे लिए यह जीत की तरह है। समूचा समुदाय रेलवे का शुक्रगुजार रहेगा और उम्मीद करते हैं कि आखिरकार हम समूचे रेल नेटवर्क में इसका इस्तेमाल कर सकेंगे। उम्मीद है कि दोनों स्टेशनों की मांग पूरी करने के लिए मिट्टी के बर्तनों का उत्पादन ढाई लाख प्रतिदिन तक पहुंचेगा।
 
कुम्हार सशक्तिकरण योजना के तहत सरकार ने कुम्हारों को बिजली से चलने वाले चाक वितरित किए हैं। वाराणसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र है और यहां करीब 300 ऐसे चाक दिए गए हैं और 1,000 और चाक को वितरित किया जाना है। रायबरेली संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी का संसदीय क्षेत्र है। यहां ऐसे 100 चाक वितरित किये गये हैं और 700 का वितरण शेष है।
 
सक्सेना ने कहा कि केवीआईसी भी इस साल बिजली से चलने वाले करीब 6,000 चाक समूचे देश में वितरित करेगी। (भाषा) 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

PAN 2.0 Project : अब बदल जाएगा आपका PAN कार्ड, QR कोड में होगी पूरी कुंडली

तेलंगाना सरकार ने ठुकराया अडाणी का 100 करोड़ का दान, जानिए क्या है पूरा मामला?

Indore : सावधान, सरकारी योजना, स्कीम और सब्सिडी के नाम पर खाली हो सकता है आपका खाता, इंदौर पुलिस की Cyber Advisory

क्‍या एकनाथ शिंदे छोड़ देंगे राजनीति, CM पर सस्पेंस के बीच शिवसेना UBT ने याद दिलाई प्रतिज्ञा

संभल विवाद के बीच भोपाल की जामा मस्जिद को लेकर दावा, BJP सांसद ने शिव मंदिर होने के दिए सबूत

सभी देखें

नवीनतम

संभल में कैसे भड़की हिंसा, DM राजेंद्र पेंसिया ने बताई पूरी सचाई

LIVE: बांग्लादेश में इस्कॉन से जुड़े धर्मगुरु चिन्मय कृष्ण दास प्रभु गिरफ्तार

दुष्कर्म और कई राज्‍यों में की हत्‍या, 1 दर्जन से ज्‍यादा केस दर्ज, आरोपी गुजरात से गिरफ्तार

Pakistan : इमरान के समर्थकों ने इस्लामाबाद की ओर निकाला मार्च, पीटीआई के शीर्ष नेताओं ने जेल में की मुलाकात

Maharashtra का मुख्यमंत्री चुनने में महायुति को आखिर क्यों हो रही है इतनी देरी

अगला लेख