पीएम मोदी बोले- जल सिर्फ जीवन ही नहीं, आस्था और विकास की धारा भी

Webdunia
रविवार, 28 फ़रवरी 2021 (12:24 IST)
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने जल को जीवन के साथ ही आस्था का प्रतीक और विकास की धारा करार देते हुए रविवार को देशवासियों से इसका संरक्षण करने का आह्वान किया।

ALSO READ: 'मन की बात' में पीएम मोदी बोले- पारस से भी महत्वपूर्ण है पानी, जल्द शुरू होगा कैच द रेन अभियान...
आकाशवाणी के ‘मन की बात’ कार्यक्रम की 74वीं कड़ी में अपने विचार साझा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जल संरक्षण के लिए केंद्र सरकार इस साल विश्व जल दिवस से 100 दिनों का अभियान भी शुरू करेगी।
 
मोदी ने कहा कि दुनिया के हर समाज में नदी के साथ जुड़ी हुई कोई-न-कोई परम्परा होती ही है और नदी तट पर अनेक सभ्यताएं भी विकसित हुई हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति क्योंकि हजारों वर्ष पुरानी है इसलिए इसका विस्तार देश में और ज्यादा मिलता है।
 
उन्होंने कहा कि भारत में कोई ऐसा दिन नहीं होगा जब देश के किसी-न-किसी कोने में पानी से जुड़ा कोई उत्सव न हो। माघ के दिनों में तो लोग अपना घर-परिवार, सुख-सुविधा छोड़कर पूरे महीने नदियों के किनारे कल्पवास करने जाते हैं। इस बार हरिद्वार में कुंभ भी हो रहा है। जल हमारे लिये जीवन भी है, आस्था भी है और विकास की धारा भी है।
 
पानी को पारस से भी ज्यादा महत्वपूर्ण बताते हुए उन्होंने कहा कि जिस प्रकार पारस के स्पर्श से लोहा, सोने में परिवर्तित हो जाता है वैसे ही पानी का स्पर्श जीवन और विकास के लिए जरुरी है। पानी के संरक्षण के लिए, हमें, अभी से ही प्रयास शुरू कर देने चाहिए।
 
आगामी 22 मार्च को मनाए जाने वाले विश्व जल दिवस का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जल संरक्षण सिफ सरकार की नहीं बल्कि सामूहिक जिम्मेदारी है और इसे देश के नागरिकों को समझना होगा।
 
उन्होंने अपने आसपास के जलस्त्रोतों की सफाई के लिए और वर्षा जल के संचयन के लिए देशवासियों से 100 दिन का कोई अभियान शुरू कने का आह्वान किया।
 
उन्होंने कहा कि इसी सोच के साथ अब से कुछ दिन बाद जल शक्ति मंत्रालय द्वारा भी जल शक्ति अभियान- ‘कैच द् रैन’ भी शुरू किया जा रहा है। इस अभियान का मूल मन्त्र है पानी जब भी और जहां भी गिरे उसे बचाएं।
 
उन्होंने कहा कि हम अभी से जुटेंगे और पहले से तैयार जल संचयन के तंत्र को दुरुस्त करवा लेंगे तथा गांवों में, तालाबों में, पोखरों की सफाई करवा लेंगे, जलस्त्रोतों तक जा रहे पानी के रास्ते की रुकावटें दूर कर लेंगे तो ज्यादा से ज्यादा वर्षा जल का संचयन कर पायेंगे।
 
प्रधानमंत्री ने संत रविदास जी की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि भी दी और कहा कि आज भी उनके ज्ञान, हमारा पथप्रदर्शन करता है। उन्होंने कहा कि हमारे युवाओं को एक और बात संत रविदास जी से जरूर सीखनी चाहिए। युवाओं को कोई भी काम करने के लिये, खुद को पुराने तौर तरीकों में बांधना नहीं चाहिए। आप, अपने जीवन को खुद ही तय करिए। (भाषा)
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

कांवड़ यात्रा को बदनाम करने की कोशिश, CM योगी ने उपद्रवियों को दी चेतावनी

समुद्र में आग का गोला बना जहाज, 300 से ज्यादा यात्री थे सवार, रोंगटे खड़े कर देगा VIDEO

महंगा पड़ा कोल्डप्ले कॉन्सर्ट में HR मैनेजर को गले लगाना, एस्ट्रोनॉमर के CEO का इस्तीफा

संसद के मानसून सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक, बिहार में SIR पर विपक्ष ने उठाए सवाल

24 कंपनियों ने जुटाए 45,000 करोड़, IPO बाजार के लिए कैसे रहे 2025 के पहले 6 माह?

सभी देखें

नवीनतम

Jagdeep Dhankhar : उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने इस्तीफा दिया, स्वास्थ्य को वजह बताया

वीरों की वाणी : क्यूएमटीआई पुणे में हिंदी कवि सम्मेलन

New Income Tax Bill : क्‍या TDS रिफंड दावों और ट्रस्ट के Taxation में होगा बदलाव, संसदीय समिति ने दिया यह सुझाव

Sawan 2025 : 75 कैन में 75 लीटर गंगाजल, अनोखे शिवभक्त की अनोखी कांवड़ यात्रा क्यों चर्चाओं में, PM मोदी से क्या कनेक्शन

Meta और Google को ED ने भेजा समन, नहीं पेश हुए अधिकारी, जानिए क्‍या है मामला

अगला लेख