क्या है UNSC ? जिसकी अध्यक्षता करेंगे PM मोदी, ऐसा करने वाले भारत के पहले प्रधानमंत्री

Webdunia
सोमवार, 9 अगस्त 2021 (13:56 IST)
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UN Security Council) की बैठक को संबोधित करने वाले हैं। भारत के लिए सुरक्षा परिषद की किसी बैठक की अध्यक्षता करने का यह पहला मौका होगा। समुद्री सुरक्षा (maritime security) पर एक खुली परिचर्चा वर्चुअल माध्यम से आय़ोजित की जाएगी। नरेन्द्र मोदी देश के पहले प्रधानमंत्री जो UNSC की अध्यक्षता करेंगे। डिबेट में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन समेत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों के अन्य राष्ट्राध्यक्षों और वहां की सरकारों के शामिल होने की संभावना है। 
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भारत दो साल के लिए सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य है और यह इस साल अगस्त महीने के लिए यूएनएससी की अध्यक्षता कर रहा है। यह एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। विदेश मंत्रालय के मुताबिक यह बैठक शाम साढ़े पांच बजे होगी। यूएनएससी में केवल 5 स्थायी सदस्य अमेरिका, चीन, ब्रिटेन, रूस और फ्रांस है। वर्तमान में भारत दो साल के लिए सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य है। इससे पहले भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में 1950-51, 1967-68, 1972-73, 1977-78, 1984-85 और 1991-92 में सदस्य रह चुका है।
 
क्या है UNSC : दूसरे विश्वयुद्ध के बाद देशों के बीच शांति, सुरक्षा और मैत्रीपूर्ण संबंधों को बढ़ाने के उद्देश्य से संयुक्त राष्ट्र की स्थापना हुई। इसमें 6 अंग हैं। इसमें से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद भी एक है। दुनियाभर में शांति और सुरक्षा के लिए पहल करना इसका मुख्य काम है।

सुरक्षा परिषद की पहली बैठक 17 जनवरी 1946 को हुई थी। स्थापना के समय सुरक्षा परिषद में 11 सदस्य थे। 1965 में यह संख्या बढ़ाकर 15 कर दी गई। सुरक्षा परिषद में कुल 15 सदस्य देश हैं, जिनमें 5 स्थायी और 10 अस्थायी हैं। स्थायी सदस्यों में अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, रूस और चीन शामिल हैं। भारत 2 साल के लिए सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य है।
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क्या है डिबेट : इस परिचर्चा का विषय ‘समुद्री सुरक्षा बढ़ाना- अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा का रखरखाव' होगा। डिबेट में समुद्री अपराधों और असुरक्षा के खतरों के खिलाफ एकजुट होकर प्रभावी तरीके से निपटने के उपायों को खोजा जाएगा। ऐसा पहली बार हो रहा है जब समुद्री सुरक्षा जैसे गंभीर मसले पर उच्च स्तरीय और खुली बहस होगी। समुद्री सुरक्षा एक गंभीर मसला है लिहाजा यूएनएससी में इस पर व्‍यापक चर्चा महत्वपूर्ण है। इसमें समुद्री लुटेरों के लिए एक सुरक्षा चक्रव्यूह तैयार किया जाएगा।

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