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महादेव पूजा के विषय हैं या लव के, मोहम्‍मद वाले उनकी जाने, I Love विवाद पर भड़के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद

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हमें फॉलो करें Shankaracharya Avimukteshwarananda furious over I Love controversy

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, शनिवार, 4 अक्टूबर 2025 (13:39 IST)
देशभर में चल रहे I Love Mahadev और I Love Muhammad विवाद पर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज बिफर गए हैं। एक वीडियो में उनकी प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने कहा कि 'I Love Mahadev और I Love Muhammad' विवाद जनता का ध्यान असली मुद्दों से भटकाने के लिए शुरू किया गया है।
उन्‍होंने कहा कि महादेव पूजा का विषय है या लव के। क्‍या यह महादेव की अवमानना नहीं है। हम ऐसी भाषा का इस्‍तेमाल महादेव के लिए नहीं करते। मोहम्‍मद वाले उनकी जाने, हमें उनके बारे में नहीं पता, लेकिन महादेव के साथ ऐसी भाषा का प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए।

दरअसल, शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के इस बयान के बाद बिहार के चुनावों में उनकी एंट्री हो गई है। उन्होंने ऐलान किया है कि वो राज्य के चुनाव में सक्रिय भूमिका निभाएंगे। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज बिहार दौरे पर आए हुए हैं। उन्होंने राज्य के बिहटा में देशभर में चल रहे I Love Mahadev और I Love Muhammad विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया दी।

असल मुद्दों से जनता का ध्‍यान भटकाना मकसद : इस पूरे विवाद पर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि I Love Mahadev और I Love Muhammad विवाद जनता का ध्यान असली मुद्दों से भटकाने के लिए शुरू किया गया है। महादेव पूजा का विषय है या लव का? यह महादेव का अपमान है। मैं मोहम्मद के बारे में नहीं जानता। मोहम्मद पर टिप्पणी करना मेरे अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है।

धार्मिक दृष्टिकोण से गलत है ये : स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने आगे कहा कि जो मोहम्मद को मानते हैं, वे शायद उनके बारे में जानते होंगे, लेकिन मुझे महादेव से लव है ये कहना महादेव का अनादर है। महादेव का अपमान है। हम महादेव के साथ ऐसी भाषा का प्रयोग नहीं करते। इस तरह की भाषा का उपयोग परंपरागत धार्मिक दृष्टिकोण से गलत माना जाता है।

सोशल मीडिया पर छिड़ा है विवाद : बता दें कि हाल के दिनों में सोशल मीडिया और सार्वजनिक स्थानों पर आई लव मुहम्मद को लेकर बवाल सामने आया है। इसी का विरोध करते हुए हिंदू संगठनों ने आई लव महादेव के नारे लगाए। इस नारे के समर्थक से भक्ति और आस्था का प्रतीक बता रहे हैं। वहीं विरोधी ऐसे नारे धार्मिक भावनाओं का अनादर बता रहे हैं। उनका कहना है कि इन नारों से धार्मिक भावनाओं का अनादर होता है। ये नारे समाज में और समाज में विभाजन फैला सकते हैं।
Edited By: Navin Rangiyal 

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