केरल से एक बेहद ही खौफनाक मामला सामने आया है। यहां एक कलयुगी मां ने अपनी बेटी को अश्लील वीडियो दिखाए, उसे बीयर पिलाई और अपने दोस्त से कई बार रेप करवाया। इतना ही नहीं, मां अपनी बेटी को संबंध बनते हुए देखने के लिए भी मजबूर करती थी।
इस मामले में केरल (Kerala) की एक स्पेशल पॉक्सो कोर्ट (Special POCSO Court) ने महिला (Woman) और उसके पुरुष (Male) साथी को 180 साल की सजा सुनाई है।
क्या है मां और उसके साथी पर आरोप : दरअसल, पुरुष पर महिला की 12 साल की बेटी के साथ बार-बार बलात्कार के आरोप लगाए गए थे। वहीं, महिला पर आरोप थे कि उसने बेटी के खिलाफ रेप में आरोपी की मदद की और उसे अपराध के लिए उकसाया भी। कोर्ट में सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने बताया था कि महिला अपनी बच्ची को शारीरिक संबंध बनाते हुए देखने के लिए मजबूर भी करती थी।
180 साल की सजा और जुर्माना: रिपोर्ट के मुताबिक कोर्ट ने दोनों को 180 साल की सजा और दोनों को ही 11.7 लाख रुपए जुर्माना देने की सजा सुनाई है। जज अशरफ एएम ने पाया है कि दोनों पॉक्सो और आईपीसी और जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के कई प्रावधानों के तहत आरोपी हैं। एक ओर जहां आरोपी पलक्कड़ का रहने वाला है। वहीं, पीड़िता की मां और इस केस में दूसरी आरोपी तिरुवनंतपुरम से है।
आरोपी के साथ भाग गई थी मां : विशेष लोक अभियोजक सोमसुंदरन ए ने कहा कि महिला पति और बच्ची के साथ तिरुवनंतपुरम में रहती थी और फोन पर बातचीत के जरिए 33 साल के आरोपी के संपर्क में आई थी। इसके बाद वह आरोपी के साथ भाग गई थी और दोनों पलक्कड़ और मलप्पुरम में साथ रहे। खास बात है कि इस दौरान बच्ची भी उनके साथ ही थी। महिला की उम्र 30 साल है।
संबंध बनते देखने के लिए किया मजबूर : महिला के साथी ने दिसंबर 2019 और नवंबर 2020 के बीच बच्ची के साथ कई बार यौन संबंध बनाए। यही सिलसिला दिसंबर 2020 से अक्तूबर 2021 तक चला। केस में मां को यौन उत्पीड़न के लिए उकसाने का दोषी पाया गया है। अभियोजन के आरोप हैं कि आरोपी मां अपराध की गवाह है और वह नाबालिग बच्ची को मजबूर करती थी कि वह दोनों को संबंध बनाते हुए देखे।
इसके अलावा महिला पर बच्ची को पोर्न वीडियो दिखाने और बीयर पिलाने के आरोप भी लगाए गए थे। रिपोर्ट के अनुसार, सोमसुंदरन का कहना है कि महिला ने बच्ची को धमकाया था कि उसके दिमाग में सीसीटीवी लगाया गया और अगर वह किसी को कुछ बताएगी तो उन्हें पता चला जाएगा।
कैसे सामने आया मामला : सोमसुंदरन का कहना है कि महिला मलप्पुरम थाने पहुंची थी और उसने माता-पिता पर आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज नहीं देने के आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा, पुलिस ने महिला के पैरेंट्स को सर्टिफिकेट देने के लिए कहा था। जब वह महिला के घर पहुंचे और कहा कि वह पोती को देखना चाहते हैं, तो आरोपी ने इनकार कर दिया। बाद में पड़ोसियों ने बताया कि घर में बच्ची की हालत खराब है और उसे भोजन भी नहीं दिया जा रहा है। इसके बाद उन्होंने चाइल्ड लाइन से संपर्क किया और बच्ची को स्नेहिता सेंटर पहुंचाया। यहां बच्ची ने उसके साथ हुई वारदात को बताया। कोर्ट के आदेश हैं कि जुर्माने की रकम पीड़िता को दी जाए। खास बात है कि जुर्माना नहीं देने की स्थिति में दोनों पर 20 महीने की सजा और बढ़ जाएगी।
Edited By: Navin Rangiyal