न ROP, न हथियार और न ही एस्कार्ट, यह थे हमले के लिए साफ्ट टारगेट

श्रीनगर में हमलों की चेतावनी दी सभी को, पर खुद को नहीं बचा पाई कश्मीर पुलिस

सुरेश एस डुग्गर
मंगलवार, 14 दिसंबर 2021 (10:50 IST)
जम्मू। भारतीय संसद पर हुए आतंकी हमले की 20वीं बरसी पर आतंकियों ने श्रीनगर में एक पुलिस बस पर हमला किया था। इस हमले के लिए परिस्थितियां खुद सुरक्षा एजेंसियों ने पैदा की थी इसके प्रति कोई अततिश्योक्ति नहीं है।

ALSO READ: श्रीनगर में हुए आतंकवादी हमले की जिम्मेदारी कश्मीर टाइगर ने ली
हालांकि पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह इसे आतंकियों की बौखलाहट के साथ ही ‘बदला लेने की कार्रवाई’ के तौर पर निरूपित करते थे पर पुलिस अधिकारी उन सवालों के जवाब देने से कतरा रहे थे जो भारी चूक के प्रति उठाए जा रहे थे।
 
जिस पंथा चौक पर आतंकी हमला हुआ, वह पहले भी कई आत्मघाती हमलों का साक्षी रहा है। हर बार परिस्थितियां वहीं थीं जो इस बार हैं। दरअसल जब इंडिया रिजर्व पुलिस की 9वीं बटालियन के 22 जवानों को लेकर यह बस ला एंड आर्डर की ड्यूटी से वापस लौट रही थी तो मात्र कुछेक जवानों के हाथों में ही हथियार थे। बाकी सिर्फ डंडों से लैस थे क्योंकि उन्हें कानून व्यवस्था की उस ड्यूटी पर तैनात किया गया था जहां सिर्फ डंडे ही चाहिए थे।
 
बस जब इस चौक में पहुंची तो आरओपी अर्थात रोड ओपनिंग पार्टी कुछ मिनट पहले ही अपना कार्य समेट कर वापस लौट चुकी थी। एसओपी के अनुसार, आरओपी के लौट जाने के बाद ऐसी बड़ी मूवमेंट की मनाही है। ऐसे में यह बस कैसे इतने निहत्थे जवानों को लेकर उस चौक से गुजर रही थी जहां आसपास कई सैनिक प्रतिष्ठान हैं पर कोई नाका या गश्त नहीं थी, इसका जवाब फिलहाल नहीं मिल पाया है।
 
हालांकि इसके प्रति पुलिस की बात को माना जा सकता है कि जवानों की प्रत्येक मूवमेंट के लिए बुलेट प्रूफ वाहन मुहैया नहीं करवाया जा सकता है क्योंकि आज भी कश्मीर पुलिस के पास बुलेट प्रूफ बसों की भारी कमी है। पर देर शाम अंधेरे में खतरों के बीच अपने गंतव्य की ओर बढ़ती इस पुलिस बस को एस्कार्ट क्यों मुहैया नहीं करवाया गया था यह भी सवाल अभी अनुत्तरित है।
 
और सबसे बड़ी चौंकाने वाली बात यह है कि पिछले एक सप्ताह से पुलिस खुद ही श्रीनगर में कोई बड़ा आतंकी हमला होने की चेतावनी जारी कर रही थी। इसी चेतावनी के अधार पर उसने पीडीपी तथा पीपुल्स कांफ्रेंस को रैलियां नहीं करने दीं पर अपने आप को वह इन हमलों से न बचा पाई। नतीजतन कश्मीरियों में दहशत का माहौल जरूर है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

महाराष्ट्र में कौनसी पार्टी असली और कौनसी नकली, भ्रमित हुआ मतदाता

Prajwal Revanna : यौन उत्पीड़न मामले में JDS सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर एक्शन, पार्टी से कर दिए गए सस्पेंड

क्या इस्लाम न मानने वालों पर शरिया कानून लागू होगा, महिला की याचिका पर केंद्र व केरल सरकार को SC का नोटिस

MP कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और MLA विक्रांत भूरिया पर पास्को एक्ट में FIR दर्ज

टूड्रो के सामने लगे खालिस्तान जिंदाबाद के नारे, भारत ने राजदूत को किया तलब

कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वालों को साइड इफेक्ट का कितना डर, डॉ. रमन गंगाखेडकर से जानें आपके हर सवाल का जवाब?

Covishield Vaccine से Blood clotting और Heart attack पर क्‍या कहते हैं डॉक्‍टर्स, जानिए कितना है रिस्‍क?

इस्लामाबाद हाई कोर्ट का अहम फैसला, नहीं मिला इमरान के पास गोपनीय दस्तावेज होने का कोई सबूत

पुलिस ने स्कूलों को धमकी को बताया फर्जी, कहा जांच में कुछ नहीं मिला

दिल्ली-NCR के कितने स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी, अब तक क्या एक्शन हुआ?

अगला लेख