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कौन हैं 19 वर्ष के देवव्रत महेश रेखे जिनकी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने की प्रशंसा

देवव्रत ने शुक्ल यजुर्वेद की माध्यन्दिन शाखा के 2000 मंत्रों वाले 'दण्डकर्म पारायणम्' को 50 दिनों तक बिना किसी अवरोध के पूर्ण किया है

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
मंगलवार, 2 दिसंबर 2025 (15:08 IST)
Prime Minister Narendra Modi praised Devvrat Umesh Rekhe: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने महाराष्ट्र के 19 वर्ष के देवव्रत महेश रेखे की तारीफ की है। देवव्रत ने शुक्ल यजुर्वेद की माध्यन्दिन शाखा के 2000 मंत्रों वाले 'दण्डकर्म पारायणम्' को 50 दिनों तक बिना किसी अवरोध के पूर्ण किया है। पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा- 19 वर्ष के देवव्रत महेश रेखे ने जो उपलब्धि हासिल की है, वो जानकर मन प्रफुल्लित हो गया है। उनकी ये सफलता हमारी आने वाली पीढ़ियों की प्रेरणा बनने वाली है। 
 
भारतीय संस्कृति में आस्था रखने वाले हर एक व्यक्ति को ये जानकर अच्छा लगेगा कि श्री देवव्रत ने शुक्ल यजुर्वेद की माध्यन्दिन शाखा के 2000 मंत्रों वाले 'दण्डकर्म पारायणम्' को 50 दिनों तक बिना किसी अवरोध के पूर्ण किया है। इसमें अनेक वैदिक ऋचाएं और पवित्रतम शब्द उल्लेखित हैं, जिन्हें उन्होंने पूर्ण शुद्धता के साथ उच्चारित किया। ये उपलब्धि हमारी गुरु परंपरा का सबसे उत्तम रूप है। 
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19 वर्ष के देवव्रत महेश रेखे जी ने जो उपलब्धि हासिल की है, वो जानकर मन प्रफुल्लित हो गया है। उनकी ये सफलता हमारी आने वाली पीढ़ियों की प्रेरणा बनने वाली है।

भारतीय संस्कृति में आस्था रखने वाले हर एक व्यक्ति को ये जानकर अच्छा लगेगा कि श्री देवव्रत ने शुक्ल यजुर्वेद की माध्यन्दिन… pic.twitter.com/YL9bVwK36o

— Narendra Modi (@narendramodi) December 2, 2025 >
काशी से सांसद के रूप में, मुझे इस बात का गर्व है कि उनकी यह अद्भुत साधना इसी पवित्र धरती पर संपन्न हुई। उनके परिवार, संतों, मुनियों, विद्वानों और देशभर की उन सभी संस्थाओं को मेरा प्रणाम, जिन्होंने इस तपस्या में उन्हें सहयोग दिया।
 
कौन हैं देवव्रत : साधारण ब्राह्मण परिवार में पैदा हुए देवव्रत रेके महाराष्ट्र के अहिल्यानगर (पहले अहमदनगर) जिले के एक छोटे से गांव के रहने वाले हैं।‍ उनके पिता का नाम महेश चंद्रकांत रेखे है, जो स्वयं एक बड़े विद्वान हैं। उनके पिता ही उनके पहले गुरु हैं। देवव्रत ने मात्र 5 साल की उम्र से वेद मंत्र बोलना शुरू कर दिया था।
 
देवव्रत ने 19 साल की उम्र तक शुक्ल यजुर्वेद की माध्यंदिनी शाखा को पूरा कंठस्थ कर लिया है। उन्होंने यह ऐतिहासिक पारायण वाराणसी के प्रसिद्ध वल्लभराम शालिग्राम सांगवेद विद्यालय में 2 अक्टूबर से 30 नवंबर 2025 तक लगातार 50 दिनों में पूरा किया।  देवव्रत के बारे में कहा जाता है कि वे मोबाइल फोन, सोशल मीडिया, बाहरी संपर्क से एकदम दूर रहते हैं। 
Edited by: Vrijendra Singh Jhala 
 

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