नवरात्रि की निशा पूजा कब है 2023, जानिए

Webdunia
शनिवार, 21 अक्टूबर 2023 (12:29 IST)
Nisha puja kab hai 2023: शारदीय नवरात्रि का त्योहार चल रहा है। इसमें माता दुर्गा की पूजा और साधना करते हैं। नवरात्रि में साधक और तांत्रिक लोग निशीथ काल में पूजा करते हैं। इसी बीच सभी के लिए महा निशा पूजा होती है। यह पूजा नवरात्र की सप्तमी की रात में होती है। इस पूजा का क्या महत्व है, क्यों करते हैं निशा पूजा? आओ जानते हैं सभी कुछ।
 
क्या होती है निशा पूजा : निशा का अर्थ होता है रात्रि काल। नवरात्रि के नौ दिनों में अष्टमी के दिन को खास माना जाता है। अष्टमी तिथि का प्रारंभ रात में होता है तो तब उस समय भी पूजा कर सकते हैं। हालांकि सप्तमी की रात को निशीथ काल में निशा पूजा की जाती है। सप्तमी के रात में ही अष्टमी निशा पूजा होती हैं। उसी दिन रात में संधी पूजा होगी। संधि पूजा यानी जब सप्तमी समाप्त होगी तब।
 
निशीथ मुहूर्त : 21 अक्टूबर 2023 रात्रि काल 11:41 से 12:31 तक (22 अक्टूबर).
 
अष्टमी तिथि प्रारम्भ- 21 अक्टूबर 2023 को रात्रि 09:53 से।
अष्टमी तिथि समाप्त- 22 अक्टूबर 2023 को रात्रि 07:58 तक। 
Maa kalratri
अष्टमी पूजा का महत्व:
  1. अधिकतर घरों में अष्टमी की पूजा होती है। 
  2. देव, दानव, राक्षस, गंधर्व, नाग, यक्ष, किन्नर, मनुष्य आदि सभी अष्टमी और नवमी को ही पूजते हैं।
  3. कथाओं के अनुसार इसी तिथि को मां ने चंड-मुंड राक्षसों का संहार किया था। 
  4. नवरात्रि में महाष्टमी का व्रत रखने का खास महत्व है। 
  5. मान्यता अनुसार इस दिन निर्जला व्रत रखने से बच्चे दीर्घायु होते हैं।
  6. अष्टमी के दिन सुहागन औरतें अपने अचल सुहाग के लिए मां गौरी को लाल चुनरी जरूर चढ़ाती हैं।
  7. अष्टमी के दिन कुल देवी की पूजा के साथ ही मां काली, दक्षिण काली, भद्रकाली और महाकाली की भी आराधना की जाती है। 
  8. माता महागौरी अन्नपूर्णा का रूप भी हैं। इस दिन माता अन्नपूर्णा की भी पूजा होती है इसलिए अष्टमी के दिन कन्या भोज और ब्राह्मणों को भोजन कराया जाता है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

गुड़ी पड़वा से शुरू हो रही है 8 दिन की चैत्र नवरात्रि, हाथी पर सवार होकर आएंगी माता रानी, जानिए फल

jhulelal jayanti 2025: भगवान झूलेलाल की कहानी

चैत्र नवरात्रि पर घट स्थापना और कलश स्थापना क्यों करते हैं?

जानिए कब शुरू हो रही है केदारनाथ समेत चार धाम की यात्रा

51 शक्तिपीठों में से एक है कोलकाता का कालीघाट मंदिर, सोने से बनी है मां काली की जीभ

सभी देखें

धर्म संसार

Weekly Rashifal 2025: इस सप्ताह किन राशियों का चमकेगा भाग्य, पढ़ें अपना साप्ताहिक राशिफल

Weekly Panchang 2025 : साप्ताहिक कैलेंडर हिन्दी में, जानें मार्च माह के अंतिम सप्ताह के शुभ मुहूर्त

चैत्र नवरात्रि की सप्तमी, अष्टमी और नवमी तिथि का क्या है महत्व?

Aaj Ka Rashifal: 23 मार्च के दिन किन राशियों के चमकेंगे सितारे, जानें अपना दैनिक राशिफल

23 मार्च 2025 : आपका जन्मदिन

अगला लेख