नौ कन्या पूजने के बाद भी नहीं मिलेगा पुण्य....अगर नहीं किया इसमें शामिल इन्हें...

Webdunia
9 कन्या के साथ 1 बालक की पूजा भी करें
 
नवरात्रि के नौ दिन कन्या पूजन का विशेष महत्व है। लेकिन अगर आपने सिर्फ कन्या का ही पूजन किया है तो आपकी पूजा पूरी नहीं मानी जाएगी। कन्या के साथ एक बालक यानी लड़के का पूजन करना भी आवश्यक है। 
 
ऐसा इसलिए क्योंकि बालक को बटुक का रूप माना जाता है। वास्तव में हर देवी माता के दरबार में सुरक्षा के लिए भगवान शिव ने अपने स्वरूप भैरव को बैठाया है। देवी के शक्तिपीठ स्थापित करने भगवान शिव स्वयं पृथ्वी पर आए थे। जहां-जहां देवी सती के अंग गिरे वहां शक्तिपीठ की स्थापना हुई। वहीं पर भगवान भोलेनाथ ने अपने स्वरुप भैरव को भी हर दरबार में तैनात किया है। मां की पूजा भैरव बाबा के दर्शन किए बिना अधूरी होती है।
 
 
इसलिए कन्याभोज के समय 9 कन्याओं के साथ एक बालक का होना शुभ माना जाता है। इसका यह अर्थ भी है कि आपके द्वारा की गई पूजा का फल आपके लिए ही सुरक्षित है। अब यह पुण्य फल कोई और नहीं ले जा सकता। इसलिए अगर आप चाहते हैं कि आपकी देवी पूजा का फल बुरी नजरों और ताकतों से बचा रहे तो कन्याओं के साथ बालक का पूजन भी अवश्य करें। 

ALSO READ: इस नवरात्रि यह है आपकी राशि का शुभ मंत्र, 9 दिन तक जपते रहें

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

सूर्य कर्क संक्रांति कब रहेगी, क्या है इसका महत्व?

क्या 12 ही महीने बर्फ से ढका रहता है बाबा अमरनाथ का शिवलिंग? जानिए हिम शिवलिंग के रहस्य

श्रावण माह में इस बार कितने सोमवार हैं और किस तारीख को, जानिए

वर्ष 2025 में कब से शुरू हो रहा है सावन माह का सोमवार, जानिए श्रावण मास डेट एंड पूजा टाइम

सावन मास में शिवजी की पूजा से पहले सुधारें अपने घर का वास्तु, जानें 5 उपाय

सभी देखें

धर्म संसार

कावड़ यात्रा 2025: यूपी सरकार ने कमर कसी, शिवभक्तों की कावड़ के साथ छेड़छाड़ पड़ेगी महंगी

09 जुलाई 2025 : आपका जन्मदिन

09 जुलाई 2025, बुधवार के शुभ मुहूर्त

डाउजिंग: अदृश्य शक्तियों द्वारा मार्गदर्शन

चाणक्य के अनुसार कौन होता है सच्चा गुरु? क्या हैं गुरु के गुण?

अगला लेख