नवरात्रि 2020 : किस कन्या को पूजने से मिलेगा कितना पुण्य

Webdunia
नवरात्रि के शुभ दिनों में कन्या पूजन का महत्व तो हम सभी जानते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि कन्या की संख्या के हिसाब से भी शुभ फल मिलता है।
 
धर्म ग्रंथों में 3 वर्ष से लेकर 9 वर्ष की कन्याएं साक्षात माता का स्वरूप मानी जाती हैं। 1 कन्या की पूजा से ऐश्वर्य, 2 की पूजा से भोग और मोक्ष, 3 की पूजा करने से अर्चना से धर्म, अर्थ एवं काम, चार की पूजा से राज्यपद, 5 कन्याओं की पूजा करने से विद्या, 6 कन्याओं की पूजा से 6 प्रकार की सिद्धि, 7 कन्याओं की पूजा से राज्य, 8 कन्याओं की पूजा से संपदा और 9 कन्याओं की पूजा से पृथ्वी के प्रभुत्व की प्राप्ति होती है।
 
कुछ लोग नवमी के दिन भी कन्या पूजन करते हैं लेकिन अष्टमी के दिन कन्या पूजन श्रेष्ठ रहता है। 
 
कन्याओं की आयु 10 साल से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। 
 
2 साल की कन्या कुमारी को पूजने से धन, 3 साल की त्रिमूर्ति को पूजने से धान्य, 4 साल की कल्याणी को पूजने से सुख, 5 साल की रोहिणी को पूजने से सफलता, 6 साल की कालिका को पूजने से यश, 7 साल की चंडिका को पूजने से समृद्धि, 8 साल की शांभवी को पूजने से पराक्रम, 9 साल की दुर्गा को पूजने से वैभव और 10 साल की कन्या सुभद्रा को पूजने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है। 
 
भोजन कराने के बाद कन्याओं को दक्षिणा देनी चाहिए। इस प्रकार महामाया भगवती प्रसन्न होकर मनोरथ पूर्ण करती हैं।
ALSO READ: कैसे मनाएं नन्ही कन्याओं के पूजन का उत्सव, 9 दिन की खास जानकारी

सम्बंधित जानकारी

Show comments

किचन की ये 10 गलतियां आपको कर्ज में डुबो देगी

धन प्राप्ति के लिए मां लक्ष्मी के 12 पावरफुल नाम

रात में नहीं आती है नींद तो इसके हैं 3 वास्तु और 3 ज्योतिष कारण और उपाय

मोहिनी एकादशी का व्रत कब रखा जाएगा, जानें शुभ मुहूर्त

32 प्रकार के द्वार, हर दरवाजा देता है अलग प्रभाव, जानें आपके घर का द्वार क्या कहता है

Char Dham Yatra : छोटा चार धाम की यात्रा से होती है 1 धाम की यात्रा पूर्ण, जानें बड़ा 4 धाम क्या है?

देवी मातंगी की स्तुति आरती

Matangi Jayanti 2024 : देवी मातंगी जयंती पर जानिए 10 खास बातें और कथा

कबूतर से हैं परेशान तो बालकनी में लगाएं ये 4 पौधे, कोई नहीं फटकेगा घर के आसपास

Panch Kedar Yatra: ये हैं दुनिया के पाँच सबसे ऊँचे शिव मंदिर

अगला लेख