Hanuman Chalisa

Gopashtami 2025: कब है गोपाष्टमी, 29 या 30 अक्टूबर, जानें शुभ मुहूर्त, योग और इस व्रत की खास जानकारी

गोपाष्टमी: गौ-माता की सेवा का महापर्व

WD Feature Desk
बुधवार, 29 अक्टूबर 2025 (10:03 IST)
Gopashtami 2025 Date: गोपाष्टमी कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाने वाला एक अत्यंत महत्वपूर्ण पर्व है। यह पर्व गौ माता/ गाय और भगवान श्रीकृष्ण, जो स्वयं गोपाल कहलाते हैं के प्रति श्रद्धा व्यक्त करने का महापर्व है। इस दिन गौ माता और उनके बछड़ों की विशेष पूजा, आरती और परिक्रमा की जाती है। कैलेंडर के मतांतर के चलते वर्ष 2025 में, कई स्थानों पर गोपाष्टमी 29 और 30 अक्टूबर को मनाई जाएगी। इस दिन रवि और शिववास योग का अत्यंत दुर्लभ संयोग बन रहा है। ALSO READ: Gopashtami: गोपाष्टमी 2025: महत्व, पूजा विधि और श्रीकृष्ण से जुड़ी कथा
 
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण ने गौचारण लीला शुरू की थी, अर्थात पहली बार गायों को चराने के लिए जंगल ले गए थे। यह पर्व न केवल गायों के प्रति सम्मान व्यक्त करता है, बल्कि उन्हें माता का दर्जा देने की हिंदू संस्कृति की महान परंपरा को भी दर्शाता है। गाय को भोजन कराकर उनकी सेवा करने से सुख-समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है, साथ ही भक्तों पर भगवान श्रीकृष्ण और देवी लक्ष्मी की विशेष कृपा बनी रहती है।
 
गोपाष्टमी 2025 के शुभ मुहूर्त और विशेष योग (Gopashtami 2025 Date and Shubh Yog):
 
गोपाष्टमी का समय बृहस्पतिवार, अक्टूबर 30, 2025 को
कार्तिक शुक्ल अष्टमी तिथि प्रारम्भ- अक्टूबर 29, 2025 को 09:23 ए एम से, 
अष्टमी तिथि समाप्त- अक्टूबर 30, 2025 को 10:06 ए एम पर। 
 
- ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 48 मिनट से 05 बजकर 40 मिनट तक
- विजय मुहूर्त - दोपहर 01 बजकर 55 मिनट से 02 बजकर 40 मिनट तक
- गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 37 मिनट से 06 बजकर 03 मिनट तक
- अभिजित मुहूर्त- सुबह 11 बजकर 42 मिनट से 12 बजकर 27 मिनट तक।
- रवि योग- 06:33 पी एम से 31 अक्टूबर 06:32 ए एम तक। 

गोपाष्टमी का महत्व (Gopashtami Significance): 
गौचारण लीला का आरंभ: यह दिन भगवान श्रीकृष्ण की गौचारण लीला के आरंभ का प्रतीक है। कहा जाता है कि इस दिन गाय की पूजा करने से भगवान श्रीकृष्ण यानी गोपाल अत्यंत प्रसन्न होते हैं। गाय की एक परिक्रमा से पृथ्वी की परिक्रमा जितना पुण्य मिलता है। गाय को भोजन कराना सबसे बड़ा दान माना गया है। यह व्रत महिलाओं द्वारा संतान की लंबी आयु और खुशहाल जीवन की कामना के लिए भी रखा जाता है।
 
गोपाष्टमी की कथा (Gopashtami Katha)
पौराणिक कथा के अनुसार, जब भगवान श्रीकृष्ण 6 वर्ष की आयु के हुए, तब उन्होंने और उनके बड़े भाई बलराम ने माता यशोदा से गायों को चराने के लिए जंगल जाने की अनुमति मांगी। माता यशोदा ने उन्हें अनुमति दे दी। नंद बाबा ने भी शुभ मुहूर्त के लिए शांडिल्य ऋषि से सलाह ली। ऋषि ने कार्तिक शुक्ल अष्टमी का दिन शुभ बताया। जब श्रीकृष्ण पहली बार गायों को लेकर जंगल गए, तो उस दिन से ही उन्हें गोविंद यानी गायों के पालक/ गोपाल अर्थात् गायों को पालने वाला के नाम से पुकारा जाने लगा। इस प्रकार, यह दिन गौ माता के सम्मान में 'गोपाष्टमी' के रूप में मनाया जाने लगा।
 
गोपाष्टमी पूजा विधि (Gopashtami Puja Vidhi):
गोपाष्टमी पर गौ माता का पूजन निम्न विधि से किया जाता है...
 
- कार्तिक शुक्ल अष्टमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं।
 
- इस दिन गौशाला जाकर या घर पर मौजूद गायों को साफ-सुथरा किया जाता है।
 
- गायों को हल्दी, कुमकुम, अक्षत/ चावल लगाकर उनका श्रृंगार किया जाता है। उन्हें फूलों की माला पहनाई जाती है।
 
- गायों को मीठा दलिया, गुड़, हरा चारा या विशेष भोजन या भोग खिलाया जाता है। 
 
- इसके बाद गायों की आरती की जाती है और उनके चरण छूकर आशीर्वाद लिया जाता है। 
 
- गौशाला की कम से कम सात बार परिक्रमा करना शुभ माना जाता है।
 
- शाम के समय गायों को गौशाला से वापस लाते समय भी उनका पूजन किया जाता है और गौशाला में दीपदान किया जाता है।
 
- कई स्थानों पर इस दिन गौ माता की सेवा करने वाले ग्वालों या ब्राह्मणों को भोजन कराने की भी परंपरा है।
 
शास्त्रों में गाय को माता लक्ष्मी का रूप माना गया है। गोपाष्टमी पर गाय की सेवा और पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि, धन-धान्य और सौभाग्य आता है।ALSO READ: Dev Uthani Ekadashi Ki Katha: देव उठनी एकादशी की पौराणिक कथा

अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Budh gochar 2025: बुध का वृश्चिक राशि में गोचर, 3 राशियों को संभलकर रहना होगा

Mangal gochar 2025: मंगल का वृश्चिक राशि में प्रवेश, 3 राशियों के लिए है अशुभ संकेत

Kushmanda Jayanti: कूष्मांडा जयंती के दिन करें माता की खास पूजा, मिलेगा सुख संपत्ति का आशीर्वाद

Kartik Month 2025: कार्तिक मास में कीजिए तुलसी के महाउपाय, मिलेंगे चमत्कारी परिणाम बदल जाएगी किस्मत

October Horoscope 2025: अक्टूबर के अंतिम सप्ताह का राशिफल: जानें किन राशियों पर होगी धन की वर्षा, आएगा करियर में बड़ा उछाल!

सभी देखें

धर्म संसार

बुध को बलवान करने के लिए बुधवार के दिन करें ये उपाय, भगवान गणेश के आशीर्वाद से बनेंगे रुके काम

Aaj Ka Rashifal: आज का दैनिक राशिफल: मेष से मीन तक 12 राशियों का राशिफल (29 अक्टूबर, 2025)

29 October Birthday: आपको 29 अक्टूबर, 2025 के लिए जन्मदिन की बधाई!

Tulsi vivah 2025: देव उठनी एकादशी पर क्यों करते हैं तुलसी विवाह?

Aaj ka panchang: आज का शुभ मुहूर्त: 29 अक्टूबर, 2025: बुधवार का पंचांग और शुभ समय

अगला लेख