हलहारिणी अमावस्या के दिन करें 5 उपाय, जीवन होगा खुशहाल

WD Feature Desk
सोमवार, 23 जून 2025 (16:05 IST)
What is Halharini Amavasya: हलहारिणी अमावस्या आषाढ़ मास की अमावस्या को कहा जाता है। यह अमावस्या 25 जून 2025, बुधवार को मनाई जाएगी। यह तिथि पितरों को समर्पित मानी जाती है और इस दिन दान, तर्पण और वृक्षारोपण का विशेष फल मिलता है। किसानों के लिए भी यह दिन बहुत खास होता है क्योंकि इस समय तक वर्षा ऋतु का आगमन हो जाता है और खेत जुताई व बुआई के लिए तैयार होते हैं। इस दिन किसान अपने हल और कृषि उपकरणों की पूजा भी करते हैं।ALSO READ: 21 जून से सूर्य हुए 'दक्षिणायण', जानें क्यों होते हैं एक सौर वर्ष में दो अयन और 12 संक्रांति
 
अपने जीवन में खुशहाली लाने के लिए हलहारिणी अमावस्या के दिन आप ये 5 विशेष उपाय कर सकते हैं:
 
1. पितरों का तर्पण और श्राद्ध: हलहारिणी अमावस्या पितरों को समर्पित होती है। इस दिन पितरों की आत्मा की शांति और उनके आशीर्वाद के लिए तर्पण और श्राद्ध करना अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन सुबह जल्दी उठकर किसी पवित्र नदी, तालाब या घर पर ही स्नान करें। फिर दक्षिण दिशा की ओर मुख करके अपने पितरों का ध्यान करें और उन्हें जल अर्पित करें। आप किसी ब्राह्मण को भोजन करा सकते हैं या पितरों के नाम से दान कर सकते हैं। यह उपाय आपको पितृ दोष से मुक्ति दिलाता है और जीवन में सुख-समृद्धि लाता है।
 
2. पीपल के पेड़ की पूजा और परिक्रमा: पीपल के पेड़ में त्रिदेवों यानी ब्रह्मा, विष्णु, महेश का वास माना जाता है और इस दिन इसकी पूजा का विशेष महत्व है। आषाढ़ी अमावस्या के दिन स्नान के बाद पीपल के पेड़ के पास जाएं। जड़ में जल अर्पित करें और सरसों के तेल का दीपक जलाएं। पेड़ की 7 या 11 बार परिक्रमा करें। ऐसा करने से पितर प्रसन्न होते हैं और आपकी सभी बाधाएं दूर होती हैं।
 
3. वृक्षारोपण: यह अमावस्या वर्षा ऋतु के आगमन पर आती है, इसलिए इस दिन पेड़-पौधे लगाना बहुत शुभ माना जाता है। आषाढ़ मास की अमावस के दिन तुलसी, पीपल, बरगद, नीम या कोई भी शुभ फलदार वृक्ष लगाएं। पेड़ लगाने से न केवल पर्यावरण को लाभ होता है, बल्कि ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार पितरों को शांति मिलती है और जीवन में खुशहाली आती है। यह दीर्घकालिक पुण्य प्रदान करता है।ALSO READ: नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी, इस घटना से होगी तीसरे विश्व युद्ध की शुरुआत
 
4. दान-पुण्य के कार्य: खासकर हलहारिणी अमावस्या के दिन दान का विशेष महत्व है। इस दिन अपने सामर्थ्य अनुसार अनाज (गेहूं, चावल, दाल), वस्त्र, छाता या धन का दान करें। आप किसी ज़रूरतमंद को भोजन करा सकते हैं। मछलियों को आटे की गोलियां खिलाना भी इस दिन बहुत शुभ माना जाता है, जिससे जीवन की कई परेशानियां दूर होती हैं। गौशाला में हरी घास या गायों की सेवा के लिए दान करना भी लाभकारी है।
 
5. दीपक जलाना और देवताओं का स्मरण: घर में सकारात्मक ऊर्जा लाने और देवी-देवताओं का आशीर्वाद पाने के लिए यह उपाय प्रभावी है। इसके लिए अमावस्या तिथि पर शाम के समय घर के ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) में गाय के घी का दीपक जलाएं। दीपक की बत्ती में रुई के स्थान पर लाल धागे का प्रयोग करें और थोड़ी सी केसर भी डाल दें। यह उपाय मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने और घर में सुख-समृद्धि लाने में सहायक माना जाता है। इसके अतिरिक्त, अमावस्या की रात को किसी बहती नदी में पांच लाल फूल और पांच जलते हुए दीपक प्रवाहित करना भी शुभ माना जाता है।
 
इस तरह हलहारिणी अमावस्या पर इन उपायों को पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ करने से आपके जीवन में खुशहाली, समृद्धि और शांति का आगमन हो सकता है।
 
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