rashifal-2026

Margshrish Purnima 2025: मार्गशीर्ष पूर्णिमा 2025: दत्तात्रेय भगवान का प्रकटोत्सव, जानें महत्व, पूजा विधि और मंत्र

WD Feature Desk
गुरुवार, 4 दिसंबर 2025 (12:35 IST)
Lord Dattatreya: मार्गशीर्ष शुक्ल पूर्णिमा को मनाया जाने वाला त्योहार दत्त जयंती हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व है जो भगवान दत्तात्रेय के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। दत्तात्रेय भगवान त्रिमूर्ति ब्रह्मा, विष्णु और महेश्वर (शिव) के सम्मिलित रूप माने जाते हैं। दत्तात्रेय का अस्तित्व एक अद्वितीय, चमत्कारी और सर्वज्ञ रूप में माना जाता है। वह भक्तों के लिए ज्ञान, शक्ति और समृद्धि का स्रोत हैं, और उनकी पूजा करने से भक्तों को जीवन के सभी संकटों से मुक्ति मिलती है।ALSO READ: श्री दत्तात्रेय दत्ताची आरती: Dattatreya aarti
 
कहां-कहां मनाई जाती है: दत्त जयंती का पर्व खास तौर पर महाराष्ट्र, कर्नाटका, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और गुजरात में बड़ी श्रद्धा से मनाया जाता है। यह दिन विशेष रूप से उन भक्तों के लिए महत्व रखता है जो दत्त पंथ से जुड़े होते हैं।
 
दत्त जयंती का महत्व: दत्त जयंती का महत्व अत्यधिक है क्योंकि यह भगवान दत्तात्रेय के आध्यात्मिक शिक्षाओं और धार्मिक मार्गदर्शन के प्रति श्रद्धा को व्यक्त करता है। भगवान दत्तात्रेय त्रिमूर्ति के साकार रूप हैं, और उनकी पूजा करने से व्यक्ति को न केवल मानसिक शांति मिलती है, बल्कि जीवन के सभी समस्याओं का समाधान भी मिलता है। भगवान दत्तात्रेय के प्रति आस्था रखने से आध्यात्मिक उन्नति, धन-संपत्ति, स्वास्थ्य और समाज में सम्मान की प्राप्ति होती है। इस दिन भगवान दत्तात्रेय की पूजा विशेष रूप से संकटों से मुक्ति, मनुष्य के जीवन में संतुलन और आध्यात्मिक जागरूकता के लिए की जाती है।
 
दत्त जयंती पूजा विधि:

मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन दत्त जयंती की पूजा विधि भक्तों के लिए अत्यधिक पुण्यकारी होती है। इस दिन विशेष रूप से व्रत, पूजा और हवन का आयोजन किया जाता है। पूजा विधि निम्नलिखित है:
 
1. दत्त जयंती के दिन प्रात: समय में स्नान करके शुद्ध होना चाहिए। इस दिन व्रत रखने से भगवान दत्तात्रेय की कृपा प्राप्त होती है।
 
2. पूजा के लिए मंदिर या घर के पवित्र स्थान को साफ करें और वहां एक साफ वस्त्र बिछाकर पूजा स्थल तैयार करें।
 
3. भगवान दत्तात्रेय के चित्र या मूर्ति को पूजा स्थान पर रखें। इस दिन विशेष रूप से तीन दीपकों का महत्व होता है, जो त्रिमूर्ति ब्रह्मा, विष्णु और शिव को प्रतीकात्मक रूप से दर्शाते हैं।
 
4. पूजा में अक्षत (साबुत चावल), फूल, फल और मिठाइयां भगवान दत्तात्रेय को अर्पित करें।
 
5. भगवान दत्तात्रेय के मंत्रों का जाप करते हुए उनका ध्यान करें। इसके बाद, भगवान की पूजा और आरती करें।
 
6. यदि संभव हो, तो दत्त जयंती के दिन हवन का आयोजन भी किया जाता है। हवन के माध्यम से भक्तों की परेशानियों का नाश होता है और आशीर्वाद प्राप्त होता है।
 
7. इस दिन दीन-हीन और जरूरतमंदों को दान देना बहुत पुण्यकारी माना जाता है। आप किसी गरीब को वस्त्र, भोजन, या पैसे दान कर सकते हैं।ALSO READ: Margashirsha Month: मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष प्रारंभ: इन 7 खास कार्यों से चमकेगी आपकी किस्मत
 
दत्त जयंती के विशेष मंत्र: भगवान दत्तात्रेय की पूजा के दौरान निम्नलिखित मंत्रों का जाप करना अत्यधिक फलदायी होता है:
 
भगवान दत्तात्रेय के मंत्र- 
 
- 'दिगंबरा-दिगंबरा श्रीपाद वल्लभ दिगंबरा'
 
- 'ॐ द्रां दत्तात्रेयाय नम:' 
 
- 'ॐ द्रां दत्तात्रेयाय स्वाहा।' 
 
- 'श्री गुरुदेव दत्त'। 
 
- 'ॐ दिगंबराय विद्महे योगीश्रारय् धीमही तन्नो दत: प्रचोदयात' 
 
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।ALSO READ: भगवान दत्तात्रेय की जयंती पर करें इस तरह उनकी पूजा तो कुंडली में गुरु होगा बलवान
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Shukra gochar: शुक्र के वृश्‍चिक में मार्गी होने से 4 राशियों पर बरसेगी लक्ष्मी की कृपा! करें मात्र एक उपाय

बुध के मार्गी होने से 3 राशियों को मिलेगी आर्थिक समस्या से मुक्ति

हरिद्वार अर्धकुंभ 2027, स्नान तिथियां घोषित, जानिए कब से कब तक चलेगा कुंभ मेला

Toilet Vastu Remedies: शौचालय में यदि है वास्तु दोष तो करें ये 9 उपाय

Dhanu Rashi 2026: पराक्रम का राहु और अष्टम का गुरु मिलकर करेंगे भविष्य का निर्माण

सभी देखें

धर्म संसार

Margshrish Purnima 2025: मार्गशीर्ष पूर्णिमा 2025: दत्तात्रेय भगवान का प्रकटोत्सव, जानें महत्व, पूजा विधि और मंत्र

Dattatreya katha: भगवान दत्तात्रेय के जन्म की पौराणिक कथा

Aaj Ka Rashifal: आज का दैनिक राशिफल: मेष से मीन तक 12 राशियों का राशिफल (04 दिसंबर, 2025)

भगवान दत्तात्रेय की जयंती पर करें इस तरह उनकी पूजा तो कुंडली में गुरु होगा बलवान

04 December Birthday: आपको 04 दिसंबर, 2025 के लिए जन्मदिन की बधाई!

अगला लेख