कौन हैं किन्नर अखाड़े का गठन करने वाले अजय दास, ममता कुलकर्णी और लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को क्या कहकर हटाया

WD Feature Desk
शुक्रवार, 31 जनवरी 2025 (13:27 IST)
Who is Ajay Das : अभिनेत्री ममता कुलकर्णी को किन्नर अखाड़े की की ओर से महामंडलेश्वर बनाए जाने के बाद विवाद गहरा गया और आखिरकार अखाडे के संस्‍थापक अजय दास ने अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी पद से हटा दिया है। इसके साथ ही ममता कुलकर्णी को भी महामंडलेश्वर पद से हटा दिया गया है। उन्‍होंने मीडिया को जानकारी दी कि जल्‍द ही नए सिरे से अखाड़े का पुर्नगठन होगा। आइये जानते हैं कौन हैं अजय दास।

विवादों से है पुराना नाता
अजय दास एक ऐसे व्यक्ति हैं जिनका नाम विवादों से घिरा रहा है। वे न तो खुद किन्नर हैं, और न ही उन्होंने कभी किन्नरों जैसा जीवन जिया है। लेकिन, उन्होंने उज्जैन सिहंस्थ मेले में किन्नर अखाड़े की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने न सिर्फ किन्नर अखाड़े की पैरवी की, बल्कि उनके अखाड़े की पेशवाई निकलवाई और सिहंस्थ मेले में किन्नर अखाड़े को जगह भी दिलवाई।

किन्नर अखाड़े की स्थापना
साल 2015 में उज्जैन में किन्नर अखाड़ा बनाया गया था और इसकी स्थापना अजय दास ने की थी। अजय दास अपने दावों के सम्बंध में दस्तावेज और पेपर की कटिंग भी अपने पास रखे हुए हैं। इन्हें दिखाते हुए वह कहते हैं कि कैसे उन्होंने एक बड़े अखाड़े को स्थापित किया लेकिन कुछ लोगों ने उस पर कब्जा कर लिया।

अजय दास ने किया लेटर जारी, कहा लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी भटक गईं हैं

अजय दास ने लेटर जारी करते हुए बताया कि सन 2015-16 में उज्जैन कुंभ के दौरान किन्नर अखाड़े की स्थापना कर उन्होंने लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को आचार्य महामंडलेश्वर बनाया था। अब वह उन्हें किन्नर अखाड़े के पद से मुक्त करते हैं। साथ ही इसकी लिखित सूचना भी उन्हें जल्दी दी जाएगी। अजय दास ने कहा कि लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को किन्नर समाज के उत्थान और धर्म के प्रचार प्रसार के लिए महामंडलेश्वर बनाया गया था लेकिन वह भटक गई हैं। उन्होंने मेरी आज्ञा के बिना जूना अखाड़े के साथ लिखित एग्रीमेंट 2019 के प्रयागराज कुंभ में किया, जो कि चारसौबीसी है।
 
अजय दास की पुस्तक 'विवाह एक नैतिक बलात्कार' पर भी हुआ था विवाद  (Vivah Ek Naitik Balatkar' and Controversy)
अजय दास अपनी विवादित पुस्तक 'विवाह एक नैतिक बलात्कार' के लिए भी जाने जाते हैं। इस पुस्तक के विमोचन के दौरान लव गुरू मटुकनाथ और जूली और अजय दास के साथ कुछ हिंदुवादी संगठनों ने मारपीट की थी। इस घटना ने उन्हें और भी विवादों में ला दिया था।

कैसा है किन्नर अखाड़ा? (How is Kinnar Akhara?)
हर अखाड़े की अपनी परंपरा, तिलक, आरती, माला, शास्त्र, शस्त्र अलग-अलग होते हैं। अखाड़े का एक पूरा विधान होता है। अखाड़े का प्रमुख महामंडलेश्वर होते हैं। ये सारे नियम किन्नर अखाड़े पर भी लागू होते हैं।   किन्नर अखाड़े की आराध्य अर्धनारीश्वर व बहुतेरा माता हैं। अखाड़े में  जगदंबा भवानी की आरती होती है। अखाड़े का तिलक त्रिपुंड है, जिसमें बीच में बिंदी और ऊपर श्री लिखा होता है। अखाड़े की माला वैजयंती की माला है, जिसमें तीन मुखी रुद्राक्ष है। तीन मुखी रुद्राक्ष नर, नारी और किन्नर का प्रतीक है। ALSO READ: कौन हैं लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी, कैसे तय किया किन्नर अखाड़े की पहली महामंडलेश्वर बनने का सफर

किन्नर अखाड़े का शास्त्र शिव पुराण और शस्त्र तलवार है। अखाड़े का ध्वज तिकोन सफेद रंग का है, जिसमें गोल्डन कलर की बॉर्डर लगी होती है। अखाड़े का वस्त्र सफेद और पीला है। सफेद शांति का प्रतीक और  पीला शत्रु के नाश का प्रतीक माना जाता है। 

किन्नर समाज का हक मार रहे
अजय दास का कहना है कि मैंने अखाड़ा किन्नरों के लिए बनाया था लेकिन ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाकर यह लोग किन्नर समाज का हक मार रहे हैं। दिगंबर अखाड़े के महामंडलेश्वर कंप्यूटर बाबा ने अजय दास का सपोर्ट किया है। उन्होंने कहा है कि किन्नर अखाड़े को बनाने की पूरी प्रक्रिया मेरे आंखों के सामने हुई है। किन्नर अखाड़ा अजय दास ने बनाया लेकिन लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी उसको गलत तरीके से चला रहे हैं।
 


ममता कुलकर्णी के महामंडलेश्वर बनने पर उठा था विवाद
ममता कुलकर्णी ने बीते शुक्रवार (24 जनवरी) को प्रयागराज महाकुंभ पहुंचकर गंगा में डुबकी लगाई और अपना पिंडदान कर दिया। इसी दिन किन्नर अखाड़ा में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच महामंडलेश्वर के रूप में उनका पट्टाभिषेक किया गया। ममता कुलकर्णी के महामंडलेश्वर बनने के बाद से ही संत समाज का एक वर्ग नाराज भी है। कई संतों ने उनके महामंडलेश्वर बनने पर आपत्ति जताई है। बाबा रामदेव ने तो यहां तक कह दिया कि हर किसी को महामंडलेश्वर बना दे रहे हैं। अजय दास के अनुसार उन्होंने किन्नर अखाड़े की स्थापना ने किन्नर समुदाय के अधिकारों के लिए की थी। उनका मानना है कि ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाकर किन्नर समुदाय के अधिकारों का हनन किया जा रहा है।

वहीं महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने अजय दास के दावे को खारिज किया। उन्होंने कहा कि अजय दास को किन्नर अखाड़े से 2016 में ही निकाल दिया गया था। वह कौन होते हैं मुझे अखाड़े से निकलने वाले। वह निजी स्वार्थ के लिए ऐसा कह रहे हैं। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने भी लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी के साथ होने की बात कही। उन्होंने भी लक्ष्मी की बात का समर्थन करते हुए कहा कि हम अजय दास को नहीं जानते।

सम्बंधित जानकारी

बसंत पंचमी का दूसरा नाम क्या है? जानें कैसे मनाएं सरस्वती जयंती

gupt navratri 2025: माघ गुप्त नवरात्रि में कौनसी साधना करना चाहिए?

मां सरस्वती को प्रसन्न करने के लिए बसंत पंचमी पर लगाएं इन 5 चीजों का भोग?

जया और विजया एकादशी में क्या है अंतर?

फरवरी 2025 के प्रमुख व्रत एवं त्योहारों की लिस्ट

संगम और झूंसी में हालात बेकाबू थे, लेकिन सच कोई नहीं बता रहा, प्रत्यक्षदर्शियों की आंखों देखी रिपोर्ट

Mahakumbh: क्या रहस्यमयी लोक ज्ञानगंज के संन्यासी भी आए हैं कुंभ मेले में गंगा स्नान करने?

क्या अब सीबीआई करेगी महाकुंभ भगदड़ की जांच?

कौन हैं किन्नर अखाड़े का गठन करने वाले अजय दास, ममता कुलकर्णी और लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को क्या कहकर हटाया

झूंसी का 'सच' क्यों छिपा रहा है कुंभ प्रशासन? प्रयागराज महाकुंभ की दूसरी भगदड़ का खुलासा!