Hanuman Chalisa

महर्षि वाल्मीकि की रामायण और गोस्वामी तुलसीदास की रामचरितमानस के उत्तर कांड में फर्क क्यूं?

अनिरुद्ध जोशी
रामायण या रामचरित मानस के उत्तर कांड के संबंध में बहुत लोगों को इस बात का संशय है कि इसमें घटनाओं का वर्णन वैसा नहीं है जैसा कि शोधकर्ता मानते हैं। रामायण और रामचरित मानस दोनों ही का उत्तर कांड बहुत ही भिन्न है। ऐसा क्यों? यह शोध का विषय हो सकता है। रामानंद सागर द्वारा उत्तर कांड के नाम से उत्तर रामायण नाम का सीरियल बनाया गया है। आओ जानते हैं दोनों ही रामायण के काण्ड का फर्क।
 
 
1. वाल्मीकि कृत रामायण का उत्तर कांड : उत्तरकाण्ड में राम के राज्याभिषेक के अनन्तर कौशिकादि महर्षियों का आगमन, महर्षियों के द्वारा राम को रावण के पितामह, पिता तथा रावण का जन्मादि वृत्तान्त सुनाना, सुमाली तथा माल्यवान के वृत्तान्त, रावण, कुम्भकर्ण, विभीषण आदि का जन्म-वर्णन, रावणादि सभी भाइयों को ब्रह्मा से वरदान-प्राप्ति, रावण-पराक्रम-वर्णन के प्रसंग में कुबेरादि देवताओं का घर्षण, रावण सम्बन्धित अनेक कथाएँ, सीता के पूर्वजन्म रूप वेदवती का वृत्तान्त, वेदवती का रावण को शाप, सहस्त्रबाहु अर्जुन के द्वारा नर्मदा अवरोध तथा रावण का बन्धन, रावण का बालि से युद्ध और बालि की कांख में रावण का बन्धन, सीता-परित्याग, सीता का वाल्मीकि आश्रम में निवास, निमि, नहुष, ययाति के चरित, शत्रुघ्न द्वारा लवणासुर वध, शंबूक वध तथा ब्राह्मण पुत्र को जीवन प्राप्ति, भार्गव चरित, वृत्रासुर वध प्रसंग, किंपुरुषोत्पत्ति कथा, राम का अश्वमेध यज्ञ, वाल्मीकि के साथ राम के पुत्र लव कुश का रामायण गाते हुए अश्वमेध यज्ञ में प्रवेश, राम की आज्ञा से वाल्मीकि के साथ आयी सीता का राम से मिलन, सीता का रसातल में प्रवेश, भरत, लक्ष्मण तथा शत्रुघ्न के पुत्रों का पराक्रम वर्णन, दुर्वासा-राम संवाद, राम का सशरीर स्वर्गगमन, राम के भ्राताओं का स्वर्गगमन, तथा देवताओं का राम का पूजन विशेष आदि वर्णित है।

 
2. तुलसीदास गोस्वामी कृत रामचरितमानस का उत्तर कांड : इसमें मंगलाचरण, भरत विरह तथा भरत-हनुमान मिलन, अयोध्या में आनंद, श्री रामजी का स्वागत, भरत मिलाप, सबका मिलनानन्द, राम राज्याभिषेक, वेदस्तुति, शिवस्तुति, वानरों की और निषाद की विदाई, रामराज्य का वर्णन, पुत्रोत्पति, अयोध्याजी की रमणीयता, सनकादिका आगमन और संवाद, हनुमान्‌जी के द्वारा भरतजी का प्रश्न और श्री रामजी का उपदेश, श्री रामजी का प्रजा को उपदेश (श्री रामगीता), पुरवासियों की कृतज्ञता, श्री राम-वशिष्ठ संवाद, श्री रामजी का भाइयों सहित अमराई में जाना, नारदजी का आना और स्तुति करके ब्रह्मलोक को लौट जाना, शिव-पार्वती संवाद, गरुड़ मोह, गरुड़जी का काकभुशुण्डि से रामकथा और राम महिमा सुनना, काकभुशुण्डि का अपनी पूर्व जन्म कथा और कलि महिमा कहना, गुरुजी का अपमान एवं शिवजी के शाप की बात सुनना, रुद्राष्टक, गुरुजी का शिवजी से अपराध क्षमापन, शापानुग्रह और काकभुशुण्डि की आगे की कथा, काकभुशुण्डिजी का लोमशजी के पास जाना और शाप तथा अनुग्रह पाना, ज्ञान-भक्ति-निरुपण, ज्ञान-दीपक और भक्ति की महान्‌ महिमा, गरुड़जी के सात प्रश्न तथा काकभुशुण्डि के उत्तर, भजन महिमा, रामायण माहात्म्य, तुलसी विनय और फलस्तुति और रामायणजी की आरती का वर्णन मिलता है।


वाल्मीकि कृत उत्तर कांड में राम के रावण वध की आगे की गाथा का वर्णन है, जिसमें राम का राज्याभिषेक, सीता परित्याग, वाल्मीकि आश्रम में लव और कुश का जन्म, बचपन और सीता का जीवन। शत्रुघ्न द्वारा लवणासुर का वध और इसके अलावा पूर्व के ऋषि मुनियों और राजाओं की गाथा का वर्णन मिलेगा।

 
दूसरी ओर गोस्वामी तुलसीदास कृत रामचरित मानस में शिव और पार्वती का रामकथा के संबंध में संवाद, काकभुशुण्डि और गरुढ़ संवाद सहित ज्ञान और उपदेश की बातें ही ज्यादा हैं। इसमें सीता परित्याग और लव एवं कुश के बारे में उल्लेख नहीं मिलता है।

विद्वान लोग मानते हैं कि ऋषि वाल्मीकि राम के समकालीन थे और गोस्वामी तुलसीदास राम के भक्त थे। यदि प्रमाण की बात सामने आए तो वाल्मीकि रामायण को ही प्रमाण मानना चाहिए, क्योंकि वही सही रामायण है। गोस्वामी तुलसीदास ने रामचरित मानस को लिखने के पूर्व वाल्मीकि कृत रामायण सहित दक्षिण भारत की रामायण को भी पढ़ा था। अत: उन्होंने सभी को पढ़कर लिखा जबकि वाल्मीकि ने राम के जीवन को देखकर रामायण को लिखा था।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Surya gochar 2025:सूर्य का मकर राशि में गोचर, 12 राशियों का राशिफल

Budh Gochar 2025: बुध का धनु राशि में गोचर, 12 राशियों का राशिफल

नरेंद्र मोदी के बाद क्या अमित शाह संभालेंगे पीएम की कमान, क्या कहती है लाल किताब

Astrology Prediction: बांग्लादेश का भविष्य होगा 'गाजा' की तरह, संभलकर रहना होगा भारत को

मकर संक्रांति पर बन रहे हैं इस बार खास योग संयोग, 3 राशियों के खुल जाएंगे भाग्य

सभी देखें

धर्म संसार

28 December Birthday: आपको 28 दिसंबर, 2025 के लिए जन्मदिन की बधाई!

Aaj ka panchang: आज का शुभ मुहूर्त: 28 दिसंबर, 2025: रविवार का पंचांग और शुभ समय

Weekly Horoscope in Hindi: 29 दिसंबर से 04 जनवरी 2026, नए साल की शुरुआत, जानें मेष से लेकर मीन राशि का साप्ताहिक राशिफल

Guru Gobind Singh Ji Quotes: गुरु गोविंद सिंह जी के 10 प्रेरक विचार, जो बदल देंगे जिंदगी का नजरिया

Budh Gochar 2025: बुध का धनु राशि में गोचर, 4 राशियों को रहना होगा सतर्क

अगला लेख