उजाले से भरे अनूठे गांव की सैर, जहां बिजली का कोई कनेक्शन नहीं....

Webdunia
एक युवा, जो चाहता है कि वह जो ऊंचाइयां हासिल कर चुका है और जो ऊंचाइयां नापना बाकी रह गई हैं उनमें उसका गांव हमकदम रहे... बस इसी सोच के साथ शुरू किया गया एजुकेशन पार्क स्कूल प्रदेश के लिए अनोखा साबित हो रहा है...खरगोन से आगे भीकनगांव पहुंचें तो नीरव से इलाके में एक हरा भरा टापू दिखाई देगा यदि कुछ अनूठा देखना है तो यहां रुक ही जाएं। होने को यह स्कूल ही है जिसमें बच्चे पढ़ते हैं और शिक्षक पढ़ाते हैं लेकिन देखते चलिए कि क्या कहीं आपको बिजली के खंबे और तार नज़र आ रहे हैं? जी, यहां बिजली का कोई कनेक्शन लिया ही नहीं गया है...

अंदर आइए काफी कुछ ख़ास मिलेगा क्योंकि यह एक अनूठे व्यक्ति की अनोखी सोच का साकार होने की दास्तां है... चलिए आपको इस स्कूल के सालाना जलसे में लिए चलते हैं जिसके चलते आज यह शांत सी रहने वाली जगह जश्न में निमग्न है। 
 
आज इनके साथ यहां सामाजिक सरोकारों की बात करने के लिए तुषार गांधी हैं। साथ में है चेतन सिंह सोलंकी जो आईआईटी मुंबई के प्रोफेसर हैं और सोलर से जुडी खोजों के मामले में विश्व स्तर पर नाम कमा चुके हैं लेकिन आज वे एक अलग भूमिका में हैं क्योंकि वह अपने अनूठे स्कूल में सभी आने वालों के मेजबान हैं... सोलंकी के प्रोफेसर रहे श्री व्यवहारे सोलर, पर्यावरण और सस्टेनेबल लाइफ को लेकर जम कर काम कर रही पद्मश्री डॉ. जनक पलटा और महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी स्कूल के दरवाजे पर उतरते हैं तो सोलंकी अगवानी कर उन्हें उन प्रतियोगिताओं के विजेताओं से मिलवाते हैं जो सोलर उपकरणों को बनाने के लिए आयोजित गईं थीं। 
 
अचरज यहां से शुरू होता है कि कार से लेकर पानी गर्म करने तक के जो मॉडल बच्चों ने बनाए हैं वे सभी आसपास के इलाके के स्कूल में पढ़ने वाले छात्र हैं... इतने नए-नए तरह के उपकरण और वह भी भीकनगांव क्षेत्र के स्कूली बच्चों के बनाए हुए... इनाम बांटने के बाद जब तुषार स्कूल के मुख्य भवन पहुंचते हैं तो बताया जाता है कि सभी कक्षाएं इस तरह बनाईं गईं हैं कि हवा और रोशनी के लिए बिजली की जरूरत कम से कम हो, रोशन और हवादार इन कमरों की डिज़ाइन ख़ास है...

इस अवसर पर 4 प्रभावशाली महिलाओं को भी सम्मानित किया गया जिन्होंने अपना पूरा जीवन समाज के लिए  दे दिया, इनमें पुष्पा दीदी, डॉ. मेजर अनुराधा, भारती ठाकुर और पद्मश्री जनक पलटा मगिलिगन शामिल थे। 
 
सभी को आगे बुलाया जाता है, जहां निमाड़ क्षेत्र के परंपरागत खाने के बाद गांधी जी की आज जरूरत जैसे मसले पर बात शुरू होती है और इसमें भाग लेने वाले इतने जुट जाते हैं कि अच्छा ख़ास हॉल छोटा पड़ जाता है। .. बातों ही बातों में उस सोलर एनर्जी से चलने वाले पंखे के पास पहुंच जाते हैं जो गर्मी बढ़ने के साथ तेज़ होता जाता है। कैंपस की हरियाली, वातावरण और इन नवोन्मेषी खासियत वाले इस स्कूल की सबसे ख़ास बात अब आपको बताते हैं... 
 
यहां पढ़ने वालों में उन मजदूरों के बच्चे भी शामिल हैं जिन्होंने स्कूल बनते हुए यहां ईंट-गारा उठाया जबकि कई रसूखदार अपने बच्चों के एडमिशन के लिए यहां चक्कर काटते रहते हैं... शाम ढलते-ढलते वार्षिक कार्यक्रम में बच्चे शानदार प्रस्तुतियां देना शुरू करते हैं, मोहक और लाजवाब प्रस्तुतियों के बीच हमें उठना पड़ता है लेकिन अब एक यादगार दिन की स्मृतियां साथ हैं... आते-जाते रास्ते में तुषार जी ने जो गांधी जी की अनसुनी कहानियां सुनाई वह इस दिन का बोनस कहा जा सकता है.... (WD) 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

UP : आगरा में जूता कारोबारियों के ठिकानों पर इनकम टैक्स की छापेमारी, 30 करोड़ बरामद

Swati Maliwal Case : स्वाति मालीवाल बोली- एक गुंडे के दबाव में झुकी AAP, अब मेरे चरित्र पर सवाल उठा रही है

छत्तीसगढ़ में एक ही परिवार के 5 लोगों की हत्‍या, फांसी पर लटका मिला एक अन्‍य शव

कोर्ट ने क्यों खारिज की विभव कुमार की जमानत याचिका, बताया कारण

अमेठी में इस बार आसान नहीं है केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की राह

अब CISF करेगी संसद की सुरक्षा, कल से संभालेगी कमान

कानपुर में आवारा सांड का आतंक, जिला जज के डिप्टी नाजिर की ली जान

आगरा की मस्जिद में मिला युवती का अर्द्धनग्न शव, बलात्कार की आशंका

Kuno Park से भटका चीता ग्वालियर पहुंचा, बकरी को बनाया शिकार, किसानों को किया अलर्ट

ईरान के राष्ट्रपति रईसी के हेलीकॉप्टर की हार्ड लैंडिंग, जा रहे थे अजरबैजान

अगला लेख