हर साल 51 हजार टन मांस खा जाते हैं कश्मीरी

सुरेश एस डुग्गर
शनिवार, 6 मार्च 2021 (16:48 IST)
जम्मू। कश्मीरी एक साल में 51 हजार टन मीट को डकार जाते हैं। इनमें बकरे और मुर्गे ही ज्यादातर शामिल हैं, पर पिछले 4 महीनों से कश्मीरियों को बकरे के मीट की कमी का सामना इसलिए नहीं करना पड़ रहा है कि कश्मीर में बकरों की कमी है, बल्कि मीट बेचने वालों और प्रशासन के बीच रेट को लेकर चल रहे विवाद के बाद कश्मीरियों को अब ऊंटों के मीट की ओर मुड़ना पड़ा है। इस विवाद के बाद मछली की बिक्री में भी इजाफा हुआ है।

दरअसल प्रशासन ने बकरे के मीट की कीमत प्रति किग्रा रुपए 480 फिक्स की है, पर मीट विक्रेताओं को यह मंजूर नहीं है। नतीजतन चार माह से चल रहे विवाद के बीच मीट विक्रेताओं ने मीट बेचना लगभग आधे से भी कम कर दिया है जिनका कहना है कि उन्हें इन चार महीनों में 400 करोड़ से अधिक का घाटा हो चुका है। कई दिनों तक वे हड़ताल पर भी रहे हैं।

नतीजतन 85 परसेंट नानवेज कश्मीरियों के लिए मीट का संकट पैदा हो गया तो वे मछली और ऊंटों के मीट की ओर मुड़ने लगे। जहां कश्मीर में कभी-कभार ईद के मौके पर ही ऊंटों का मीट उपलब्ध होता था वहां अब पिछले चार महीनों के भीतर यह बहुतायत में मिलने तो लगा है, पर कश्मीरी अभी भी उतनी मात्रा में इसे पाने में असमर्थ हैं, जितना उन्हें चाहिए।

जानकारी के लिए कश्मीरी करीब 51 हजार टन मीट एक साल में खा जाते हैं, जिसमें से 21 हजार टन के करीब मीट देश के अन्य भागों से मंगवाया जाता है। अगर आंकड़ों की बात करें तो कश्मीर में 1200 करोड़ के मीट की बिक्री प्रतिवर्ष होती है।

बकरे के मीट की कीमतों पर बने हुए विवाद के बाद अगर ऊंट के मीट की तलाश तेज हुई है तो मछली की बिक्री में भी 25 से 30 फीसदी का उछाल आया है। हालांकि कश्मीरी अभी तक मछली को तरजीह नहीं देते थे लेकिन उन्हें मजबूरन इसकी ओर मुड़ना पड़ रहा है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

महाराष्ट्र में कौनसी पार्टी असली और कौनसी नकली, भ्रमित हुआ मतदाता

Prajwal Revanna : यौन उत्पीड़न मामले में JDS सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर एक्शन, पार्टी से कर दिए गए सस्पेंड

क्या इस्लाम न मानने वालों पर शरिया कानून लागू होगा, महिला की याचिका पर केंद्र व केरल सरकार को SC का नोटिस

MP कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और MLA विक्रांत भूरिया पर पास्को एक्ट में FIR दर्ज

टूड्रो के सामने लगे खालिस्तान जिंदाबाद के नारे, भारत ने राजदूत को किया तलब

कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वालों को साइड इफेक्ट का कितना डर, डॉ. रमन गंगाखेडकर से जानें आपके हर सवाल का जवाब?

Covishield Vaccine से Blood clotting और Heart attack पर क्‍या कहते हैं डॉक्‍टर्स, जानिए कितना है रिस्‍क?

इस्लामाबाद हाई कोर्ट का अहम फैसला, नहीं मिला इमरान के पास गोपनीय दस्तावेज होने का कोई सबूत

पुलिस ने स्कूलों को धमकी को बताया फर्जी, कहा जांच में कुछ नहीं मिला

दिल्ली-NCR के कितने स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी, अब तक क्या एक्शन हुआ?

अगला लेख