मोरारी बापू ने वृंदावन में ठाकुरजी के किए दर्शन, गिरनार की चोटी पर वर्च्युअल रामकथा 17 अक्टूबर से

Webdunia
बुधवार, 14 अक्टूबर 2020 (20:34 IST)
वृंदावन। विश्व प्रसिद्ध कथाकार परम पूज्य मोरारी बापू ने पुरुषोत्तम मास के पवित्र सोमवार के अवसर पर पवित्र धाम वृंदावन में ठाकुरजी के दर्शन किए। इस अवसर पर उनके साथ योग गुरु स्वामी रामदेव बाबा, परमात्मानंद सरस्वती कर्षिणी गुरु शरणानंदजी महाराज और गीतामणि स्वामी ज्ञानानंदजी भी ठाकुरजी वृंदावन पहुंचे। 
 
मोरारी बापू ने कहा कि पुरुषोत्तम मास में ब्रजराज के दर्शन करने से मेरे मन को बहुत शांति मिली है। दाउजी की परिक्रमा करके ब्रज चौरासी कोस परिक्रमा के पुण्य का लाभ प्राप्त हुआ है। पवित्र मंदिर में संतों के आगमन की खबर से बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया और उन्होंने फूलों की बौछार के साथ संतों का स्वागत किया।
 
इससे पहले मोरारी बापू ने मथुरा में बलदेव धाम में दाऊजी मंदिर में बलदेव और रेवती मैया के दर्शन किए। इस अवसर पर अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश पाठक, संत गुरुशरणानंद महाराज, योगाचार्य रामदेव और संत ज्ञानानंद भी उपस्थित थे। मोरारी बापू आगरा से पहले कर्षणी आश्रम रमनरती पहुंचे।
गिरनार की चोटी पर बापू की 849वीं रामकथा : नवरात्र के शुभ अवसर पर मोरारी बापू द्वारा 849वीं रामकथा का आयोजन गिरनार की चोटी पर कमंडल कुंड से 17 अक्टूबर 9:30 बजे से होने जा रहा है। यह सोरठ के अवधूत जोगंदर के समान गिरनार पर्वत पर पहली ऐतिहासिक रामकथा है। एक अद्भुत जगह में कोरोना के कठिन समय के दौरान श्रोता के बिना बापू की यह छठी रामकथा है। 
 
इस रामकथा का बापू के भक्त  बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। हालांकि, कोरोना महामारी और सरकार के दिशा-निर्देशों का पालन करने वाले भक्तों की सुरक्षा के बीच सामाजिक दूरी को देखते हुए रामकथा वर्च्युअल होगी। वर्तमान माहौल में रामकथा भक्तों के लिए मन में शांति लाएगी। 
रामकथा का लाइव प्रसारण आस्था चैनल के साथ-साथ यूट्यूब पर भी देखा जा सकता है। नवरात्रि अनुष्ठानों के दिनों में कथा श्रवण के लाभ का आनंद लेने के लिए लाखों श्रोताओं को 17 अक्टूबर का बेसब्री से इंतजार है।
 
गोरखनाथ का शिखर गिरनार पर्वत पर दत्तात्रेय तुक की ओर जाता है, रास्ते में 'कमंडल कुंड' आता है। भोजन क्षेत्र भी 3000 फीट की ऊँचाई पर चलता है। इससे पहले भी जूनागढ़ शहर और पन्थ में रामकथा का आयोजन हुआ है। 
 
मोरारी बापू जो की हिमालय में कैलाश-मानसरोवर, नीलगिरि पर्वत पर, बर्फानी बाबा अमरनाथ के साथ-साथ चार धाम-बद्रीनाथ, केदारनाथ, यमनोत्री और गंगोत्री जैसे दुर्गम क्षेत्रों में रामकथा कर चुके है। पहली बार गिरनार पर्वत पर रामकथा हो रही है। इससे पहले तुलसी-श्याम, जो कि गिरनारी पर्वत श्रृंखला का हिस्सा है, माँ रूक्मिणीजी के चरणों में रामकथा की गई थी।
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

महाराष्ट्र में कौनसी पार्टी असली और कौनसी नकली, भ्रमित हुआ मतदाता

Prajwal Revanna : यौन उत्पीड़न मामले में JDS सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर एक्शन, पार्टी से कर दिए गए सस्पेंड

क्या इस्लाम न मानने वालों पर शरिया कानून लागू होगा, महिला की याचिका पर केंद्र व केरल सरकार को SC का नोटिस

MP कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और MLA विक्रांत भूरिया पर पास्को एक्ट में FIR दर्ज

टूड्रो के सामने लगे खालिस्तान जिंदाबाद के नारे, भारत ने राजदूत को किया तलब

कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वालों को साइड इफेक्ट का कितना डर, डॉ. रमन गंगाखेडकर से जानें आपके हर सवाल का जवाब?

Covishield Vaccine से Blood clotting और Heart attack पर क्‍या कहते हैं डॉक्‍टर्स, जानिए कितना है रिस्‍क?

इस्लामाबाद हाई कोर्ट का अहम फैसला, नहीं मिला इमरान के पास गोपनीय दस्तावेज होने का कोई सबूत

पुलिस ने स्कूलों को धमकी को बताया फर्जी, कहा जांच में कुछ नहीं मिला

दिल्ली-NCR के कितने स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी, अब तक क्या एक्शन हुआ?

अगला लेख