बड़ी खबर, अब महबूबा और उनकी मां को नहीं मिलेगा पासपोर्ट

सुरेश एस डुग्गर
मंगलवार, 30 मार्च 2021 (16:33 IST)
जम्मू। वैसे यह कोई पहला मामला नहीं है कश्मीर में कि किसी को पासपोर्ट से इसलिए वंचित रखा जा रहा है क्योंकि उनका कोई सगा संबंधी या तो आतंकी था या फिर आतंकी गतिविधियों से जुड़ा हुआ था या फिर उस पर ऐसा कोई आरोप लगा है। ताजा घटनाक्रम चौंकाने वाला इसलिए है, क्योंकि मुख्यमंत्री रहते हुए जो महबूबा मुफ्ती और उनकी मां 'देशप्रेमी' करार दिए गए थे अब दोनों को देश की सुरक्षा के लिए खतरा करार देते हुए पासपोर्ट से वंचित रखा जाएगा।

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सिर्फ महबूबा मुफ्ती ही नहीं उनकी मां गुलशन मुफ्ती को भी जम्मू-कश्मीर पुलिस के सीआईडी विंग की नकारात्मक रिपोर्ट के आधार पर क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय ने उन्हें पासपोर्ट देने से इंकार कर दिया है। सीआईडी ने पीडीपी अध्यक्षा की विदेश यात्रा को राष्ट्रीय एकता व सुरक्षा के लिए खतरा बताया है।
 
उल्लेखनीय है कि पासपोर्ट जारी करने की प्रक्रिया में देरी को देखते हुए महबूबा मुफ्ती ने बीते सप्ताह जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की थी। उच्च न्यायालय में जस्टिस अली मोहम्मद मागरे की बेंच ने इस मामले की सुनवाई करते हुए उनकी याचिका को खारिज कर दिया। जस्टिस अली मोहम्मद मागरे ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि मेरी राय में यह अदालत याचिकाकर्ता के पक्ष में पासपोर्ट जारी करने की कोई हिदायत नहीं दे सकती। किसी व्यक्ति विशेष के मामले में पासपोर्ट जारी करने के मामले में इस अदालत के पास कोई ज्यादा अधिकार नहीं है।

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अदालत सिर्फ संबंधित संस्था को संबंधित नियमों के आधार पर आवेदक को पासपोर्ट जारी करने की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए ही कह सकती है। महबूबा मुफ्ती ने 11 दिसंबर 2020 को पासपोर्ट जारी करने के लिए आवेदन किया था। महबूबा मुफ्ती से कहा गया है कि अगर वह इस फैसले से असहमत हैं तो वह ज्वाइंट सेक्रेटरी और मुख्य पासपोर्ट अधिकारी विदेश मामले के मंत्रालय पटियाला हाउस नई दिल्ली में 30 दिनों के भीतर आवेदन कर सकती हैं।
 
महबूबा मुफ्ती ने अदालत के फैसले और सीआईडी रिपोर्ट पर अपनी प्रतिक्रिया अपने ट्वीटर हैंडल पर व्यक्त करते हुए लिए है कि पासपोर्ट कार्यालय ने मुझे सीआईडी की एक रिपोर्ट के आधार पर पासपोर्ट जारी करने से इंकार किया है। सीआईडी ने मुझे देश की सुरक्षा के लिए खतरा बताया है। इसके साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार पर कटाक्ष करते हुए लिखा है कि अगस्त 2019 के बाद केंद्र सरकार ने कश्मीर में हालात सामान्य बनाने की दिशा में यही उपलब्धि हासिल की है कि एक पूर्व मुख्यमंत्री को पासपोर्ट देने से एक महान राष्ट्र की एकता, अखंडता और सुरक्षा को खतरा पैदा हो जाता है।
 
क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी श्रीनगर ने उच्च न्यायालय में एडीजीपी सीआईडी जम्मू-कश्मीर की एक रिपोर्ट भी जमा कराते हुए बताया कि सीआईडी ने महबूबा मुफ्ती को पासपोर्ट जारी करने की सिफारिश से इंकार किया है। नियमों के मुताबिक पुलिस की जांच रिपोर्ट पासपोर्ट के लिए अनिवार्य है। सीआईडी की रिपोर्ट के आधार पर महबूबा मुफ्ती का पासपोर्ट आवेदन पासपोर्ट अधिनियम 1967 की धारा 6 की उपधारा दो-सी के तहत खारिज किया जाता है।

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