Chhattisgarh: नक्सलियों के बारे में जानकारी देने पर मिलेगी सरकारी नौकरी, पुलिस ने की घोषणा

पुलिस ने पर्चे बांटे और पोस्टर चिपकाए

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
मंगलवार, 16 अप्रैल 2024 (16:51 IST)
Government job on giving address of Naxalites: छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले में पुलिस ने घोषणा की है कि जो लोग नक्सलियों की गिरफ्तारी या उनके मारे जाने में पुलिस की मदद करेंगे उन्हें आरक्षक के रूप में भर्ती किया जाएगा तथा 5 लाख रुपए का नकद इनाम दिया जाएगा।
 
नक्सलियों की सूचना दो इनाम पाओ : मध्यप्रदेश की सीमा से लगे इस जिले के नक्सल प्रभावित गांवों में बांटे गए पर्चे में लिखा है कि सूचना दो इनाम पाओ। किसी भी व्यक्ति के द्वारा नक्सलियों को पकड़वाया जाएगा या उसकी सूचना पर मुठभेड़ में यदि नक्सली मारा जाएगा तो उस व्यक्ति को कबीरधाम पुलिस की ओर से 5 लाख रुपए नकद इनाम एवं पुलिस की शासकीय नौकरी दी जाएगी तथा आत्मसमर्पण करवाने पर नकद इनाम दिया जाएगा।

ALSO READ: छत्तीसगढ़ के बीजापुर में मुठभेड़, 3 नक्सली ढेर
 
पर्चे बांटे हैं और पोस्टर चिपकाए : कबीरधाम जिले के पुलिस अधीक्षक अभिषेक पल्लव ने बताया कि हमने पिछले 2 दिनों में माओवाद प्रभावित गांवों में अपने नए प्रस्ताव के पर्चे बांटे हैं और पोस्टर चिपकाए हैं। हमने जिले के नक्सल प्रभावित गांवों में मोबाइल फोन उपयोगकर्ताओं को व्हॉट्सएप पर संदेश भी भेजा है।
 
उन्होंने बताया कि माओवादी की गिरफ्तारी या मारे जाने में सहयोगपरक सूचना देने पर ग्रामीणों को तत्काल 5 लाख रुपए दिए जाएंगे। यह राशि किसी भी नक्सली पर राज्य/केंद्र सरकार द्वारा घोषित इनाम से अतिरिक्त होगी। पल्लव ने कहा कि सूचना देने वाले को भी बिना किसी परीक्षा का सामना किए जिला पुलिस में आरक्षक के रूप में भर्ती किया जाएगा। हालांकि, संबंधित व्यक्ति को शैक्षिक और शारीरिक मानकों को पूरा करना होगा।
 
पुलिस अधीक्षक ने कहा कि बस्तर क्षेत्र में उग्रवाद विरोधी अभियान तेज कर दिया गया है इसलिए यदि वहां से नक्सली छत्तीसगढ़-मध्य प्रदेश सीमा पर अपने नए अड्डे पर स्थानांतरित होने की कोशिश करेंगे, जहां उन्हें बस्तर की तरह व्यापक समर्थन नहीं है, तो इस तरह की पेशकश से मदद मिलेगी।

ALSO READ: बीजापुर में सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता, मुठभेड़ में 6 नक्सली ढेर
 
पुलिस नक्सलियों खुफिया जानकारी जुटाने में लगी : उन्होंने बताया कि पुलिस नक्सलियों के बारे में खुफिया जानकारी जुटाने में लगी है। पल्लव ने कहा कि आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति में पहले से ही नक्सलियों की गिरफ्तारी या उनके मारे जाने में मदद करने वालों को सरकारी नौकरी देने का प्रावधान है, लेकिन पहली बार इसे पारदर्शी तरीके से घोषित किया गया है जिससे ग्रामीणों को इसके बारे में पता चले और इसका लाभ उठाएं।
 
पुलिस के अनुसार नक्सली 2017-18 से महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ (एमएमसी-जोन) के ट्राई-जंक्शन जंगल में अपना नया आधार स्थापित करने का प्रयास कर रहे हैं। इसमें बालाघाट (मध्यप्रदेश), गोंदिया (महाराष्ट्र) और छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव, मुंगेली और कबीरधाम जिले शामिल हैं।
 
पुलिस ने बताया कि माओवादियों का 'विस्तार प्लाटून' एमएमसी जोन में अपनी गतिविधियों के विस्तार की देखरेख कर रहा है। उनके अनुसार कान्हा-भोरमदेव डिवीजन (जिसमें कबीरधाम-छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्से और मध्य प्रदेश के मंडला, बालाघाट और डिंडोरी जिले शामिल हैं) में माओवादियों का 'विस्तार' प्लाटून सक्रिय है।

ALSO READ: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़, 4 नक्सली ढेर
 
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि कबीरधाम जिले में पिछले 5 वर्षों में पुलिस के साथ अलग-अलग मुठभेड़ों में 3  नक्सली मारे गए और 6 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। उन्होंने बताया कि कबीरधाम जिले में अंतरराज्यीय सीमा पर करीब 41 गांव हैं, जहां पिछले दो वर्षों में नक्सलियों की आवाजाही की सूचना मिली है। उनमें से 16 गांव की पहचान अधिक प्रभावित के रूप में की गई है।
 
पुलिस अधिकारी ने कहा कि अब तक हमने इन गांवों में इस्तेमाल किए जा रहे 35 हजार मोबाइल फोन पर नक्सली गतिविधियों की जानकारी के लिए नए प्रस्ताव के बारे में संदेश भेजा है और अगले एक सप्ताह में एक लाख मोबाइल फोन उपयोगकर्ताओं को शामिल किया जाएगा। जिन 16 गांवों को अधिक प्रभावित के रूप में चिन्हित किया गया है, वहां शत-प्रतिशत पहुंच का लक्ष्य है।
 
उन्होंने कहा कि बाद में हम इन गांवों में घर-घर जाकर भौतिक सत्यापन करेंगे जिससे यह जांचा जा सके कि उनके पास प्रस्ताव के बारे में जानकारी है या नहीं। पल्लव ने बताया कि पिछले एक महीने में जिले में अंतरराज्यीय सीमा पर 3  नए पुलिस शिविर स्थापित किए गए हैं तथा जल्द ही 3  और शिविर स्थापित किए जाएंगे।
 
उन्होंने कहा कि नक्सलियों की आवाजाही को रोकने के लिए अंतरराज्यीय सीमा को सील करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिले के नक्सल प्रभावित गांवों में विशेष रूप से कमजोर आदिवासी समूह बैगा जनजाति का निवास है, इसलिए इन क्षेत्रों में जनमन योजनाओं का लाभ सुनिश्चित करने के प्रयास किए जाएंगे।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta

सम्बंधित जानकारी

Show comments

UP : आगरा में जूता कारोबारियों के ठिकानों पर इनकम टैक्स की छापेमारी, 30 करोड़ बरामद

Swati Maliwal Case : स्वाति मालीवाल बोली- एक गुंडे के दबाव में झुकी AAP, अब मेरे चरित्र पर सवाल उठा रही है

छत्तीसगढ़ में एक ही परिवार के 5 लोगों की हत्‍या, फांसी पर लटका मिला एक अन्‍य शव

कोर्ट ने क्यों खारिज की विभव कुमार की जमानत याचिका, बताया कारण

अमेठी में इस बार आसान नहीं है केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की राह

Lok Sabha Elections 2024 : रायबरेली में भाजपा ही करेगी राहुल गांधी की जीत आसान

UP : आगरा में जूता कारोबारियों के ठिकानों पर इनकम टैक्स की छापेमारी, 30 करोड़ बरामद

Swati Maliwal Case : स्वाति मालीवाल बोली- एक गुंडे के दबाव में झुकी AAP, अब मेरे चरित्र पर सवाल उठा रही है

जर्मन मीडिया को भारतीय मुसलमान प्रिय हैं, जर्मन मुसलमान अप्रिय

छत्तीसगढ़ में एक ही परिवार के 5 लोगों की हत्‍या, फांसी पर लटका मिला एक अन्‍य शव

अगला लेख