Russian Ukraine war : रूस को क्यों किया गया स्विफ्ट से बाहर? क्या आर्थिक रूप से टूट जाएगी रूस की कमर?

Webdunia
रविवार, 27 फ़रवरी 2022 (09:53 IST)
ब्रसेल्स। अमेरिका ने प्रतिबंधों के सहारे आर्थिक रूप से रूस की कमर तोड़ने का प्लान बनाया है। इस दिशा में पहला कदम उसे स्विफ्ट से बाहर करने का फैसला है।  
 
अमेरिका, यूरोपीय संघ और उसके सहयोगियों ने रविवार को रूस को स्विफ्ट से बाहर कर देने का ऐलान किया है। यह एक अंतरराष्ट्रीय भुगतान प्रणाली है। इसका उद्देश्य इन संस्थानों के अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय प्रवाह को बाधित करना है। यह रूस के वैश्विक व्यापार को बड़े पैमाने पर प्रतिबंधित कर देगा।
 
इस हफ्ते यूक्रेन पर हमला बोले जाने के बाद से यह रूस पर लगाए गए नए प्रतिबंधों का हिस्सा है। इसका रूस पर काफी प्रभाव पड़ने की संभावना है क्योंकि रूस तेल और गैस के निर्यात के लिए काफी हद तक स्विफ्ट बैंकिंग प्रणाली पर निर्भर है।
 
हालांकि इससे सिर्फ रूस ही प्रभावित नहीं होगा, बल्कि इसका प्रभाव रूस के साथ व्यापार करने वालों पर भी पड़ेगा जिसमें कई पश्चिमी देश भी शामिल हैं।
 
क्या है स्विफ्ट : स्विफ्ट का पूरा नाम 'सोसायटी फॉर वर्ल्डवाइड इंटरबैंक फाइनेंशियल टेलीकम्यूनिकेशन है।' यह बेल्जियम में स्थित है। यह एक बेहद सुरक्षित मैसेजिंग प्रणाली है जिससे सीमा पार के अन्य देशों के साथ पैसों का लेनदेन आसानी से हो पाता है। इससे दुनियाभर के 11,000 से अधिक बैंकों और वित्तीय संगठनों के साथ वित्तीय लेनदेन की सुविधा मिलती है लिहाजा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर व्यापार समुचित व सुरक्षित ढंग से हो पाता है।
 
हालांकि विश्व अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका रखने के बाद भी स्विफ्ट के पास प्रतिबंधों के संबंध में निर्णय लेने का कोई अधिकार नहीं है। इस विषय पर यूक्रेनी प्रधानमंत्री डेनिस शमीहाल ने ट्वीट कर प्रतिबंधों की सराहना करते हुए कहा कि यह संकट के समय में उनकी वास्तविक मदद है।
 
इस बीच अमेरिका के राष्ट्रपति जो बिडेन ने ट्रेजरी विभाग को आने वाले दिनों में रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष (आरडीआईएफ) पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाने के निर्देश दिए हैं।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

भारत कोई धर्मशाला नहीं, लोकसभा में बोले अमित शाह, इमिग्रेशन बिल 2025 पास

रोहिंग्या हो या बांग्लादेशी घुसपैठिए, सब पर लगेगी लगाम, लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने बताया प्लान

Ranya Rao को तीसरी बार झटका, जमानत याचिका नामंजूर, जानिए Gold smuggling case में अब तक क्या-क्या हुआ

Hurun Global rich List : 284 अरबपतियों के पास भारत की GDP का एक तिहाई हिस्सा, मुकेश अंबानी एशिया में सबसे अमीर

क्‍या है सत्‍ता जिहाद जिसे लेकर उद्धव ठाकरे ने साधा पीएम मोदी पर निशाना?

सभी देखें

नवीनतम

जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ FIR की मांग वाली याचिका पर SC में सुनवाई आज, 6 बार एसोसिएशन ने की CJI से मुलाकात

अगले साल बंगाल में कमल खिलेगा, घुसपैठ बंद होगी : अमित शाह

कुमार विश्वास के घर के बाहर मारपीट, सुरक्षाकर्मियों पर पिटाई करने का आरोप

कुणाल कामरा को मुंबई पुलिस ने भेजा नया समन, 31 मार्च को पूछताछ के लिए बुलाया

प्रधानमंत्री मोदी 30 मार्च को जाएंगे नागपुर, RSS संस्थापक हेडगेवार स्मारक का करेंगे दौरा

अगला लेख