Lockdown : घर में रह रहे हैं तो ये 7 कार्य कभी ना करें, वर्ना पछताएंगे

अनिरुद्ध जोशी
लॉकडाउन के चलते अधिकतर लोगों को घर में ही रहना पड़ रहा है। बाहर घुमना फिरना बंद है। ऐसे में खाना भी सही समय पर नहीं पचता होगा। साथ ही सुबह देर तक सोते रहना और रात में देर तक जाग कर मूवी वगैरा देखते रहना भी जारी ही होगा। इसके अलावा भी ऐसी कई बाते हैं जिसके चलते दिनचर्या बदल गई होगी। ऐसे में उन्हें निम्नलिखित 10 कार्य नहीं करना चाहिए अन्यथा इम्युन सिस्टम गड़बड़ा जाएगा तो रोग और बुढ़ापा जल्दी लग जाएगा।
 
 
अत्यम्बुपानं कठिनाशनं च धातुक्षयो वेगविधारणं च।
दिवाशयो जागरणं च रात्रौ षड्भिर्नराणां निवसन्ति रोगा:।।- गरुड़ पुराण
 
 
इन 10 में से 6 ऐसे प्रमुख कारण ऐसे हैं, जो दिनचर्या में लापरवाही से होते हैं और इसके चलते व्यक्ति गंभीर रोगों का शिकार बनकर जल्द ही वृद्धावस्था को प्राप्त कर लेता है।
 
1. बहुत ज्यादा मात्रा में पानी पीना : कई लोग यह मानते हैं कि अधिक मात्रा में पानी पीने से व्यक्ति स्वस्थ रहता है, लेकिन वे यह नहीं जानते हैं कि किडनी को उतना ही अधिक कार्य भी करना होगा। 'अति सर्वत्र वर्जयेत' (अधिकता सभी जगह बुरी होती है)। आयुर्वेद के अनुसार बहुत अधिक मात्रा में पानी पीने से व्यक्ति में जल्दी बुढ़ापा आता है। कई लोग होंगे जो घर में खाली वक्त में फालतू ही बार बार पानी पीते होंगे।
 
 
2. दिन में सोना और रात में जागना : प्रकृति ने हमारे शरीर में एक घड़ी फिट कर दी है। प्राचीनकाल में मनुष्‍य उस घड़ी के अनुसार ही सो जाता और प्रात: काल जल्दी उठ जाता था। कहते हैं कि 'जो रात को जल्दी सोए और सुबह को जल्दी जागे, उस बच्चे का दूर-दूर तक दुनिया का दुख भागे।' शास्त्रों के अनुसार यह आदत बुढ़ापे और रोग को जल्दी आमंत्रित करती है।
 
 
3. भारी यानी गरिष्ठ भोजन करना : गरिष्ठ भोजन को पचाने के लिए आंतों को अतिरिक्त श्रम करना पड़ता है। यदि आप गरिष्ठ भोजन कर रहे हैं, तो दांतों को थोड़ी ज्यादा तकलीफ दे दें। मांस और मछली के अलावा आलू, अरबी, जमींकंद सभी गरिष्ठ हैं। चावल बिना मांड निकाले खाना गरिष्ठ ही होता है। ज्यादा तली हुई और मसालेदार चीजें गरिष्ठ ही होती हैं। जंक और फास्ट फूड भी गरिष्ठ ही होते हैं। कई तरह के गरिष्ठ नाश्ते भी होते हैं, जो आपकी आंतों को दिन-प्रतिदिन कमजोर करके पाचन क्रिया को समाप्त कर देते हैं। इससे कब्ज, अजीर्ण, एसिडिटी और उदर संबंधी अन्य रोग होने लगते हैं, जो बुढ़ापे को जल्द आमंत्रित कर लेते हैं।

 
4. धातुक्षीणता या वीर्य स्खलन : धातुक्षीणता आज के अधिकांश युवकों की ज्वलंत समस्या है। कामुक विचार, कामुक चिंतन, कामुक हाव-भाव और कामुक क्रीड़ा करने के अलावा खट्टे, चटपटे, तेज मिर्च-मसाले वाले पदार्थों का अति सेवन करने से शरीर में कामाग्नि बनी रहती है जिससे शुक्र धातु पतली होकर क्षीण होने लगती है। इसके और भी कई कारण हैं। वीर्य बल का प्रतीक है। यह जितनी ज्यादा मात्रा में संचित होता रहता है, व्यक्ति उतना स्वस्थ और जवान बना रह सकता है।
 
 
5. मल-मूत्र का वेग रोकना : कभी भी पेशाब या मल आए तो उसे रोकना नहीं चाहिए। इसे रोके रखने से किडनी और आंतों पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। यह आदत कई तरह के गंभीर रोगों को जन्म देने में सक्षम है। वैसे आप घर में रह रहे हैं तो निश्चित ही वेग रोकने की जरूत नहीं पड़ती होगी। फिर भी यह ध्यान रखने वाली बात है। घर में रहकर कई लोग गेम खेलने या मूवी देखने में इतने मगन रहते हैं कि इस चीज को भी रोक कर रखते हैं।

 
6. अवसाद : अक्सर माना जाता है कि अवसाद या डिप्रेशन इंसान को मानसिक और भावनात्मक रूप से कमजोर बना देता है। मगर अब वैज्ञानिकों का कहना है कि इन समस्याओं के साथ ही अवसाद बुढ़ापा और रोग भी जल्दी लाता है। क्रोध, चिंता, तनाव, भय, घबराहट, चिड़चिड़ापन, ईर्ष्या आदि भाव बुढ़ापे को न्योता देने वाले कारक हैं। हमेशा प्रसन्नचित्त रहने का प्रयास करें। उत्साह, संयम, संतुलन, समता, संतुष्टि व प्रेम का मानसिक भाव हर पल बना रहे।
 
 
7. अधिक नमक खाना : अधिक नमक खाने से बुढ़ापा जल्दी आता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि सोडियम की बहुत अधिक मात्रा लेने से कोशिकाओं का क्षय होता है। इसका प्रभाव अधिक वजन वाले लोगों में सबसे ज्यादा देखा जाता है। जो किशोर मोटे होते हैं और चिप्स आदि के जरिए बहुत अधिक नमक खाते हैं, उनके शरीर में कोशिकाओं की आयु तेजी से बढ़ने लगती है। इस कारण वे जीवन में बाद के वर्षों में हृदय रोग के शिकार हो सकते हैं।

 
8. नशा करना : घर में खाली वक्त में रहने से तंबाकू, धूम्रपान या शराब का सेवन भी बढ़ ही गया होगा। सिगरेट पहले व्यक्ति पीता है, इसके बाद यह व्यक्ति को पीने लगती है। धूम्रपान से कुछ ही दिनों में त्वचा पर बुरा असर पड़ता है। शराब आपके लिवर, दिल और दिमाग को कमजोर करती जाती है। तंबाकू चबाने की आदत से व्यक्ति के दांत और गाल वक्त के पहले ही खत्म हो जाते हैं।
 
जहां तब सवाल स्मोकिंग का है तो इससे त्वचा खुश्क होती है और चेहरे पर झुर्रियां पड़ती हैं। स्मोकिंग से शरीर में विटामिन सी का स्तर भी घटता है, जबकि विटामिन सी का काम त्वचा की नमी बनाए रखना होता है। निकोटिन झुर्रियां पैदा करता है।

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