शनिश्चरी अमावस्या पर जानिए पूजन विधि, दान, रत्न एवं मंत्र

Webdunia
Shani Dev
 
शनिश्चरी अमावस्या इस वर्ष 13 मार्च 2021 को मनाई जाएगी। यह साल की पहली शनि अमावस्या होगी। इस दिन अमावस्या होने से शनिवार का महत्व बढ़ गया है। पौराणिक शास्त्रों के मुताबिक शनिवार के दिन आनेवाली अमावस्या को शनि अमावस्या कहते हैं। यह दिन शनि भक्तों के लिए विशेष फलदायी माना जाता है। इस दिन शनिदेव अपने भक्तों पर कृपा बरसाकर उन्हें पापों व कष्टों से भी मुक्ति दिलाते हैं। 
 
आइए जान‍ते हैं इस दिन ऐसा क्या करें जिससे हमारे समस्त संकटों के समाधान हो जाए... 
 
- शनिवार का व्रत रखें। 
 
- व्रत के दिन शनिदेव की पूजा (कवच, स्तोत्र, मंत्र जप) करें। 
 
- शनिवार व्रत कथा पढ़ना भी लाभकारी रहता है। 
 
- व्रत में दिन में दूध, लस्सी तथा फलों के रस ग्रहण करें। 
 
- सायंकाल हनुमानजी या भैरवजी का दर्शन करें। 
 
- काले उड़द की खिचड़ी (काला नमक मिला सकते हैं) या उड़द की दाल का मीठा हलवा ग्रहण करें।
 
शनि के दान : 
 
शनि की प्रसन्नता के लिए उड़द, तेल, इन्द्रनील (नीलम), तिल, कुलथी, भैंस, लोह, दक्षिणा और श्याम वस्त्र दान करें। 
 
किसी भी शनि मंदिरों में शनि की वस्तुओं जैसे काले तिल, काली उड़द, काली राई, काले वस्त्र, लौह पात्र तथा गुड़ का दान करने से इच्छित फल की प्राप्ति होती है।
 
शनि रत्न एवं धातु : 
 
शनिवार के दिन काले घोड़े की नाल या नाव की सतह की कील का बना छल्ला मध्यमा में धारण करें।
 
मंत्र :
 
एकाक्षरी मंत्र- ॐ शं शनैश्चराय नम:।
 
तांत्रिक बीज मंत्र- ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:।
 
अन्य उपाय :
 
प्रति शनिवार सुरमा, काले तिल, सौंफ, नागरमोथा और लोध मिले हुए जल से स्नान करें।
 
* शनिवार को अपने हाथ की नाप का 19 हाथ काला धागा माला बनाकर पहनें।
 
* शनिवार को सायंकाल पीपल वृक्ष के चारों ओर 7 बार कच्चा सूत लपेटें, इस समय शनि के किसी मंत्र का जप करते रहें। फिर पीपल के नीचे सरसों के तेल का दीपक प्रज्ज्वलित करें तथा ज्ञात अज्ञात अपराधों के लिए क्षमा मांगें।

ALSO READ: Shani Amavasya‬ : शनि अमावस्या पर जानिए 10 सरलतम उपाय

ALSO READ: शनि अमावस्या : आज shani देव को चढ़ाएं ये खास पान और मिठाई, प्रसन्न होकर देंगे वरदान

सम्बंधित जानकारी

Show comments

क्या कर्मों का फल इसी जन्म में मिलता है या अगले जन्म में?

वैशाख अमावस्या का पौराणिक महत्व क्या है?

शनि अपनी मूल त्रिकोण राशि में होंगे वक्री, इन राशियों की चमक जाएगी किस्मत

Akshaya Tritiya 2024: अक्षय तृतीया से शुरू होंगे इन 4 राशियों के शुभ दिन, चमक जाएगा भाग्य

Lok Sabha Elections 2024: चुनाव में वोट देकर सुधारें अपने ग्रह नक्षत्रों को, जानें मतदान देने का तरीका

धरती पर कब आएगा सौर तूफान, हो सकते हैं 10 बड़े भयानक नुकसान

घर के पूजा घर में सुबह और शाम को कितने बजे तक दीया जलाना चाहिए?

Astrology : एक पर एक पैर चढ़ा कर बैठना चाहिए या नहीं?

100 साल के बाद शश और गजकेसरी योग, 3 राशियों के लिए राजयोग की शुरुआत

Varuthini ekadashi 2024: वरुथिनी व्रत का क्या होता है अर्थ और क्या है महत्व

अगला लेख