Mahashivratri 2025: महाशिवरात्रि और शिवरात्रि में क्या है अंतर?

WD Feature Desk
सोमवार, 17 फ़रवरी 2025 (16:10 IST)
Mahashivratri 2025: महाशिवरात्रि और शिवरात्रि दोनों ही भगवान शिव को समर्पित हैं, लेकिन महाशिवरात्रि का महत्व शिवरात्रि से बहुत अधिक है। महाशिवरात्रि का त्योहार साल में एक बार आता है और इसे भगवान शिव का सबसे महत्वपूर्ण त्योहार माना जाता है। और शिवरात्रि हर माह पड़ती है।ALSO READ: Mahashivratri 2025: कैसे करें महाशिवरात्रि का व्रत?
 
महाशिवरात्रि और शिवरात्रि में कुछ महत्वपूर्ण अंतर हैं, जो इस प्रकार हैं। आइए जानते हैं यहां:
 
1. शिवरात्रि: यह हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को आती है, इसलिए इसे मासिक शिवरात्रि भी कहा जाता है।
- महाशिवरात्रि: यह साल में एक बार, फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को आती है।
 
2.शिवरात्रि: यह भगवान शिव की पूजा और आराधना का एक सामान्य दिन है।
- महाशिवरात्रि: यह भगवान शिव का सबसे महत्वपूर्ण त्योहार है। इसे भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह के रूप में भी मनाया जाता है। इसका महत्व शिवरात्रि से कहीं अधिक माना गया है।
 
3. शिवरात्रि: इस दिन भगवान शिव की सामान्य पूजा की जाती है।
- महाशिवरात्रि: इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा अर्चना की जाती है। रात्रि के चारों प्रहरों में भगवान शिव की पूजा का विधान है। इस दिन व्रत, उपवास और रात्रि जागरण का विशेष महत्व है।
 
4. शिवरात्रि: हर महीने आने वाली शिवरात्रि को भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए विशेष दिन माना जाता है। - महाशिवरात्रि: महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव और माता पार्वती के मिलन की रात माना जाता है। जबकि शिवरात्रि के दिन ऐसा कुछ नहीं हुआ था। मान्यता है कि महाशिवरात्रि की रात भगवान शिव अपने भक्तों को विशेष रूप से आशीर्वाद देते हैं। 
 
5. शिवरात्रि: यह भगवान शिव के प्रति अपनी भक्ति और समर्पण प्रकट करने का एक अवसर है।
- महाशिवरात्रि: यह भगवान शिव की शक्ति और महिमा का प्रतीक है। यह हमें भक्ति, त्याग और वैराग्य का संदेश देता है।ALSO READ: Mahashivratri 2025: महाशिवरात्रि विशेष आरती, चालीसा, स्तुति, स्तोत्र, रुद्राष्टक यहां पढ़ें...
 
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