Shradh Dates 2022: पितृ पक्ष कब है, जानें सितंबर 2022 में किस डेट से शुरू होंगे श्राद्ध

Webdunia
शनिवार, 3 सितम्बर 2022 (10:50 IST)
Pitru paksha kab hai 2022 : पितृपक्ष को श्राद्धपक्ष भी कहा जाता है। 16 दिन के इस पक्ष या दिनों में दिवंगतों का श्राद्ध उनकी मृत्यु तिथि के दिन किया जाता है। इसी के साथ पूर्णिमा और सर्वपितृ अमावस्या का श्राद्ध सभी के लिए होता है। पितृपक्ष का प्रारंभ भाद्रपद पूर्णिमा से प्रारंभ होता है और आश्विन मास की अमावस्या को समाप्त होता है। पितृपक्ष में पितरों का पिंडदान और तर्पण किया जाता है।
 
कब से शुरु हो रहे हैं श्राद्ध : पितृ पक्ष 2022 प्रारंभ तिथि अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार इस बार पितृपक्ष का प्रारंभ 10 सितंबर 2022 शनिवार से हो रहा है जो 25 सितंबर तक रहेगा। 25 सितंबर पितृ विसर्जन तिथि है। आश्विन माह के कृष्ण पक्ष को ही पितृपक्ष कहा जाता है।
पितृपक्ष में पंचबलि कर्म किया जाता है:- 1.गोबलि, 2.श्वानबलि, 3.काकबलि, 4.देवादिबलि और 5.पांचवां पिपीलिकादिबलि।
 
पंचबलि संकल्प : भोजन तैयार होने पर एक थाली में 5 जगह थोड़े-थोड़े सभी प्रकार के भोजन परोसकर हाथ में जल, अक्षत, पुष्प, चन्दन लेकर निम्नलिखित संकल्प करें। इसमें अमुक की जगह अपने गोत्र और नाम का उच्चारण करें- अद्यामुक गोत्र अमुक वर्मा (गुप्ता, कुमार, सूर्यवंशी आदि) अहममुकगोत्रस्य मम पितुः (मातुः भ्रातुः पितामहस्य वा) वार्षिक श्राद्धे (महालय श्राद्धे) कृतस्य पाकस्य शुद्ध्यर्थं पंचसूनाजनित दोष परिहारार्थं च पंचबलिदानं करिश्ये।.. अब जल छोड़ दीजिये। 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

Akshaya Tritiya 2024: अक्षय तृतीया से शुरू होंगे इन 4 राशियों के शुभ दिन, चमक जाएगा भाग्य

Astrology : एक पर एक पैर चढ़ा कर बैठना चाहिए या नहीं?

Lok Sabha Elections 2024: चुनाव में वोट देकर सुधारें अपने ग्रह नक्षत्रों को, जानें मतदान देने का तरीका

100 साल के बाद शश और गजकेसरी योग, 3 राशियों के लिए राजयोग की शुरुआत

Saat phere: हिंदू धर्म में सात फेरों का क्या है महत्व, 8 या 9 फेरे क्यों नहीं?

Akshaya tritiya : अक्षय तृतीया का है खास महत्व, जानें 6 महत्वपूर्ण बातें

kuber yog: 12 साल बाद बना है कुबेर योग, 3 राशियों को मिलेगा छप्पर फाड़ के धन, सुखों में होगी वृद्धि

Vastu Astro Tips : भूलकर भी ये 7 चीजें ले ली फ्री में तो घर में कंगाली शुरू हो जाएगी

Darsh amavasya 2024: दर्श अमावस्या क्या है, जानें महत्व और पूजन के मुहूर्त

Maa laxmi : रूठी हुई मां लक्ष्मी को कैसे मनाएं?

अगला लेख