Shradh Paksha 2025: श्राद्ध पक्ष में पंचबलि कर्म करने का है खास महत्व, इसके बिना अधूरा है पितृ कर्म

WD Feature Desk
सोमवार, 8 सितम्बर 2025 (11:31 IST)
Shradh Paksha 2025: 07 सितंबर 2025 से श्राद्ध पक्ष यानी पितृ पक्ष प्रारंभ हो गए है जो 21 सितंबर तक चलेंगे। 21 सितंबर को सर्वपितृ अमावस्या रहेगी। श्राद्ध पक्ष में पितरों की मुक्ति और उनके आशीर्वाद के लिए तर्पण, पिंडदान और पंचबलि कर्म किया जाता है। इसमें पंचबलि कर्म का खास महत्व माना गया है। इसके बगैर सभी तरह का श्राद्ध कर्म अधूरा माना जाता है।
 
श्राद्ध में तर्पण, पिंडदान, ब्राह्मण भोजन तथा पंचबलि कर्म किया जाता है। पंचबलि में पांच स्थानों पर भोजन रखा जाता है। ये पांच स्थान हैं:-
 
1. प्रथम गौ बलि:- घर से पश्चिम दिशा में गाय को महुआ या पलाश के पत्तों पर गाय को भोजन कराया जाता है तथा गाय को 'गौभ्यो नम:' कहकर प्रणाम किया जाता है। गौ देशी होना चाहिए।
 
2. द्वितीय श्वान बलि:- पत्ते पर भोजन रखकर कुत्ते को भोजन कराया जाता है।
 
3. तृतीय काक बलि:- कौओं को छत पर या भूमि पर रखकर उनको बुलाया जाता है जिससे वे भोजन करें।
 
4. चतुर्थ देवादि बलि:- पत्तों पर देवताओं को बलि घर में दी जाती है। बाद में वह उठाकर घर से बाहर रख दी जाती है।
 
5. पंचम पिपलिकादि बलि:- चींटी, कीड़े-मकौड़ों आदि के लिए जहां उनके बिल हों, वहां चूरा कर भोजन डाला जाता है। खासकर पीपल के वृक्ष के नीचे।

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