सावन की शिवरात्रि पर 10 खास बातें

WD Feature Desk
मंगलवार, 22 जुलाई 2025 (11:36 IST)
Importance of Sawan Shivratri: सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित होता है और इस दौरान आने वाली मासिक शिवरात्रि का विशेष महत्व है। इस साल, सावन शिवरात्रि 23 जुलाई 2025, बुधवार को मनाई जाएगी। यह दिन शिव भक्तों के लिए अत्यंत पावन होता है, जब वे भोलेनाथ की विशेष पूजा-अर्चना कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। आइए यहां जानते हैं सावन मास के शिवरात्रि पर्व की 10 विशेष बातें...ALSO READ: 23 जुलाई को शिवरात्रि का महापर्व, जानिए शिवलिंग पूजा का शुभ मुहूर्त, विधि और महत्व
 
यहां सावन शिवरात्रि से जुड़ी 10 खास बातें दी गई हैं:
 
1. मासिक शिवरात्रि का विशेष स्वरूप: हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है, लेकिन सावन मास की शिवरात्रि का महत्व और भी बढ़ जाता है। इसे 'महाशिवरात्रि' के समान ही फलदायी माना जाता है तथा यह भगवान शिव के विशेष महीने में आती है।
 
2. शिव-पार्वती मिलन का प्रतीक: कुछ मान्यताओं के अनुसार, सावन शिवरात्रि के दिन भगवान शिव और माता पार्वती का मिलन हुआ था। यह दिन उनके दिव्य प्रेम और दांपत्य जीवन के सौहार्द का प्रतीक है।
 
3. कांवड़ यात्रा का समापन: देशभर से लाखों शिव भक्त कांवड़ यात्रा के दौरान पवित्र नदियों से जल लाकर इसी दिन भगवान शिव का अभिषेक करते हैं। यह यात्रा का एक महत्वपूर्ण पड़ाव होता है, जहां भक्त अपनी यात्रा का समापन करते हैं। इस बार कांवड़ यात्रा सावन शुरू होने के साथ 11 जुलाई से ही शुरू हो गई थी और अब 23 जुलाई को इसका समापन हो जाएगा।
 
4. निशिथ काल का महत्व: इस दिन निशिथ काल यानी मध्यरात्रि के समय में की गई पूजा का विशेष महत्व होता है। माना जाता है कि इस समय भगवान शिव पृथ्वी पर विचरण करते हैं और भक्तों की प्रार्थना सुनते हैं।
 
5. अभिषेक का महत्व: सावन शिवरात्रि पर शिवलिंग का जल, दूध, बेलपत्र, भांग, धतूरा, शहद और गन्ने के रस आदि से अभिषेक करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और कष्टों से मुक्ति मिलती है।ALSO READ: सावन माह में सामान्य शिवलिंग या ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने में सबसे ज्यादा किसका है महत्व?
 
6. ग्रह दोषों से मुक्ति: ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से कुंडली में मौजूद विभिन्न ग्रह दोष, जैसे कालसर्प दोष, पितृ दोष और शनि दोष के अशुभ प्रभाव कम होते हैं।
 
7. मनोकामना पूर्ति: विवाह में आ रही बाधाएं, संतान प्राप्ति की इच्छा, धन संबंधी परेशानियां या अन्य किसी भी मनोकामना की पूर्ति के लिए सावन शिवरात्रि पर शिव-पार्वती की पूजा अत्यंत फलदायी मानी जाती है।
 
8. उपवास और जागरण: भक्त इस दिन निर्जला या फलाहारी व्रत रखते हैं। रात भर जागरण कर भगवान शिव के मंत्रों का जाप, भजन-कीर्तन और शिव चालीसा का पाठ किया जाता है।
 
9. बेलपत्र और भांग का विशेष स्थान: भगवान शिव को बेलपत्र और भांग अत्यंत प्रिय हैं। सावन शिवरात्रि पर इन्हें शिवलिंग पर अर्पित करने से भगवान शिव शीघ्र प्रसन्न होते हैं।
 
10. परोपकार और दान: इस पवित्र दिन पर दान-पुण्य करना बहुत शुभ माना जाता है। गरीबों और जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र या अन्य आवश्यक वस्तुएं दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। सावन शिवरात्रि का यह पर्व भक्तों को भगवान शिव के प्रति अपनी श्रद्धा और भक्ति व्यक्त करने का एक सुनहरा अवसर प्रदान करता है, जिससे उन्हें महादेव का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है।
 
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