Biodata Maker

क्यों बजाते है शिवलिंग के सामने 3 बार ताली, जानिए हर ताली के पीछे का अर्थ

WD Feature Desk
शनिवार, 26 जुलाई 2025 (17:18 IST)
reason behind thrice clapping before shivling: भारत के शिव मंदिरों में आपने अक्सर भक्तों को शिवलिंग के सामने तीन बार ताली बजाते हुए देखा होगा। यह एक सामान्य प्रथा है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इसके पीछे क्या रहस्य है और हर ताली का क्या अर्थ होता है? यह केवल एक रिवाज नहीं, बल्कि इसके पीछे गहरी पौराणिक मान्यताएं, आध्यात्मिक अर्थ और यहां तक कि कुछ वैज्ञानिक तर्क भी छिपे हैं। आइए, इस अनूठी परंपरा के पीछे के अर्थ को विस्तार से समझते हैं।

शिवलिंग के सामने ताली बजाने की प्रथा
शिवलिंग, भगवान शिव का निराकार स्वरूप है, जो सृष्टि के निर्माण, पालन और संहार का प्रतीक है। मंदिरों में भक्त अपनी श्रद्धा और भक्ति व्यक्त करने के लिए विभिन्न प्रकार से पूजा-अर्चना करते हैं। ताली बजाना भी इसी भक्ति प्रदर्शन का एक हिस्सा है, जो भक्तों और भगवान के बीच एक संवाद स्थापित करने का माध्यम माना जाता है।

तीन तालियों के अर्थ
पौराणिक कथाओं और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शिवलिंग के सामने तीन बार ताली बजाने के कई गहरे अर्थ हैं:
1. पहली ताली: अपनी उपस्थिति दर्ज कराना (भगवान को जगाना) पहली ताली का अर्थ है भगवान शिव को अपनी उपस्थिति का एहसास कराना। यह एक तरह से भगवान को यह बताने का तरीका है कि "हे महादेव, मैं आपकी शरण में आया हूँ।" यह ताली भक्त के आगमन और उसकी भक्ति की शुरुआत का प्रतीक है।
2. दूसरी ताली: मनोकामना व्यक्त करना और कष्टों का निवारण (अपनी बात कहना) दूसरी ताली का संबंध अपनी मनोकामनाओं, कष्टों और दुखों को भगवान शिव के सामने व्यक्त करने से है। यह ताली बजाकर भक्त महादेव से अपने दुखों को दूर करने और अपनी इच्छाओं को पूर्ण करने की प्रार्थना करता है। यह एक याचना का भाव है, जहां भक्त अपनी सारी परेशानियां भगवान के चरणों में अर्पित कर देता है।
3. तीसरी ताली: पूर्ण समर्पण और आशीर्वाद की याचना (शरण में आना) तीसरी और अंतिम ताली पूर्ण समर्पण का प्रतीक है। इस ताली के माध्यम से भक्त यह स्वीकार करता है कि वह अब पूरी तरह से भगवान शिव की शरण में है और उनसे आशीर्वाद तथा कृपा बनाए रखने की प्रार्थना करता है। यह दर्शाता है कि भक्त अपने सभी निर्णय, इच्छाएं और जीवन की दिशा शिवजी के हाथ में सौंप रहा है। यह ताली भगवान शिव के साथ गहरे संबंध को दर्शाती है और उनके चरणों में स्थान पाने की प्रार्थना है।

क्या है प्रथा के पीछे पौराणिक संदर्भ
इस प्रथा से जुड़ी कुछ पौराणिक कथाएं भी हैं:
रावण का उदाहरण: माना जाता है कि लंकापति रावण, जो भगवान शिव के परम भक्त थे, अपनी पूजा के बाद तीन बार ताली बजाते थे। कहते हैं कि भोलेनाथ की कृपा से ही उन्हें लंका का राजपाट प्राप्त हुआ था।
प्रभु श्रीराम का उदाहरण: रामायण के अनुसार, भगवान श्रीराम ने भी रामेश्वरम में शिवलिंग की स्थापना कर पूजा के बाद तीन बार ताली बजाई थी, जिसके बाद उनका रामसेतु निर्माण का कार्य सफलतापूर्वक संपन्न हुआ था।

वैज्ञानिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण
धार्मिक मान्यताओं के अलावा, ताली बजाने के कुछ वैज्ञानिक और आध्यात्मिक लाभ भी बताए जाते हैं:
ध्वनि और कंपन: ताली बजाने से उत्पन्न होने वाली ध्वनि तरंगें वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती हैं और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करती हैं। यह कंपन मानसिक शांति प्रदान करता है।
एकाग्रता और जागृति: पूजा के दौरान कई बार मन भटक सकता है। ताली की आवाज ध्यान को केंद्रित करती है और मानसिक रूप से जागृत करती है।
एक्यूप्रेशर प्रभाव: हथेलियों में कई एक्यूप्रेशर बिंदु होते हैं। ताली बजाने से इन बिंदुओं पर दबाव पड़ता है, जिससे रक्त संचार बेहतर होता है और शरीर में ऊर्जा का प्रवाह सुचारू होता है, जिससे ताजगी का अनुभव होता है।
ALSO READ: भगवान शिव के परिवार से हुई है सभी धर्मों की उत्पत्ति, कैसे जानिए

अस्वीकरण (Disclaimer) : सेहत, ब्यूटी केयर, आयुर्वेद, योग, धर्म, ज्योतिष, वास्तु, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार जनरुचि को ध्यान में रखते हुए सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। इससे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Mahavir Nirvan Diwas 2025: महावीर निर्वाण दिवस क्यों मनाया जाता है? जानें जैन धर्म में दिवाली का महत्व

Diwali Muhurat 2025: चौघड़िया के अनुसार जानें स्थिर लग्न में दीपावली पूजन के सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त

Bhai dooj 2025: कब है भाई दूज? जानिए पूजा और तिलक का शुभ मुहूर्त

Govardhan Puja 2025: अन्नकूट और गोवर्धन पूजा कब है, जानिए पूजन के शुभ मुहूर्त

Diwali Vastu Tips: वास्तु शास्त्र के अनुसार दिवाली पर कौन सी चीजें घर से निकालें तुरंत?, जानें 6 टिप्स

सभी देखें

धर्म संसार

Aaj Ka Rashifal: आज का दैनिक राशिफल: मेष से मीन तक 12 राशियों का राशिफल (24 अक्टूबर, 2025)

24 October Birthday: आपको 24 अक्टूबर, 2025 के लिए जन्मदिन की बधाई!

Aaj ka panchang: आज का शुभ मुहूर्त: 24 अक्टूबर, 2025: शुक्रवार का पंचांग और शुभ समय

Mercury Transit in Scorpio 2025: बुध का वृश्चिक राशि में गोचर: 6 राशियों को मिलेगा अप्रत्याशित लाभ

Chhath puja nahay khay: छठ पूजा का नहाए खाए कब है, जानिए पहले दिन के रीति रिवाज

अगला लेख