Up election 2022 : राम मंदिर आंदोलन से शुरू हुए BJP के जीत के सिलसिले में परिसीमन ने लगाया था ब्रेक

अवनीश कुमार
मंगलवार, 11 जनवरी 2022 (22:12 IST)
कानपुर। औद्योगिक नगरी कानपुर में राम मंदिर आंदोलन यानी 1991 में भाजपा को जबर्दस्त कामयाबी मिली। कई सीटें ऐसी रहीं कि जीत का सिलसिला कई बार चला। इनमें से 2 ऐसी सीटें रही, जहां पर लगातार 5 बार कमल खिला। लेकिन परिसीमन ने कल्याणपुर सीट पर ब्रेक लगा दिया और प्रेमलता कटियार 6ठी बार विधायक नहीं बन सकीं। इसके बाद अगले ही चुनाव में मोदी लहर में उनकी बेटी नीलिमा कटियार ने साइकल को पंक्चर कर मां को जीत का तोहफा दिया और उत्तरप्रदेश सरकार में राज्यमंत्री भी बनीं।

ALSO READ: चुनावी रैलियों पर 15 जनवरी तक रोक, यूपी में किसे हो सकता है फायदा?

1989 में मिली थी पहली जीत : कानपुर में भाजपा को पहली जीत 1989 के विधानसभा चुनाव में मिली और गोविन्दनगर सीट से बालचन्द्र मिश्रा ने कमल को खिलाया। इसके 2 साल बाद राम मंदिर आंदोलन चला तो मानो कानपुर में भाजपा की लहर आ गई और शहर की सभी 6 सीटों पर कमल खिल गया। इसके बाद भी कई सीटों पर कमल खिलता रहा। लेकिन धीरे-धीरे भाजपा की सीटें कम होती गईं और 2007 तक के चुनाव में 2 ही सीटें बचीं जिनमें लगातार 5वी बार कमल खिला। इनमें से एक थी कल्याणपुर सीट और दूसरी थी छावनी। इन सीटों पर क्रमश: पूर्व कैबिनेट मंत्री प्रेमलता कटियार और पूर्व राज्यमंत्री सतीश महाना को ही जीत नसीब हुई।

ALSO READ: योगी-मोदी के चेहरे पर यूपी में चुनाव लड़ेगी भाजपा, जारी किया पहला पोस्टर
 
2012 में रुका था जीत का रथ : इसके बाद 2012 में परिसीमन के तहत सीटों के क्षेत्र में बदलाव हुआ तो सतीश महाना महाराजपुर से चुनाव जीतकर 6ठी बार जीतने में सफल रहे, लेकिन प्रेमलता कल्याणपुर सीट से ही चुनाव लड़ीं और उनके प्रभुत्व वाले रावतपुर गांव का क्षेत्र गोविन्द नगर में जाने से महज 3 हजार वोटों से वे चुनाव हार गईं। इस सीट पर सपा का बेरोजगारी भत्ता मुद्दा बना और सतीश निगम चुनाव जीतने में सफल रहे।

ALSO READ: चुनाव से पहले भाजपा को बड़ा झटका, योगी के कैबिनेट मंत्री मौर्य का इस्तीफा
 
5 साल तक उन्होंने क्षेत्र में अन्य विधायकों की अपेक्षा जमकर विकास कराया और विकास के दम पर 2017 में सपा के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे लेकिन प्रेमलता कटियार की बेटी नीलिमा कटियार ने मोदी लहर के चलते भारी मतों से साइकल को पंक्चर कर दिया। इस प्रकार नीलिमा ने जहां मां की हार को जीत में बदला तो वहीं कल्याणपुर सीट पर एक बार फिर भाजपा का कब्जा हो गया। मां की सीट पर विजयी होने पर उत्तरप्रदेश सरकार ने उन्हें प्रदेश सरकार में राज्यमंत्री बना दिया।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

महाराष्ट्र में कौनसी पार्टी असली और कौनसी नकली, भ्रमित हुआ मतदाता

Prajwal Revanna : यौन उत्पीड़न मामले में JDS सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर एक्शन, पार्टी से कर दिए गए सस्पेंड

क्या इस्लाम न मानने वालों पर शरिया कानून लागू होगा, महिला की याचिका पर केंद्र व केरल सरकार को SC का नोटिस

MP कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और MLA विक्रांत भूरिया पर पास्को एक्ट में FIR दर्ज

टूड्रो के सामने लगे खालिस्तान जिंदाबाद के नारे, भारत ने राजदूत को किया तलब

MCD महापौर मामले में AAP ने खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा

भूपेंद्र पटेल सरकार में मंत्रालयों का बंटवारा, हर्ष संघवी को गृह और कनुभाई देसाई को मिला वित्त विभाग, जानिए किसे कौनसा मंत्रालय मिला

भूपेन्द्र पटेल दूसरी बार बने गुजरात के मुख्‍यमंत्री, एक महिला मंत्री ने भी ली शपथ

Gujarat : गांधीनगर में कल भूपेंद्र पटेल का शपथ ग्रहण, PM मोदी भी रहेंगे मौजूद, ये विधायक ले सकते हैं मंत्री पद की शपथ

हिमाचल में प्रतिभा सिंह के 'हाथ' से कैसे फिसल गई CM की कुर्सी?

अगला लेख