UP Election 2022: जाति-धर्म के समीकरण ने राजनीतिक दलों का बिगाड़ा खेल, प्रत्याशियों की बढ़ी चिंता

अवनीश कुमार
गुरुवार, 24 फ़रवरी 2022 (12:45 IST)
लखनऊ। उत्तरप्रदेश में चौथे चरण का मतदान पूरा हो चुका है और प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में कैद हो चुकी है। लेकिन चौथे चरण में भी मतदाताओं की खामोशी राजनीतिक दलों के लिए चिंता का सबब बनी है। वहीं अन्य चरणों की अपेक्षा चौथे चरण में जाति-धर्म का समीकरण चुनाव में हावी दिखा और ज्यादातर मतदाताओं ने जाति-धर्म के आधार पर मतदान कर सभी दलों को चिंता में डाल दिया है।

ALSO READ: योगी आदित्यनाथ ने चुनावी जनसभा में कहा, हमने जो कहा वो कर दिखाया
 
माना जा रहा है कि चौथे चरण के चुनाव में सीधी टक्कर समाजवादी पार्टी व भारतीय जनता पार्टी की है, लेकिन इन सभी के बीच प्रदेश की कई सीटों पर त्रिकोणीय तो कई जगह चारों पार्टियां लड़ाई में नजर आ रही हैं। यह भी माना जा रहा है कि चौथे चरण की कई सीटों पर हार-जीत का अंतर बेहद कम वोटों का होगा।
 
मुद्दों से भटक गईं राजनीतिक पार्टियां : वरिष्ठ पत्रकार राजीव कुमार ने बताया कि अन्य चरणों में जहां पर रोजगार सबसे बड़ा मुद्दा रहा है तो वहीं चौथे चरण में जाति धर्म का मुद्दा मतदान पर हावी रहा है। ऐसा पहली बार नहीं है, क्योंकि उत्तरप्रदेश का चुनाव जैसे-जैसे आगे बढ़ता है, वैसे-वैसे मूल मुद्दों से भटककर जातिगत मुद्दों पर आकर टिक जातिा है और इसके पीछे की मुख्य वजह राजनीतिक पार्टियों खुद ही हैं।

ALSO READ: यूपी चुनाव को लेकर क्या कहती हैं अयोध्या जनपद की मुस्लिम महिलाएं...
 
अगर राजनीतिक पार्टियों की बात करें तो पहले व दूसरे चरण में जहां किसानों का मुद्दा जमकर राजनीतिक मंचों से जनता के बीच तक पहुंचाने का काम किया जा रहा था। वहीं जैसे-जैसे चुनाव आगे बढ़ता जा रहा है, वैसे-वैसे जाति-धर्म के आधार पर जनता के बीच जातिगत आधार पर वोट करने के लिए प्रेरित किया गया है। लेकिन यह कहना कि चौथे चरण में सीधे तौर पर जाति-धर्म के आधार पर मतदान हुआ है तो यह भी गलत होगा, क्योंकि इसके पीछे कुछ खामोश मतदाता ऐसे हैं जिन्होंने जाति-धर्म से हटकर रोजगार और विकास के मुद्दे पर भी मतदान किया है। खासतौर से युवाओं ने तो पहले चरण से लेकर चौथे चरण तक सिर्फ और सिर्फ रोजगार को ही मुद्दा बना रखा है और उन्होंने खुलकर रोजगार के मुद्दे पर मतदान किया है।
 
बेहद कम वोटों से होगी हार-जीत : वरिष्ठ पत्रकार अतुल कुमार ने बताया कि चौथे चरण में जाति-धर्म के आधार पर मतदान हुआ है और जनता ने अपनी-अपनी जाति का प्रत्याशी चुनकर ही मतदान किया है। ऐसे में चौथे चरण में कई जगहों पर तो सीधा मुकाबला समाजवादी पार्टी व भारतीय जनता पार्टी के बीच हुआ है व कई जगहों पर कांग्रेस व बहुजन समाज पार्टी भी लड़ती हुई नजर आई हैं तथा कई जगहों पर तो त्रिकोणीय संघर्ष भी देखने को मिला है। ऐसी स्थिति में चौथे चरण में किसी भी सीट पर यह साफ नहीं है कि कौन सी पार्टी का प्रत्याशी जीत की ओर बढ़ रहा है? इसके पीछे की मुख्य वजह मतदाताओं का जातिगत आधार पर वोट करना है।
 
2017 के मुकाबले 2022 में हालात कुछ इस कदर बन गए हैं कि भारतीय जनता पार्टी व समाजवादी पार्टी की कुछ ऐसी विधानसभा हैं, जो सबसे ज्यादा मजबूत गढ़ दोनों दल का कहलाती थी। उन्हें बचाए रखने में भारतीय जनता पार्टी कामयाब हो पाती है कि नहीं यह तो अब आने वाला वक्त ही तय करेगा। लेकिन आपको बता दें कि चौथे चरण की सीटों पर हार-जीत का अंतर बेहद कम होगा। सीधे तौर पर कहें तो 1,000 व 500 वोटों से कई प्रत्याशियों को जीत मिलेगी और कई प्रत्याशियों को तो हार का सामना करना पड़ेगा।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

Russia Ukraine War भयानक स्थिति में, ICBM से मचेगी तबाही, पुतिन के दांव से पस्त जेलेंस्की

IAS Saumya Jha कौन हैं, जिन्होंने बताई नरेश मीणा 'थप्पड़कांड' की हकीकत, टीना टाबी से क्यों हो रही है तुलना

जानिए 52 करोड़ में क्यों बिका दीवार पर डक्ट-टेप से चिपका केला, यह है वजह

C वोटर के एग्जिट पोल में महाराष्ट्र में किसने मारी बाजी, क्या फिर महायुति की सरकार

Russia-Ukraine war : ICBM हमले पर चुप रहो, प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रही रूसी प्रवक्ता को आया पुतिन का फोन

सभी देखें

नवीनतम

MCD महापौर मामले में AAP ने खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा

भूपेंद्र पटेल सरकार में मंत्रालयों का बंटवारा, हर्ष संघवी को गृह और कनुभाई देसाई को मिला वित्त विभाग, जानिए किसे कौनसा मंत्रालय मिला

भूपेन्द्र पटेल दूसरी बार बने गुजरात के मुख्‍यमंत्री, एक महिला मंत्री ने भी ली शपथ

Gujarat : गांधीनगर में कल भूपेंद्र पटेल का शपथ ग्रहण, PM मोदी भी रहेंगे मौजूद, ये विधायक ले सकते हैं मंत्री पद की शपथ

हिमाचल में प्रतिभा सिंह के 'हाथ' से कैसे फिसल गई CM की कुर्सी?

अगला लेख