आजादी के 75 साल : राजीव गांधी और राजकपूर का निधन

कमलेश सेन
1987- गोवा भारत का 25वां राज्य बना। भारतीय सेना के जवानों का साहसी नौका अभियान 'तृष्णा' लेकर निकला। वह लौटकर अभियान पूर्ण कर आया। भारतीय प्रधानमंत्री राजीव गांधी की श्रीलंका यात्रा और वहां पर शांति स्थापित करने के लिए शांति समझौता किया गया। इसके विरोध में श्रीलंका के सैनिक द्वारा राजीव गांधी पर हमला कर दिया गया और वे बच गए। राजस्थान के देवराला में रूपकुंवर के सती होने से देश में इस कुप्रथा के विरुद्ध समाचार पत्रों में सुर्खिया बनी रहीं। यह मामला काफी विवाद का मुद्दा रहा।
 
1988- भारतीय फिल्मों के अभिनेता-निर्माता राजकपूर का निधन हो गया। परमाणु शस्त्रों के विरोध में शांति मिशन लेकर फिल्म अभिनेता सुनील दत्त हिरोशिमा पहुंचे। संसद ने 62वें संविधान संशोधन के जरिये मतदान करने की आयु 21 से घटाकर 18 साल करने संबंधी विधेयक को मंजूरी दी। 
 
1989- देश में संपन्न आम चुनाव में कांग्रेस जिसने 1985 के चुनाव में सभी रिकॉर्ड तोड़े थे, उसने पंजाब में आतंकतवाद, श्रीलंका में शांति सेना की असफलता और बोफोर्स रक्षा घोटाले के विवादों के चलते कमजोर जनाधार हासिल किया। संयुक्त विपक्ष के नेशनल फ्रंट के विश्वनाथ सिंह प्रधानमंत्री बन। भारत ने अग्नि मिसाइल का पहली बार परीक्षण किया।
 
1990- तत्कालीन प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह ने एर्नाकुलम को देश का पहला पूर्ण साक्षर जिला घोषित किया। 'ओशो' के नाम से विश्वख्याति प्राप्त विचारक आचार्य रजनीश का निधन। विश्वनाथ प्रतापसिंह सरकार द्वारा पिछड़े वर्ग को आरक्षण के लिए मंडल आयोग की सिफारिशें लागू किए जाने से देश में भारी विवाद। मुख्य चुनाव आयुक्त के पद पर टीएन शेषन की नियुक्ति। शेषन ने अपनी कार्यशैली और आयोग के अधिकारों से अपनी अलग पहचान कायम की।
 
सोमनाथ से राम मंदिर निर्माण का संकल्प लेकर भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी रथयात्रा पर निकले। यह यात्रा पूर्ण नहीं हो पाई और उन्हें बिहार में गिरफ्तार कर लिया गया, परंतु देश में राम मंदिर आंदोलन और भाजपा को जनमानस तक पहुंचाने में अहम् भूमिका रही। समर्थक दलों द्वारा समर्थन वापस लेने से विश्वनाथ प्रताप सिंह का पतन और इस्तीफा, चंद्रशेखर नए प्रधानमंत्री बने।
 
1991- श्रीलंका में भारत के दखल से नाराज उग्रपंथी व्यक्तियों द्वारा राजीव गांधी की हत्या। इस हत्या से देश में शोक की लहर व्याप्त हो गई। देश में पुन: आम चुनाव हुए और किसी भी दल को बहुमत नहीं मिला। कांग्रेस को विपक्षी दलों से गठवंधन कर सरकार बनानी पड़ी और पीवी नरसिंह प्रधानमंत्री बने। राव सरकार ने देश में आर्थिक उदारीकरण की राह को प्रशस्त किया। यह वर्ष देश में आर्थिक उदारीकरणों के लिए याद किया जाएगा। उत्तरकाशी में भूकंप से हजारों लोग काल के गाल में समा गए।
 
1992- शेयर बाजार में हर्षद मेहता के घोटाले ने भारतीय शेयर बाजार में चिंता पैदा कर दी। देश में राम मंदिर आंदोलन और कारसेवा के आयोजन से कारसेवकों का हुजूम अयोध्या जाने पर आमादा था। दिसंबर माह में विवादित ढांचा गिरा दिया गया, इसके बाद देश कई हिस्सों में हिंसा फैली।
 
1993- मराठवाड़ा में आए भूकंप ने लातूर और आसपास के क्षेत्रों में तबाही मचा दी। हजारों लोग मारे गए। देश के प्रमुख उद्योपति जेआरडी टाटा का निधन। मुंबई में श्रृंखलाबद्ध बम विस्फोट के आतंक से कई मौतें।
 
1994- गुजरात के सूरत में प्लेग महामारी के ख़ौफ ने हड़कंप मचा दिया था। ऐश्वर्या रॉय विश्व सुंदरी चुनी गईं। 
 
1995- बॉम्बे का नाम बदलकर मुंबई किया गया। देश में पल्स पोलियो टीकाकरण अभियान आरंभ हुआ। पंजाब के नेता बेअंत सिंह की उग्रवादियों द्वारा हत्या।
 
1996- संयुक्त मोर्चे के एचडी देवेगौड़ा प्रधानमंत्री बने। मौसम और तूफान से अमरनाथ यात्रा में त्रासदी से कई यात्री मारे गए। सेना को बचाव अभियान में बुलवाया गया।

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