अष्‍टमी तिथि श्राद्ध कब है 2022, जानिए सही डेट

Webdunia
शुक्रवार, 16 सितम्बर 2022 (12:57 IST)
16 श्राद्ध चल रहे हैं। इस बार के श्राद्ध में लोगों में तिथियों को लेकर भ्रम है। अष्टमी का श्राद्ध कुछ लोग 17 सितंबर 202 और कुछ लोग 18 सितंबर को रखेंगे। लेकिन कब श्राद्ध रखना चाहिए यह तिथि प्रारंभ और समापन के अनुसार जाना जा सकता है, क्योंकि अष्टमी का श्राद्ध बहुत महत्वपूर्ण होता है। आओ जानते हैं कि कब रखें अष्‍टमी का श्राद्ध।
 
अष्‍टमी तिथि श्राद्ध कब है 2022 । Ashtami tithi shraddha kab hai
कृष्ण पक्ष सप्तमी- 16 सितंबर दोपहर 12:19 से 17 सितंबर दोपहर 02:14 तक रहेगी।
कृष्ण पक्ष अष्टमी- 17 सितंबर दोपहर 02:14 से 18 सितंबर दोपहर बाद 04:33 तक।
 
18 को रखेंगे अष्टमी का श्राद्ध : चूंकि 17 सितंबर शनिवार को अष्टमी तिथि आंशिक रुप से व्याप्त होगी जिसके कारण 17 को तिथि श्राद्ध नहीं बन रहा है। श्राद्ध काल मध्यान्ह काल में ही किया जाता है। हालांकि यदि 17 को कुतुप काल या रोहिणी काल है तो उस दिन दोपहर 02:14 के बाद अष्टमी का श्राद्ध रखने में कोई बुराई नहीं है। 17 को कन्या संक्रांति रहेगी अत: इस दिन यदि अष्टमी का श्राद्ध रख रहे हैं तो पंडित से सलाह जरूर लें।
अष्टमी के श्राद्ध का महत्व | Significance of Ashtami Shradh
 
1. श्राद्ध पक्ष की अष्‍टमी को कालाष्‍टमी और भैरव अष्टमी भी कहते हैं।
 
2. अष्टमी को गजलक्ष्मी का व्रत भी रखा जाता है जो कि दिवाली की लक्ष्मी पूजा से ज्यादा महत्वपूर्ण है। 
 
3. अष्टमी के श्राद्ध पर खरीदारी की जा सकती है।
 
4. अष्टमी को जिनका देहांत हुआ है उनका श्राद्ध इस दिन करना चाहिए।
 
5. जो अष्टमी को श्राद्ध करता है वह सम्पूर्ण समृद्धियां प्राप्त करता है।
 
6. यदि निधन पूर्णिमा तिथि को हुई हो तो उनका श्राद्ध अष्टमी, द्वादशी या पितृमोक्ष अमावस्या को किया जा सकता है।
 
7. अष्टमी के श्राद्ध के दिन महिलाएं अपने परिवार और बच्चों के लिए व्रत रखती है।
 
8. अष्टमी के श्राद्ध के दिन विधिवत श्राद्ध करने से पितरों का आशीर्वाद मिलता।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

ज़रूर पढ़ें

हरियाली तीज का व्रत कब रखा जाएगा, पूजा का समय क्या है?

सिंधारा दूज कब है, जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि

जल्द ही धरती की इस इस जगह एलियन उतरेंगे, क्या सच होने वाली है ये भविष्यवाणी

ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के 5 ऐसे रहस्य जो आप कतई नहीं जानते होंगे

मनोकामना पूरी होने पर कितनी बार करनी चाहिए कावड़ यात्रा?

सभी देखें

नवीनतम

25 जुलाई 2025 : आपका जन्मदिन

25 जुलाई 2025, शुक्रवार के शुभ मुहूर्त

ये 3 राशियां हमेशा क्यों रहती हैं प्यासी और असंतुष्ट?

क्या फिर लौटेगी महामारी! नास्त्रेदमस और बाबा वेंगा की भविष्यवाणी में छुपे 2025 में तबाही के संकेत

सिंधारा दोज क्यों मनाई जाती है, क्या करते हैं इस दिन? पूजा का शुभ मुहूर्त और 3 उपाय

अगला लेख