क्या विवाह में घातक हो सकता है जामित्र दोष

पं. हेमन्त रिछारिया
ज्योतिष शास्त्र में सप्तम भाव से दाम्पत्य सुख एवं जीवनसाथी का विचार किया जाता है। इसे जाया भाव या जामित्र भाव कहा जाता है। इस भाव से सम्बन्धित दोष को जाया दोष या जामित्र दोष कहते हैं। जामित्र दोष में विवाह करना सर्वथा घातक होता है।

इसके फ़लस्वरूप भावी दंपत्ति दाम्पत्य सुख से वंचित रह सकते हैं। विवाह मुहूर्त में लग्न का निर्धारण करते समय यदि चन्द्र लग्न या लग्न से सप्तम स्थान में कोई भी ग्रह, चाहे वह पूर्ण चन्द्र ही क्यों ना हो, स्थित हो तो इसे जामित्र दोष कहा जाता है। इस दोष विवाह में करना घातक होता है। अत: विवाह लग्न का निर्धारण करते समय जामित्र दोष का परीक्षण कर इसे त्यागना उचित व हितकर रहता है।
 
-ज्योतिर्विद पं. हेमन्त रिछारिया
सम्पर्क: astropoint_hbd@yahoo.com

सम्बंधित जानकारी

Show comments

ज़रूर पढ़ें

भारत में कहां की है सबसे प्रसिद्ध गणगौर, कहां लगता है गणगौर मेला, जानिए तिथि, परंपराएं और महत्व

हिन्दू नववर्ष को किस राज्य में क्या कहते हैं, जानिए इसे मनाने के भिन्न भिन्न तरीके

कब मनेगी ईद 31 मार्च या 1 अप्रैल, जानिए सही तारीख

नवरात्रि की प्रथम देवी मां शैलपुत्री की कथा

नवरात्रि की दूसरी देवी मां ब्रह्मचारिणी की कथा

सभी देखें

नवीनतम

29 मार्च 2025 : आपका जन्मदिन

29 मार्च 2025, शनिवार के शुभ मुहूर्त

सूर्य ग्रहण और शनि के मीन राशि में प्रवेश का दुर्लभ संयोग, क्या होगा देश दुनिया का हाल? कौनसी 6 राशियां रहेंगी बेहाल?

इन तीन तारीखों पर जन्मे लोगों पर शनि देव रहते हैं मेहरबान, दुनिया जीतने का रखते हैं दम

सूर्य ग्रहण के दौरान क्या करें क्या नहीं? | Do n Donts of Surya grahan

अगला लेख