कछुए वाली अंगूठी : जानिए क्यों पहनते हैं इसे,किन बातों का ध्यान रखना है जरूरी

प्रीति सोनी
ज्योतिष अनुसार ग्रहों की शुभता के लिए रत्नों की अंगूठी पहनी जाती है, और वास्तु अनुसार कछुए को  समृद्धि‍कारक माना जाता है। वर्तमान में कछुए वाली अंगूठी पहनने का प्रचलन भी बढ़ गया है, जिसे ज्योतिष वास्तु के मिश्रण के रूप में देखा जा सकता है। जानते हैं कछुए वाली अंगूठी को लेकर क्या हैं धारणाएं और किन बातों का ध्यान रखना है जरूरी  - 
 
1 ऐसा माना जाता है कि कछुआ लक्ष्मी का प्रतीक है और यह समुद्र मंथन में प्राप्त हुआ था। इसे साथ रखने या पहनने से धन संबंधी समस्याएं दूर होती हैं।
 
2 कछुए की अंगूठी पहनते समय इसकी दिशा का विशेष ध्यान रखना चाहिए। जब भी इस अंगूठी को पहनें, तो कछुए के सिर वाला हिस्सा आपकी ओर हो और पीछे का हिस्सा बाहर की ओर।
 
3 चूंकि इसे लक्ष्मी से जोड़कर देखा जाता है, अत: इस अंगूठी को धारण करने के लिए शुक्रवार का दिन शुभ होता है, जो स्वयं लक्ष्मी का दिन माना जाता है।
 
4 शुक्र का संबंध चांदी से है, अत: इसे चांदी की धातु में बनवाना चाहिए और फिर विधि पूर्वक धारण करना चाहिए।
 
5 इसे आप किस अंगुली में पहन रहे हैं, यह भी महत्वपूर्ण है। ध्यान रखें कि इस अंगूठी को तर्जनी अंगुली में धारण करें।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

ज़रूर पढ़ें

तुलसी विवाह देव उठनी एकादशी के दिन या कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन करते हैं?

Akshay Amla Navami 2024: अक्षय नवमी कब है? जानें पौराणिक महत्व

Tulsi vivah 2024: देवउठनी एकादशी पर तुलसी के साथ शालिग्राम का विवाह क्यों करते हैं?

Dev uthani ekadashi 2024: देव उठनी एकादशी की 3 पौराणिक कथाएं

Tulsi vivah 2024: तुलसी विवाह पूजा की विधि स्टेप बाय स्टेप में, 25 काम की बातें भी जानिए

सभी देखें

नवीनतम

Saptahik Muhurat 2024: नए सप्ताह के सर्वश्रेष्ठ शुभ मुहूर्त, जानें साप्ताहिक पंचांग 11 से 17 नवंबर

Aaj Ka Rashifal: किन राशियों के लिए उत्साहवर्धक रहेगा आज का दिन, पढ़ें 10 नवंबर का राशिफल

10 नवंबर 2024 : आपका जन्मदिन

10 नवंबर 2024, रविवार के शुभ मुहूर्त

Dev uthani gyaras 2024 date: देवउठनी देवोत्थान एकादशी व्रत और पूजा विधि

अगला लेख