अगर कोई कहता है कि भारत की सेना मोदी जी की सेना है तो वो गलत ही नहीं, देशद्रोही भी: जनरल वीके सिंह

Webdunia
गुरुवार, 4 अप्रैल 2019 (08:13 IST)
जुगल पुरोहित, बीबीसी संवाददाता
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक अप्रैल को गाजियाबाद में केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह के चुनाव प्रचार में भारतीय सेना को 'मोदी जी की सेना' कहा था।
 
इसे लेकर विपक्षी पार्टियों ने तो आपत्ति जताई ही, कई पूर्व सैन्य अधिकारियों ने भी आपत्ति जताते हुए कहा है कि सेना देश की होती है, किसी नेता की नहीं होती है।
 
योगी अदित्यनाथ ने गाजियाबाद में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा था, 'कांग्रेस के लोग आतंकवादियों को बिरयानी खिलाते हैं और मोदी जी की सेना आतंकवादियों को गोली और गोला देती है।'
 
क्या भारतीय सेना को 'मोदी जी की सेना' कहना उचित है?
 
इस सवाल के जवाब में वीके सिंह ने बीबीसी को दिए खास इंटरव्यू में कहा, 'बीजेपी के प्रचार में सब लोग अपने आप को सेना भी बोलते हैं। लेकिन हम किस सेना की बात कर रहे हैं? क्या हम भारत की सेना की बात कर रहे हैं या पॉलिटकल वर्कर्स की बात कर रहे हैं? मुझे नहीं पता कि क्या संदर्भ है। अगर कोई कहता है कि भारत की सेना मोदी जी की सेना है तो वो गलत ही नहीं, वो देशद्रोही भी है। भारत की सेनाएं भारत की हैं, ये पॉलिटिकल पार्टी की नहीं हैं।'
 
जनरल सिंह ने कहा, 'भारत की सेनाएं तटस्थ हैं अपने आप के अंदर। इस चीज में सक्षम हैं कि वो राजनीति से अलग रहें। पता नहीं कौन ऐसी बात कर रहा है। एक ही दो लोग हैं जिनके मन में ऐसी बातें आती हैं क्योंकि उनके पास तो कुछ और है ही नहीं।'
 
वीके सिंह ने कहा, 'भारत की सेना की बात करते हैं तो भारत की सेना की बात करो। अगर आप पॉलिटिकल वर्कर्स की बात करते हैं, जिसको कई बार हम मोदी जी की सेना या बीजेपी की सेना बोल सकते हैं। लेकिन उसमें और भारत की सेना फर्क है।'
 
ऐडमिरल रामदास जो भारत की नौसेना के प्रमुख रहे हैं, जनरल हुड्डा नॉर्दन कमांड के हेड रहे हैं और इन दोनों ने ही कहा है कि सेना का राजनीतिकरण हो रहा है।
 
इस पर वीके सिंह ने कहा, 'उन्होंने राजनीतिकरण नहीं कहा। उन्होंने कहा है कि सेना की उपलब्धियों को राजनीतिक हित साधने के लिए लगता है कि इस्तेमाल हो रहा है। वहीं डीएस हुड्डा ने कहा कि ऐसा नहीं करना चाहिए। किसी ने ये नहीं कहा कि राजनीतिकरण हो रहा है।'
 
सर्जिकल स्ट्राइक पर फिल्म क्यों बनी? इस पर जनरल सिंह ने कहा, 'मूवी तो सब पर बनती है भाई। एक प्रहार मूवी बनी थी, आतंकवादियों के खिलाफ। यह तो 90 के दशक में बनी थी।'
 
राजनीतिक रैलियों में सीआरपीएफ जवानों के चेहरे क्यों लगाए जा रहे हैं? इस पर जनरल सिंह ने कहा, 'मुझे बताइए मैं यहां पर कोई बैनर लगाऊं और शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दूं तो क्या वो राजनीतिकरण है? जो कहते हैं कि ये राजनीतिकरण है तो उन्हें क्लास वन से पढ़ना चाहिए कि राजनीतिकरण क्या है?' 

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