Christmas 2021 : यीशु मसीह के बारे में 15 दिलचस्प बातें, जिन पर है मतभेद

अनिरुद्ध जोशी
बुधवार, 22 दिसंबर 2021 (16:08 IST)
Merry Christmas : ईसा मसीह के जन्म, जीवन, मृत्यु, सूली आदि सभी पर मतभेद और विवाद रहा है। हालांकि Merry Christmas Wishes : ईसा मसीह के जन्म, जीवन, मृत्यु, सूली आदि सभी पर मतभेद और विवाद रहा है। हालांकि इन शोधों में कितनी सचाई है यह तो शोधकर्ता ही बता सकते हैं परंतु हमने यहां संकलित किए हैं यीशु के जीवन से जुड़ी 15 दिलचस्प बातों को।
 
1. ईसा मसीह का जन्म 4 ईसा पूर्व हुआ या 6 ईसा पूर्व इसको लेकर भी मतभेद है। हालांकि अधिकतर जगं मान्य है कि 6 ईसा पूर्व उनका जन्म हुआ था।
 
2. ईसा मसीह का जन्म 25 दिसंबर को हुआ था या बसंत की किसी तारीख को, इसको लेकर भी मतभेद है।
 
3. ईसा मसीह 13 वर्ष की उम्र से लेकर 29 वर्ष की उम्र तक कहां रहे और क्या करते रहे, इसके बारे में कोई नहीं जानता। इसको लेकर भी मतभेद हैं।
 
 
4. ईसा मसीह की मातृ भाषा हिब्रू थी या अरामीक इसको लेकर भी मतभेद हैं।
 
5. ईसा मसीह के माता-पिता बेथलहम क्यों गए थे? क्या वे नाजरथ के थे? इसको लेकर भी विद्वानों में मतभेद हैं।
 
6. मदर मैरी या मरियम कुवांरी थी या नहीं इसको लेकर भी मतभेद हैं। मरियम योसेफ नामक बढ़ई की धर्म पत्नी थीं। कहते हैं कि विवाह के पूर्व ही वह परमेश्वर के प्रभाव से गर्भवती हो गई थीं और उन्होंने ईश्वर के पुत्र को जन्म दिया।
 
 
7. ईसा मसीह का जन्म एक गोशाला में हुआ था, अस्तबल में हुआ था या किसी गुफा में? इसको लेकर भी मतभेद हैं।
 
8. ईसा मसीह एक मसीहा थे या कि राज्य के विद्रोही? इस बात को लेकर भी मतभेद हैं। कहते हैं कि उन पर नबूवत का दावा करने, टेम्पल ऑफ माऊंट में जाकर रोमन गवर्नर पिलातुस के टैक्स कलेक्टरों और मनी चेंजरर्स के साथ बुरा व्यवहार करने और वहां तोड़फोड़ मचाने का आरोप था।
 
9. शुक्रवार के दिन यहूदियों के दबाव के चलते पिलातुस ने यीशु को सूली पर लटकाने का आदेश दिया। कुछ विद्वानों का मानना है कि उन्हें सूली नहीं दी गई थी, उन्हें बचा लिया था या वे सूली से बच गए थे और तब वे यहूदी राज्य छोड़कर चले गए थे।
 
 
10. रविवार के दिन सिर्फ एक स्त्री (मेरी मेग्दलीन) ने उन्हें उस गुफा के पास जीवित देखा जिसके अंदर उनका शव रखा गया था। 
 
11. मेरी मेग्दलीन कौन थी? उनकी शिष्या थी, प्रेमिका थी या पत्नी? इस बात को लेकर भी विद्वानों में मतभेद हैं।
 
12. लोस्ट गौस्पेल का हवाला देकर यह भी कहा जाता है कि मेरी मेग्दलीन से ईसा मसीह के दो पुत्र भी हुए थे। 
 
13. सूली देने की घटना के बाद यीशु फिर कभी यहूदी राज्य में नजर नहीं आए, परंतु कई शोधकर्ताकों का मानना है कि वे भारत आ गए थे और वहां पर वे लगभग 100 वर्ष की उम्र तक जीवित रहने के बाद उनका देहांत हो गया था। अहमदिया संप्रदाय मिर्जा गुलाम अहमद का भी यही मानना था कि इसा मसीह ने अपने जीवन का शेष भाग भारत के कश्मीर में ही गुजारा था। 
 
14. अक्सर चित्रों में ईसा मसीह को एक सुंदर गोरा व्यक्ति बताया जाता है लेकिन ईसा मसीह काले थे या गोरे? इसको लेकर भी मतभेद है। फॉरेंसिक साइंटिस्ट रिचर्ड नैवे के अनुसार जीसस को एक मिडल ईस्ट के ट्रेडिशनल यहूदी की तरह दिखाया है। उनका फेस उत्तरी इसराइल के गेलिली शहर के लोगों से मिलता है। उनका चेहरा बड़ा, काली आंखें, छोटे घुंघराले काले बाल और एक जंगली दाढ़ी के साथ चेहरे का रंग गहरा गेहूंआ था।
 
 
15. कश्मीर के श्रीनगर के रौजाबल में उनकी कब्र होने का दावा किया जाता है। बहुत से लोग दावा करते हैं कि वे क्रॉस पर चढ़े जरूर थे लेकिन उनकी मौत नहीं हुई थी। कुछ शोधकर्ताओं का मानना है कि भारत के कश्मीर में जिस बौद्ध मठ में उन्होंने 13 से 29 वर्ष की उम्र में शिक्षा ग्रहण की थी उसी मठ में पुन: लौटकर ईसा ने अपना संपूर्ण जीवन वहीं बिताया। लोगों का यह भी मानना है कि सन् 80 ई. में हुए प्रसिद्ध बौद्ध सम्मेलन में ईसा मसीह ने भाग लिया था।  एक रूसी अन्वेषक निकोलस नोतोविच ने भारत में कुछ वर्ष रहकर प्राचीन हेमिस बौद्ध आश्रम में रखी पुस्तक 'द लाइफ ऑफ संत ईसा' पर आधारित फ्रेंच भाषा में 'द अननोन लाइफ ऑफ जीजस क्राइस्ट' नामक पुस्तक लिखी है। इसमें ईसा मसीह के भारत भ्रमण के बारे में बहुत कुछ लिखा हुआ है।

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