Happy Father's Day : क्यों मैं पिता कहलाता हूं..

ज्योति जैन
मेरे पापा
 
तुमने चलना मुझे सिखाया...
 हाथ आज पकड़ता  हूं....
 
 मेरी ऊं..आं..समझी तुमने....
 आज शब्द में देता हूं .....
 
मुझे निवाले खिला चुके हो....
 अब मैं तुम्हें खिलाता हूं.?
 
जिन कंधों पर मुझे बिठाया..
 कांधे आज वह थामता हूं...।
 
 पापा आज मैं समझ गया हूं..
 क्यों मैं पिता कहलाता हूं...
 
(c) ज्योति जैन
 

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