Biodata Maker

world music day : समय के अनुसार सुनना चाहिए राग, जानिए यह रोचक जानकारी

Webdunia
- अथर्व पंवार
 
ऐसा कहा जाता है कि संगीत सुनने के लिए किसी समय का देखना जरुरी नहीं होता। पर यह कथन गलत है। शास्त्रीय संगीत में हर राग का एक विशेष समय होता है। रात के राग अलग होते हैं और दिन के अलग। उदाहरण के लिए अगर की कार्यक्रम शाम में होता है तो राग यमन, पुरिया धनश्री इत्यादि का गायन/वादन होता है, इसी प्रकार रात के समय जोग, मालकौंस और प्रातःकाल के समय भैरव, गुणकली इत्यादि का। जो लोग राग थरेपी लेते हैं, उन्हें भी इस बात का ध्यान अवश्य रखना चाहिए। सुबह की दवाई शाम में और शाम की सुबह खाएंगे तो फायदा कम होगा !, इसी प्रकार रागों को भी उनके विशेष काल में ही सुनना चाहिए।
 
इसी प्रकार अलग-अलग ऋतुओं के भी राग होते हैं, जैसे वसंत ऋतु का राग वसंत और वर्षा ऋतु के राग मल्हार, धुलिया मल्हार और मेघ।
 
आइए जानते हैं रागों को उनके समयानुसार-
 
सुबह के राग -
सोहनी, अहीर भैरव, भैरव, गुणकली, बिलासखानी तोड़ी, तोड़ी, जोगिया, रामकली इत्यादि
 
दोपहर के राग -
भीमपलासी, जौनपुरी, मुल्तानी, वृन्दावनी सारंग इत्यादि
 
शाम के राग -
यमन, पुरिया, पुरिया धनश्री, देस, दुर्गा, जयजयवंती इत्यादि
 
रात के राग -
बागेश्री, रागेश्री, मालकौंस, अड़ाना, दरबारी इत्यादि
 
रागों के काल चक्र को इस रागचक्र के माध्यम से समझ सकते हैं -
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

Kids Winter Care: सर्दी में कैसे रखें छोटे बच्चों का खयाल, जानें विंटर हेल्थ टिप्स

Winter Health Tips: सर्दियों में रखना है सेहत का ध्यान तो खाएं ये 5 चीजें

Sixty Plus Life: 60 साल की उम्र में BP बढ़ने पर हृदय रोग, स्ट्रोक और किडनी का खतरा सबसे ज्यादा, जानें कैसे बचें?

Winter Recpe: सर्दियों में रहना है हेल्दी तो बनाएं ओट्स और मखाने की स्वादिष्ट चिक्की, मिलेंगे कई सेहत फायदे

Winter Superfood: सर्दी का सुपरफूड: सरसों का साग और मक्के की रोटी, जानें 7 सेहत के फायदे

सभी देखें

नवीनतम

ओशो: रजनीश से बुद्धत्व तक, एक असाधारण सद्गुरु की शाश्वत प्रासंगिकता

Veer Narayan Singh: वीर नारायण सिंह बलिदान दिवस, जानें उनके वीरता की कहानी, पढ़ें 5 अनसुनी बातें

Human Rights Day:10 दिसंबर को मानवाधिकार दिवस क्यों मनाया जाता है?

मेंटल हेल्थ स्ट्रांग रखने के लिए रोजाना घर में ही करें ये 5 काम

Traditional Punjabi Recipe: कैसे बनाएं पारंपरिक पंजाबी भोजन सरसों का साग और मक्के की रोटी

अगला लेख