मजेदार बाल कविता : जूतों की थापों पर

प्रभुदयाल श्रीवास्तव
सोमवार, 24 जून 2024 (17:30 IST)
चूहे जी ससुराल गए तो,
जूते चुरा लिए साली ने।
वापस कैसे पाएं जूते,
मदद नहीं की घरवाली ने।
 
चूहे ने गुस्से के मारे,
घरवाली को दिया निकाल।
गोरे रंग वाली साली से,
रिश्ता जोड़ लिया तत्काल।
 
उन्हीं चुराए जूतों से अब,
साली से पिटते हर दिन।
जूते की थापों पर चूहा,
नाच दिखाता तिक-तिक-धिन।
 
(यहां पर दिए किसी भी कंटेट के प्रकाशन के लिए लेखक/वेबदुनिया की अनुमति/स्वीकृति आवश्यक है, इसके बिना रचनाओं/लेखों का उपयोग वर्जित है...)

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

सावन में कढ़ी क्यों नहीं खाते? क्या है आयुर्वेदिक कारण? जानिए बेहतर विकल्प

हर किसी के लिए सुरक्षित नहीं होता आइस बाथ, ट्रेंड के पीछे भागकर ना करें ऐसी गलती

सावन में हुआ है बेटे का जन्म तो लाड़ले को दीजिए शिव से प्रभावित नाम, जीवन पर बना रहेगा बाबा का आशीर्वाद

बारिश के मौसम में साधारण दूध की चाय नहीं, बबल टी करें ट्राई, मानसून के लिए परफेक्ट हैं ये 7 बबल टी ऑप्शन्स

इस मानसून में काढ़ा क्यों है सबसे असरदार इम्युनिटी बूस्टर ड्रिंक? जानिए बॉडी में कैसे करता है ये काम

सभी देखें

नवीनतम

क्या हमेशा मल्टी ग्रेन आटे की रोटी खाना है सेहतमंद, जान लें ये जरूरी बात

7 चौंकाने वाले असर जो खाना स्किप करने से आपकी बॉडी पर पड़ते हैं, जानिए क्या कहती है हेल्थ साइंस

मानसून में डेंगू के खतरे से बचने के लिए आज ही अपना लें ये 5 आसान घरेलु उपाय

ऑपरेशन सिंदूर पर शानदार कविता: भारत के स्वाभिमान और देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत पंक्तियां

शताब्दी वर्ष में समाज परिवर्तन के लिए सक्रिय संघ

अगला लेख