बाल कविता : मम्मी पिलाती डांट की घुट्टी

शम्भू नाथ
होमवर्क करना पड़ता है, 
किस बात की होती छुट्टी। 
जब देखो तब मम्मी मेरी, 
पिलाती डांट की घुट्टी।
 
घूमने कहीं जाने न देती, 
घर पर ही खेलूं कोई खेल। 
कहती करो पढ़ाई जम के, 
नहीं तो हो जाओगे फेल। 
 
सैर-सपाटा जाने नहीं देती, 
बांध के हरदम रखती मुट्ठी। 
जब देखो तब मम्मी मेरी, 
पिलाती डांट की घुट्टी।
 
कुछ दिन ही हैं स्कूल खुलेंगे, 
फिर समय न जल्दी आएगा। 
समझ मजबूरी अपनी पप्पू, 
नित्य विद्यालय जाएगा। 
 
लिखी कॉपियां मुरझाएंगी, 
बन जाएगी जल्द ही रद्दी। 
जब देखो तब मम्मी मेरी, 
पिलाती डांट की घुट्टी। 
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

अपनों का दिन बनाएं मंगलमय, भेजें सुन्दर आध्यात्मिक सुप्रभात् संदेश

रात को शहद में भिगोकर रख दें यह एक चीज, सुबह खाने से मिलेंगे सेहत को अनगिनत फायदे

इम्युनिटी बढ़ाने के साथ दिन भर तरोताजा रखेंगे ये गोल्डन आइस क्यूब, जानिए कैसे तैयार करें

कॉर्टिसोल हार्मोन को दुरुस्त करने के लिए डाईट में शामिल करें ये 4 चीजें, स्ट्रेस को कहें बाय-बाय

क्या प्रोटीन सप्लीमेंट्स लेने से जल्दी आता है बुढ़ापा, जानिए सच्चाई

सभी देखें

नवीनतम

23 मार्च भगतसिंह, सुखदेव और राजगुरु का शहीदी दिवस

वेंटिलेटर पर रिफिल

विश्व मौसम विज्ञान दिवस कब और क्यों मनाया जाता है? जानें इस वर्ष की थीम

कवि विनोद कुमार शुक्ल, ज्ञानपीठ सम्मान की खबर और उनसे मिलने की एक चाह

हर मौसम में काम आएंगे पानी के संकट से बचने के ये 10 तरीके

अगला लेख