सस्ता हुआ क्रूड, आखिर क्यों नहीं घटे पेट्रोल-डीजल के दाम?

Webdunia
शनिवार, 10 सितम्बर 2022 (16:13 IST)
नई दिल्ली। सरकार भले ही दावा करें कि देश में महंगाई बड़ा मुद्दा नहीं है लेकिन रोजमर्रा के दाम बढ़ने से आम आदमी का हाल बेहाल है। 90 दिन में क्रूड ऑयल 27 फीसदी सस्ता हुआ है लेकिन देश में पेट्रोल डीजल के दाम पिछले 110 दिनों से कम नहीं हुए हैं।
 
केंद्र सरकार ने नवंबर 2021 और मई 2022 में एक्साइज ड्यूटी घटाकर कर पेट्रोल डीजल सस्ता किया था। केंद्र ने नवंबर में पेट्रोल पर 5 और डीजल पर 10 रुपए घटाए थे। मई में पेट्रोल 8 और डीजल 6 रुपए प्रति लीटर सस्ता हुआ था।
 
उल्लेखनीय है कि 9 जून को क्रूड के दाम 121.28 डॉलर प्रति बैरल थे जो 8 सितंबर को घटकर 89 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गए। विशेषज्ञों के अनुसार, इस हिसाब से यहां पेट्रोल के दाम 3 से 4 रुपए तक कम हो सकते हैं।
 
कांग्रेस का हमला : कांग्रेस ने भी ट्वीट कर कहा कि कच्चा तेल तो सस्ता हो गया मोदी जी... आप पेट्रोल-डीजल कब सस्ता करेंगे? 2014 में कच्चा तेल: 107 डॉलर प्रति बैरल था और पेट्रोल के दाम 71 रुपए लीटर थे। अभी कच्चा तेल 90 डॉलर प्रति बैरल है और पेट्रोल के दाम 100 के पार है। नींद से जागो मोदी जी, जनता को महंगाई से राहत दो।
तेल कंपनियों को कितना घाटा : सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों को चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में लागत मूल्य बढ़ने के बावजूद पेट्रोल और डीजल की कीमतों को स्थिर रखने की वजह से कुल 18,480 करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ा। बढ़ती खुदरा मुद्रास्फीति के दबाव में 5 महीने से पेट्रोलियम उत्पादों के दाम नहीं बढ़ाए गए हैं।
 
आईओसी ने गत 29 जुलाई को कहा था कि अप्रैल-जून तिमाही में उसे 1,995.3 करोड़ रुपए का शुद्ध घाटा हुआ। एचपीसीएल ने भी इस तिमाही में रिकॉर्ड 10,196.94 करोड़ रुपए का घाटा होने की सूचना दी जो उसका किसी भी तिमाही में हुआ सर्वाधिक घाटा है। इसी तरह बीपीसीएल ने भी 6,290.8 करोड़ रुपए का घाटा दर्ज किया है।
 
12-14 रुपए प्रति लीटर का नुकसान : आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने जुलाई में एक रिपोर्ट में कहा था कि आईओसी, बीपीसीएल और एचपीसीएल ने पेट्रोल और डीजल को 12-14 रुपए प्रति लीटर के नुकसान पर बेचा जिससे तिमाही के दौरान उनका राजस्व प्रभावित हुआ।
 
क्या बोले पेट्रोलियम मंत्री : केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में नरमी के बावजूद भारतीय तेल कंपनियां घाटे में हैं। विकसित देशों में जुलाई 2021 से अगस्त 2022 के बीच ईंधन की कीमतों में 40 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। लेकिन भारत में 2.12 फीसदी की कमी आई है। तेल कंपनियों को घाटे से उबरने के लिए थोड़ा और वक्त चाहिए।
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

अमित शाह बोले- नक्सलवाद के अभिशाप से मुक्त होगा देश, नक्सलियों से की यह अपील

भारत ने बांग्लादेश को दी चेतावनी, खुद के गिरेबान में झांक लो, बंगाल हिंसा पर ज्ञान न दे

अमेरिका ने दी भारतीय छात्रों को चेतावनी, कानून का उल्लंघन करने वालों को होगी सजा

तमिलनाडु के CM स्टालिन ने अमित शाह को दी चुनौती, जानिए किन मुद्दों पर साधा निशाना...

ये हैं दुनिया के शीर्ष 10 शक्तिशाली देशों की नई लिस्ट, क्या कायम है अमेरिका का दबदबा? जानिए भारत का नंबर

सभी देखें

नवीनतम

पृथ्वी दिवस 2025: कैसे सुधारा जा सकता है धरती के पर्यावरण को?

उद्धव ठाकरे ने चेताया, महाराष्ट्र में हिन्दी को नहीं बनाने देंगे अनिवार्य

टैरिफ में राहत से झूमे भारतीय शेयर बाजार, कैसा रहेगा अप्रैल का आखिरी हफ्ता?

अपनी पाठशाला के लिए लड़ाई लड़ेंगे फाइन आर्ट्स के छात्र, देवलालीकर फाउंडेशन की स्‍थापना के साथ किया मास्‍टर्स को याद

इंदौर में लू का कहर, आठवीं तक के स्‍कूल 12 बजे के बाद नहीं लगेंगे, परिजन कर रहे अवकाश की मांग

अगला लेख