शाहिद अफरीदी ने खुद खोला असली उम्र का राज, जानिए कितने साल का है यह स्टार क्रिकेटर

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कराची। पाकिस्तान के स्टार ऑलराउंडर शाहिद अफरीदी की उम्र को लेकर कयास लगाए जाते रहे हैं और कोई भी उनकी सही उम्र का अंदाजा नहीं लगा पाया है लेकिन अब खुद अफरीदी ने इसका राज खोलते हुए कहा कि क्रिकेट की रिकॉर्ड पुस्तिका में हमेशा उनकी उम्र 5 वर्ष कम दिखाई गई। अफरीदी का जन्म 1975 में हुआ था और आधिकारिक आंकड़ों के यह 1980 दर्ज है। 
अफरीदी ने अपनी आत्मकथा ‘गेम चेंजर’ में इस बात का खुलासा किया है कि क्रिकेट के आधिकारिक रिकॉर्डों में दिखाई गई उनकी उम्र सही नहीं है। अपनी आत्मकथा में उन्होंने बताया कि पाकिस्तान की सीनियर टीम के लिए उन्हें अक्टूबर, 1996 में बुलाया गया था। 
 
इसके साथ उन्होंने लिखा है कि उनका जन्म 1975 में हुआ था जबकि क्रिकेट वेबसाइट क्रिकइंफो के खिलाड़ी प्रोफाइल पेज पर उनका जन्म 1 मार्च 1980 का दिखाया गया है जो कि 5 साल ज्यादा है।
अफरीदी ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में नैरोबी में एकदिवसीय त्रिकोणीय श्रृंखला पदार्पण किया था, जहां उन्होंने 37 गेंदों में सबसे दुनिया का तेज वनडे शतक जड़ा था। उनका यह रिकॉर्ड 17 साल तक टिका रहा था। यदि खिलाड़ी रिकॉर्ड के हिसाब से देखा जाए तो उस समय उनकी उम्र 16 वर्ष होनी चाहिए थी लेकिन उनकी ताजा स्वीकारोक्ति के बाद उस समय उनकी उम्र 20 या 21 वर्ष रही होगी।
अफरीदी उसके बाद नैरोबी से वेस्टइंडीज पहुंचे थे, जहां उन्होंने पाकिस्तान के लिए अंडर-19 सीरीज खेली जबकि उस समय वह अंडर-19 खिलाड़ी नहीं थे। अफरीदी को संन्यास लिए हुए लम्बा अरसा हो गया है लेकिन पीएसएल के इस सत्र में उन्होंने मुल्तान सुल्तांस के लिए 8 मैच खेले और 10 विकेट लिए। उनकी आत्मकथा के हिसाब से देखा जाए तो उन्होंने 43 या 44 की उम्र में ऐसा प्रदर्शन किया।
अगर उनका जन्म 1975 में हुआ है जैसा कि उन्होंने अपनी आत्मकथा में लिखा है तो इसके अनुसार जब उन्होंने 2010 में अचानक टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की थी तब वह 34 या 35 वर्ष के थे। 4 साल बाद उन्होंने इस प्रारूप में वापसी की तो उन्होंने सिर्फ एक टेस्ट खेला। जब उन्होंने 2016 में पाकिस्तान के लिए अपना आखिरी टी-20 मुकाबला खेला था, तब वह 36 वर्ष के नहीं, बल्कि 40 या 41 वर्ष के थे।
शाहिद अफरीदी ने 27 टेस्ट, 398 एकदिवसीय और 99 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले। विश्व टी20 2016 के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने वाले इस पूर्व कप्तान ने अपनी किताब में पूर्व दिग्गज गेंदबाजी वकार यूनिस को भी निशाना बनाया। यूनिस 2016 में भारत में हुए विश्व टी20 के दौरान टीम के कोच थे।
उन्होंने लिखा, दुर्भाग्य से वह अतीत को नहीं भुला पाए। वकार और मेरा इतिहास रहा है, इसकी शुरुआत कप्तानी को लेकर वसीम के साथ उनके मतभेद को लेकर हुई। वह औसत दर्जे का कप्तान था लेकिन बदतर कोच। वह हमेशा कप्तान यानी मुझे बताने का प्रयास करता था कि क्या करना है। यह स्वाभाविक भिड़ंत थी और ऐसा होना ही था।

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