मदर्स डे पर एक कविता थोड़ी हटकर : मां जैसे हर मिठाई...हर नमकीन

Webdunia
सुजाता देशपांडे 
 
यहां वहां, जहां तहाँ 
हर पल में समाई है मा। 
सर्वव्यापी ईश्वर का ही 
दूजा नाम है मां। 
मिठाई की दुकान में भी 
दर्शन हुआ मुझे मां का। 
मां मेरी रसगुल्ला 
प्रेम चासनी जिसमें डूबा 
मां के दिल का नरम गोला। 
मां मेरी गुलाब जामुन, 
बातें करें मीठी मीठी प्यार भरी 
हो जाए उसके गाल गुलाबी।
मां मेरी गुड की पट्टी 
जब गुस्सा होती कड़क शब्द 
इस्तमाल करती।
ऐसे रूठती की बड़ी मुश्किल से टूटती, 
तब कहीं मिठास का एहसास दिलाती। 
मां, रबड़ी की मोटी मलाई 
जब सिरपर रखे प्यार भरा हाथ, 
मिले सुकून और भरोसा, जैसे स्वादिष्ट समोसा 
होवे मन में संचार आत्मविश्वास का। 
स्वाद मिले हर डिश खास का 
मां लगे नमकीन चिवडा 
तेज और चटपटा ,
जब बहस पर उतर आती 
न जाने क्या क्या मसालेदार उदाहरण देती,
और सबको चुप कर देती।  
मां लगती कभी जलेबी-इमरती 
कभी घेवर तो कभी फेनी, कभी जीरावन कभी गरम मसाला 
उसका तो हर स्वाद मनभावन निराला। 
रसोई से बैठक तक मां का रुतबा, उसके बिना घर लागे सूना सूना, 
मां तो हैं नवरसों से भरा प्याला, 
ये अमृत धारा बनाती सेहत को हरियाला... 
 
रचनाकार  :  सुजाता देशपांडे

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

जानिए कैसे मंगोल शासक अल्तान खान की वजह से शुरू हुई थी लामा परंपरा? क्या है दलाई लामा का इतिहास

Hustle Culture अब पुरानी बात! जानिए कैसे बदल रही है Work की Definition नई पीढ़ी के साथ

ग्लूटाथियोन बढ़ाने के लिए इंजेक्शन या दवाइयां खाने से बेहतर है खाएं ये फल और सब्जियां, जानें कुदरती उपाय

सावन मास में शिवजी की पूजा से पहले सुधारें अपने घर का वास्तु, जानें 5 उपाय

सिरदर्द से तुरंत राहत पाने के लिए पीएं ये 10 नैचुरल और स्ट्रेस बस्टर ड्रिंक्स

सभी देखें

नवीनतम

सावन में रचाएं भोलेनाथ की भक्ति से भरी ये खास और सुंदर मेहंदी डिजाइंस, देखकर हर कोई करेगा तारीफ

ऑफिस में नींद आ रही है? जानिए वो 5 जबरदस्त ट्रिक्स जो झटपट बना देंगी आपको अलर्ट और एक्टिव

सुबह उठते ही सीने में महसूस होता है भारीपन? जानिए कहीं हार्ट तो नहीं कर रहा सावधान

चातुर्मास: जब शिव संभालते हैं सृष्टि और विष्णु लेते हैं योग निद्रा

ये 10 फूड्स खाकर बढ़ जाता है आपका स्ट्रेस, भूलकर भी ना करें इन्हें खाने की गलती

अगला लेख