देवास में 8 मोर की संदिग्‍ध मौत, पोस्‍टमार्टम में होगा खुलासा, जांच में जुटा वन विभाग

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
मंगलवार, 3 दिसंबर 2024 (17:47 IST)
देवास जिले के दुर्गापुर में आठ मोर की संदिग्‍ध मौत का सनसनीखेज मामला सामने आया है। खबर सामने आने के बाद वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू की है। मोर की मौत का यह मामला संदिग्‍ध बताया जा रहा है।

बता दें कि यह घटना देवास के ठीक पास दुर्गापुर गांव में हुई है। जहां राष्ट्रीय पक्षी मोर की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि स्थानीय ग्रामीणों द्वारा वन विभाग को सूचना दी गई, जिसके बाद वन विभाग और वेटनरी डॉक्टरों की टीम मौके पर पहुंची। टीम जांच में जुटकर मामले की पडताल की जा रही है। स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि जब वे खेत पर पहुंचे तो सुबह उन्‍हें मोर मरे हुए नजर आए। बाद में जानकारी सामने आई कि मृत मोर की संख्‍या 8 हैं।

पोस्‍टमार्टम के बाद होगा खुलासा : मौके पर वन विभागों टीम और वेटनरी डॉक्टरों के टीम भी मौके पर पहुंची। मामले को लेकर वन परिक्षेत्र अधिकारी राजेंद्र सोलंकी भी दुर्गापुर गांव पहुंचे, जहां उन्होंने ने बताया दुर्गापुर के किसान द्वारा आज वन विभाग की टीम को सूचना दी गई कि उनके खेत में मृत अवस्था में मोर दिखे है। वहीं पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद खुलासा होगा कि मोरों की मौत किस कारण से हुई है। पोस्टमार्टम के बाद मोरों का अंतिम संस्कार किया जाएगा।

पांच मादा, 3 बच्‍चे शामिल : जब वन विभाग के टीम मौके पर पहुंची तो 8 मोरों की मौत हो गई, जिनमें पांच मादा और तीन बच्चे हैं। मोरों की मौत होना एक चिंता का विषय है। पोस्टमार्टम की रिपोर्ट के बाद एक खुलासा होगा कि मोरों की मौत किस कारण से हुई है। प्रथम दृष्टिया आसपास फसलों में केमिकल का जो छिड़काव हुआ है, उससे भी मोरों की मौत हो सकती है। लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही खुलासा होगा कि मोरों की मौत कैसे हुई।

क्‍या कहा डीएफओ ने : DFO देवास प्रदीप मिश्र ने बताया कि वनमण्डल देवास से लगभग 12 किलोमीटर दूर दुर्गापुर के कृषक के टमाटर के खेत में 8 मोर (5 वयस्क, 3 अवयस्क) मृत्य पाए गए। घटना लगभग प्रातः 11 बजे की है। ग्रामीण के द्वारा सूचित किया गया। मेरे द्वारा घटना स्थल का मौका निरीक्षण किया गया, सभी मोर पक्षी के समस्त अंग सुरक्षित पाए गए, प्रथम दृष्टया कीट नाशक अथवा कोई विषैला पदार्थ के खाने से मृत्यु होने की आशंका है, पोस्ट मॉर्टम की कार्यवाही प्रचलित है, मौके पर आवश्यकतानुसार मिट्टी, जल स्रोत, चने एवं टमाटर के खेत में डाले जाने वाले सभी प्रकार के पेस्टीसाइड/इनसेक्टिसाइड के सैंपल बोतल सहित मौके से लेकर सुरक्षित रख लिए गए हैं।
Edited by Navin Rangiyal

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