जेएनयू-जामिया की तरह क्‍या अब गार्गी कॉलेज बनेगा ‘राजनीतिक बहस’ का केंद्र?

नवीन रांगियाल
दिल्‍ली में गार्गी कॉलेज में हुई छेड़छाड़ की घटना अब राजनीतिक बहस का केंद्र बनने वाली है। सोशल मीडिया पर इसकी शुरुआत भी हो चुकी है। इस घटना को सीएए के समर्थन से जोड़कर बताया जा रहा है। सोमवार को यह मामला लोकसभा में भी उठाया गया। महिला आयोग ने भी मामले का संज्ञान लिया है।

दरअसल, घटना 6 फरवरी की है। दिल्‍ली में स्‍थित गार्गी कॉलेज की छात्राओं का आरोप है कि उनके कॉलेज का वार्षिक महोत्‍सव चल रहा था, इसी दौरान कुछ लोग कॉलेज की दीवार फांदकर अंदर आ गए और उनके साथ अश्लील हरकत की। छात्राओं का कहना है कि वे लोग शराब पिये हुए थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक गुरुवार को दोपहर 3 बजे से लेकर रात 9 बजे तक छात्राओं के साथ छेड़छाड़ होती रही, लेकिन जैमर लगा होने के चलते वे शिकायत नहीं कर सकीं।

ऐसे में सवाल यह भी है कि फेस्ट के दौरान पुलिस और कॉलेज की सिक्यॉरिटी तैनात थी, तो फिर कैसे लोग अंदर घुस गए। इस पूरे मामले में गार्गी कॉलेज के कार्यवाहक प्रिंसिपल ने कहा कि यह कार्यक्रम अन्य डीयू कॉलेजों में पढ़ने वाले लड़कों के लिए खुला था। हमारे पास कैंपस और स्टाफ पर पुलिस, कमांडो और बाउंसर थे। ड्यूटी पर भी लोग थे।

प्रिंसिपल ने लड़कियों पर उठाया सवाल
प्रिंसिपल ने बताया कि फेस्ट में कॉलेज से बाहर डीयू के कॉलेजों के स्टूडेंट्स आते हैं। उन्होंने यह माना है कि भीड़ बहुत थी और इसमें कई बाहरी लोग थे, कुछ दीवार कूद के भी आए। मगर उनका कहना है कि वे मिडल एज मैन नहीं थे, क्योंकि वो दीवार फांदकर कैसे आ सकते हैं! एक-दो लोगों को हमारी सिक्यॉरिटी ने बाहर निकाला भी, जैसे जो हमें नशे में लगा या किसी पर शक हुआ। हम सतर्क थे। उन्होंने यह भी कहा, लड़कियों के लिए फेस्ट में अलग से जगह भी थी, हालांकि कई लड़कियां उससे बाहर गईं, क्योंकि वे अपने दोस्तों के साथ रहना चाहती थीं।

छात्राएं आज करेंगी शिकायत
हालांकि घटना की शिकायत में देरी को लेकर भी सवाल उठ रहे है। इस पर लड़कियों का कहना है कि उन्होंने प्रिंसिपल, प्रशासन के अधिकारियों को मौखिक शिकायत उसी दिन दे दी थी और सोमवार को लिखित शिकायत देंगी। स्टूडेंट्स के मुताबिक 7 फरवरी को फेस्ट के बाद की छुट्टी थी। 8 को वोटिंग डे था और फिर रविवार। इसके साथ ही लड़कियों के बयानों को भी इकट्ठा किया जा रहा है। सोमवार को स्टूडेंट्स कॉलेज में इकट्ठा होकर सुबह प्रदर्शन भी करेंगी।

इधर सोशल मीडिया पर इस मामले को राजनीतिक रंग दिया जा रहा है। सोमवार को लोकसभा में भी यह मामला गूंजा। अब तक मामले की जांच भी नहीं हुई और इसे सीएए के समर्थकों की करतूत बताया जा रहा है। जेएनयू, जामिया और एएमयू पहले ही विवाद और राजनीतिक बहस के केंद्र में हैं, ऐसे में अब गार्गी कॉलेज भी राजनीति का अड्डा बनने वाला है।

क्‍या है गार्गी कॉलेज का इतिहास
दिल्‍ली के गार्गी कॉलेज की स्थापना साल 1967 में हुई थी। नैक ने गार्गी कॉलेज को ग्रेड ‘ए’ में रखा है। बता दें कि गार्गी कॉलेज सिर्फ लड़कियों की पढ़ाई के लिए है। इस कॉलेज में 4 हजार करीब छात्राएं पढ़ रही हैं। दिल्‍ली यूनिवर्सिटी के साउथ कैंपस में गार्गी कॉलेज काफी प्रचलित है। कहा जाता है कि वैदिक काल की विदुषी महिला गार्गी के नाम पर इस कॉलेज का नाम रखा गया था। इस कॉलेज से हिंदी सिनेमा की गई अभिनेत्रियों ने पढ़ाई की है। इनमें सान्या मल्होत्रा, सोनल चौहान और हुमा कुरैशी भी शामिल हैं।

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