चिंता की बात तो है, उत्तरी कश्मीर में बढ़ी विदेशी आतंकियों की संख्या

Terrorists
सुरेश एस डुग्गर
सोमवार, 6 सितम्बर 2021 (16:57 IST)
जम्मू। जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के मोर्चे से 2 बुरी खबरें हैं। पहली, नार्थ कश्मीर में अचानक विदेशी आतंकियों की बाढ़ आ गई है तो दूसरी अभी तक कश्मीर में हुए आतंकी हमलों में आतंकियों का सारा जोर राजधानी शहर श्रीनगर में रहा है, जहां उन्होंने रिकॉर्ड हमले किए हैं।

रक्षा सूत्रों के बकौल, नार्थ कश्मीर अर्थात बारामुल्ला, बांडीपोरा तथा कुपवाड़ा के एलओसीसे से सटे तीनों जिलों में अनुमानतः 50 से 60 आतंकी हैं और इनमें 11 से 12 ही लोकल हैं। हालांकि सूत्रों के बकौल, विदेशी आतंकियों की संख्या को अफगानिस्तान के हालात से जोड़कर नहीं देखा जा सकता, क्योंकि उनकी संख्या में इजाफा पिछले 2 से 3 महीनों के बीच देखा गया है।
ALSO READ: भारत में आतंकी हमले को लेकर अलर्ट जारी, इसराइली बन सकते हैं निशाना
इन अधिकारियों के बकौल, नार्थ कश्मीर के प्रति चिंता का विषय यह था कि पहली बार साउथ कश्मीर की बनिस्बत नार्थ कश्मीर में ज्यादा आतंकी हलचल को देखा जा रहा है। हालांकि पिछले साल सुरक्षाबलों ने कश्मीर वादी में 32 विदेशी आतंकियों को ढेर किया था और इस बार अभी तक मात्र 9 ही मारे गए हैं अर्थात बाकी अभी भी पहुंच से बाहर हैं।
ALSO READ: राजनाथ बोले- मोदी के पीएम बनने के बाद देश में कोई बड़ा आतंकी हमला नहीं, भाजपा सरकार से डरे आतंकी
आतंकवाद के मोर्चे पर दूसरी चौंकाने वाली खबर यह है कि आतंकियों ने इस बार अभी तक कश्मीर में 75 से अधिक बड़े हमलों को अंजाम दिया है। चर्चा का विषय यह नहीं है कि कितनों में उन्हें कामयाबी मिली और कितनों में नाकामी, बल्कि चिंता और चर्चा का विषय यह है कि 20 परसेंट से अधिक अर्थात 16 के करीब खतरनाक हमले सिर्फ श्रीनगर में ही हुए।

यही नहीं इस साल अभी तक आधिकारिक तौर पर आतंकी हमलों में 15 के करीब सुरक्षाकर्मी भी शहीद हुए, जिनमें से आधे श्रीनगर में हुए हमलों में ही मारे गए। वैसे यह भी सच है कि कश्मीर में इस बार मारे गए आतंकी कमांडरों में से एक अच्छी खासी संख्या में श्रीनगर में ही मारे गए, जिससे यह साबित होता है कि श्रीनगर जिला अब आतंकवाद का नया मैदान बनता जा रहा था जिसके प्रति सुरक्षाधिकारी कई बार यह दावा कर चुके कि श्रीनगर आतंकवाद मुक्त है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

Gold : सोना होने वाला है सस्ता, जानिए किन कारणों से गिर सकते हैं दाम

ईदगाह और हामिद का चिमटा... Waqf की बहस में क्यों हुआ प्रेमचंद की इस कहानी का जिक्र?

बला की खूबसूरत हैं थाईलैंड की 38 साल की प्रधानमंत्री, PM मोदी के साथ सोशल मीडिया पर फोटो वायरल

EPFO क्लेम प्रोसेस को सरकार ने बनाया और भी आसान, इन परेशानियों से मिलेगी मुक्ति

क्या बदलेगा वक्फ कानून को लेकर, 8 पॉइंट्‍स से समझिए

सभी देखें

नवीनतम

सरकार ने जब सारी संपत्ति बेच ली फिर उसकी नजर वक्फ पर पड़ी : रामगोपाल यादव

इजराइल के एयर स्ट्राइक में गाजा में 27 लोग मारे गए, 70 से अधिक अन्य घायल

वैश्विक व्यवस्था में हो रही उथल-पुथल, हर क्षेत्र को खुद पर ध्यान देना होगा : जयशंकर

जद (यू) नेता ने वक्फ विधेयक पर पार्टी के रुख को लेकर इस्तीफा दिया

क्या प्रमुख मंदिरों का प्रबंधन करने वाले न्यासों में गैर हिंदुओं को जगह मिलेगी : इम्तियाज जलील

अगला लेख