आरएसएस बोला, अयोध्या में राम मंदिर के लिए जमीन का अधिग्रहण हो

Webdunia
बुधवार, 31 अक्टूबर 2018 (23:37 IST)
मुंबई/नई दिल्ली। अयोध्या में जल्द से जल्द राम मंदिर निर्माण की पैरवी करते हुए आरएसएस ने बुधवार को कहा कि मंदिर निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण को लेकर कानून बनाना चाहिए, ठीक उसी तरह जैसे सरदार वल्लभभाई पटेल ने गुजरात में सोमनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण कराया था। 
 
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने केंद्र से 1994 में उच्चतम न्यायालय में तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा उच्चतम न्यायालय में किए गए वादों को पूरा करने का अनुरोध किया। संघ ने कहा कि तत्कालीन सरकार इस बात पर सहमत हो गयी थी कि यदि बाबरी मस्जिद बनने से पहले वहां मंदिर होने के साक्ष्य पाए गए तो वह हिन्दू समुदाय का साथ देगी। 
 
संघ के सह सरकार्यवाह मनमोहन वैद्य ने कहा कि उत्तरप्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर बनाने का मुद्दा हिंदू और मुस्लिम समुदाय तक ही सीमित नहीं है। भायंदर में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत द्वारा रामभाऊ म्हालगी प्रबोधिनी में संगठन की अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल बैठक का शुभारंभ करने के बाद वैद्य ने मीडिया को संबोधित किया।
 
एक सवाल के जवाब में वैद्य ने कहा कि राम मंदिर आत्मसम्मान और गौरव का विषय है। जैसे कि सरदार पटेल ने सोमनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण कराया था...सरकार को राम मंदिर के निर्माण के लिए जमीन का अधिग्रहण करना चाहिए और इसे निर्माण के लिए सौंप देना चाहिए। सरकार को इसके लिए कानून बनाना चाहिए।
 
उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा था कि अगले साल जनवरी से उचित पीठ राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद से जुड़े मामलों की सुनवाई करेगी। इसके बाद विवादित स्थल पर मंदिर के जल्द निर्माण के लिए कानून बनाए को लेकर सत्तारूढ़ भाजपा और आरएसएस के भीतर से मांग उठने लगी है। कांग्रेस कह चुकी है कि सभी पक्षों को न्यायालय के आदेश का पालन करना चाहिए।
 
वैद्य ने कहा, ‘न्यायालय ने कहा था कि नमाज के लिए मस्जिद जरूरी नहीं है और सड़कों पर भी नमाज अदा की जा सकती है। इसके अलावा जबरन अधिग्रहित जमीन पर नमाज अदा नहीं की जा सकती। न्यायालय ने यह भी कहा है कि यह (जमीन का अधिग्रहण) धार्मिक कृत्य नहीं है।’
 
उन्होंने दावा किया कि 1994 में कांग्रेस के शासन के दौरान सॉलिसिटर जनरल ने उच्चतम न्यायालय में हलफनामा देकर कहा था कि अगर सबूत मिलता है कि मंदिर को ढहाकर मस्जिद का निर्माण हुआ था तो सरकार हिंदू समुदाय की भावनाओं के साथ है। 
 
वैद्य ने कहा कि अब हमारे पास सबूत हैं...साथ ही मुद्दा बिना फैसले के अदालत में काफी समय से लंबित है। अब मुद्दा बस जमीन अधिग्रहण करने और मंदिर निर्माण के लिए इसे सौंपने का है। आरएसएस नेता ने कहा कि मुद्दा हिंदुओं और मुसलमानों या मंदिर अथवा मस्जिद तक ही सीमित नहीं है बल्कि देश के गौरव को बहाल करने का है। उन्होंने कहा, ‘‘सरकार को अब 1994 में किए गए वादों को पूरा करना चाहिए।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

CM धामी ने बदले 18 स्थानों के नाम, औरंगजेबपुर हुआ शिवाजी नगर

कौन हैं निधि तिवारी, बनीं पीएम मोदी की Personal Secretary?

जानिए कौन हैं घिबली' आर्ट की शुरुआत करने वाले हयाओ मियाजाकी, कितनी संपत्ति के हैं मालिक

सावधान! अप्रैल-जून में पड़ेगी सामान्य से ज्यादा गर्मी, लू से होगा सामना

1 अप्रैल की रात से बैंकिंग से लेकर यूपीआई तक बदल रहे हैं ये नियम

सभी देखें

नवीनतम

IDF ने 15 फिलिस्तीनी चिकित्साकर्मियों की हत्या की, सामूहिक कब्र में दफनाया

इस बार RSS की पसंद का होगा भाजपा अध्यक्ष, ये नाम हैं चर्चा में

सस्ता हुआ कमर्शियल गैस सिलेंडर, जानिए क्या है नए दाम?

LIVE: जम्मू-कश्मीर के कठुआ में सुरक्षाबलों की आतंकियों से मुठभेड़

MP : अहमदाबाद-बरौनी एक्सप्रेस के डिब्बे में लगी आग, यात्रियों में मचा हड़कंप, कोई हताहत नहीं

अगला लेख